सुरक्षा परिषद में आईसीसी मुख्य अभियोजक – दार्फ़ूर में न्याय सुनिश्चित करने का आग्रह
अन्तरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) की मुख्य अभियोजक फ़तू बेन्सूडा ने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया है कि दार्फ़ूर की जनता के लिये न्याय और शान्ति को सुनिश्चित किया जाना होगा. उन्होंने बुधवार को अपने नौ-वर्षीय कार्यकाल के दौरान अन्तिम बार सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए कहा कि आईसीसी, एकमात्र संस्था है जिसने सूडान के दार्फ़ूर प्रान्त में हिंसक संघर्ष के पीड़ितों को उम्मीद बंधाई है.
उन्होंने कहा, “जब इस परिषद ने मार्च 2005 में, दार्फ़ूर में हालात को आईसीसी के लिये निर्दिष्ट किया, तो इससे अत्याचार के अपराधों के पीड़ितों को उम्मीद मिली और यह स्पष्ट सन्देश गया कि न्याय पाना ना सिर्फ़ अपने आप में महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका दार्फ़ूर में सतत शान्ति हासिल करने पर भी गुणात्मक असर होगा.”
आईसीसी की जाँच जनसंहार, युद्धापराध और मानवता के विरुद्ध अपराध के आरोपों के इर्द-गिर्द केंद्रित रही है, जिन्हें कथित रूप से सरकारी सुरक्षा बलों, उन्हें समर्थन दे रहे जंजावीड मिलिशिया और दार्फ़ूर विद्रोही आन्दोलन के लड़ाकों के बीच टकराव के दौरान अंजाम दिया गया.
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बताया गया है कि पाँच गिरफ़्तारी वॉरण्ट जारी किये गए हैं, जिनमें पूर्व राष्ट्रपति ओमार अल-बशीर भी हैं, जिन्हें 30 साल सत्तासीन रहने के बाद 2019 में बेदख़ल कर दिया गया था.
कथित रूप से जंजावीड गुट के पूर्व कमाण्डर अली मुहम्मद अली अब्द-अल-रहमान ने जून 2020 में आईसीसी में स्वैच्छिक रूप से आत्मसमर्पण किया था और पिछले महीने ही उन पर लगे आरोपों की पुष्टि हुई है.
मौजूदा समय में, सूडान राजनैतिक और आर्थिक बदलाव की दिशा में अग्रसर है और पिछले वर्ष अक्टूबर में स्थानीय प्रशासन व दार्फ़ूर के दो सशस्त्र गुटों में एक ऐतिहासिक शान्ति समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं.
हाल ही में, आईसीसी की मुख्य अभियोजक ने संगठन के पहले मिशन के तहत देश का दौरा किया, और कहा कि सूडान सरकार व आईसीसी के बीच रिश्तों में एक नया मोड़ आया है.
सम्वाद व सहयोग के इस नए युग का उल्लेख करते हुए, फ़तू बेन्सूडा ने बताया कि जाँचकर्ता जल्द ही दार्फ़ूर जाने की तैयारी कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पिछली यात्रा से उम्मीद ज़रूर बंधी है, मगर आधे-अधूरे, अपर्याप्त प्रयासों से इस उत्साह पर पानी फिर सकता है.
“अल फ़शेर, न्याला और ज़लिन्गेई में, दार्फ़ूर पीड़ितों से मुझे स्पष्ट और सतत सन्देश मिला है कि चार लम्बित वारण्टों को क्रियान्वित किया जाना होगा, और सन्दिग्धों को आईसीसी को सुपुर्द करना होगा.”
मुख्य अभियोजक का मानना है कि पूर्व मंत्री अहमद हारुन को जल्द हस्तांतरित किये जाने की विशेष आवश्यकता है.
“लगभग सभी सन्दिग्ध सूडान सरकार की हिरासत में हैं और उन्हें आईसीसी स्थानान्तरित किये जाने के रास्ते में कोई क़ानूनी अड़चन नहीं है.”
फ़तू बेन्सूडा ने दार्फ़ूर के लोगो की उनके साहस, धैर्य. न्याय के रास्ते में ना मिटने वाले विश्वास और आईसीसी के लिये समर्थन की सराहना की है.