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एड्स के ख़ात्मे के लिये विषमताओं का अन्त ज़रूरी - यूएन महासभा प्रमुख

एचआईवी-एड्स के ख़िलाफ़ वैश्विक मुहिम का प्रतीक - लाल रिबन.
Public Health Alliance/Ukraine
एचआईवी-एड्स के ख़िलाफ़ वैश्विक मुहिम का प्रतीक - लाल रिबन.

एड्स के ख़ात्मे के लिये विषमताओं का अन्त ज़रूरी - यूएन महासभा प्रमुख

स्वास्थ्य

संयुक्त राष्ट्र महासभा प्रमुख वोल्कान बोज़किर ने कहा है कि चार दशक पहले एड्स का पहला मामला सामने आने के बाद से अब तक, दुनिया ने इस चुनौती से मुक़ाबले में व्यापक प्रगति दर्ज की है. मगर त्रासदीपूर्ण वास्तविकता यह है कि अधिकाँश निर्बलों पर जोखिम अब भी मंडरा रहा है.  यूएन महासभा में मंगलवार को चर्चा के दौरान सदस्य देशों ने एक राजनैतिक घोषणापत्र के तहत नए, महत्वाकाँक्षी लक्ष्यों को पारित किया है, जिसका उद्देश्य वर्ष 2030 तक 36 लाख नए एचआईवी संक्रमणों और 17 लाख एड्स-सम्बन्धी मौतों की रोकथाम करना है.

यूएन महासभा अध्यक्ष ने एड्स से मुक़ाबले पर केंद्रित एक तीन-दिवसीय उच्चस्तरीय बैठक की शुरुआत करते हुए ध्यान दिलाया कि एड्स महज़ एक स्वास्थ्य से जुड़ा मुद्दा नहीं है, बल्कि एक व्यापक विकास चुनौती है.

महासभा प्रमुख ने कहा कि वर्ष 2004 के बाद से, एड्स-सम्बन्धी मौतों में 61 प्रतिशत की कमी आई है, मगर अल्प-निवेश के कारण, अनेक देश पाँच वर्ष पहले स्थापित किये गए लक्ष्यों तक पहुंचने से दूर हैं.

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इसके अलावा, कोविड-19 महामारी, हिंसक संघर्ष और मानवीय आपात हालात की वजह से स्वास्थ्य प्रणालियों, महत्वपूर्ण सेवाओं व आपूर्ति श्रृंखलाओं पर भारी बोझ है, और प्रगति पथ पर रूकावट आई है.  

एचआईवी के अत्यधिक बोझ से पीड़ित देशों में जलवायु-आधारित त्रासदियाँ, सबसे निर्बलों के लिये अतिरिक्त जोखिम पैदा करती हैं. इन हालात में, पहले से ही हाशिए पर रह रहे लोगों को, भेदभाव, कथित कलंक व विलगाव झेलना पड़ता है.

उन्होंने बताया कि सरल शब्दों में एड्स, विषमताओं की महामारी है और वर्ष 2030 तक एड्स का अन्त करने के लिये विषमताओं पर विराम लगाया जाना होगा.

उन्होंने विश्व नेताओं, निर्णय-निर्धारकों, अग्रिम मोर्चे पर डटे कर्मचारियों और अन्य को सम्बोधित करते हुए कार्रवाई के दशक का ज़िक्र किया.

“अगर हमें टिकाऊ विकास के लिये 2030 एजेण्डा को हासिल करना है, तो सभी सदस्य देशों को 2030 तक एड्स महामारी के अन्त के लिये फिर से संकल्प लेना होगा.”

पिछले वर्ष, दुनिया भर में एचआईवी संक्रमितों के नए मामलों में आधी संख्या महिलाओं व लड़कियों की थी.

सब-सहारा अफ़्रीका में, 15-19 वर्ष आयु वर्ग में हर सात में से छह नए एचआईवी संक्रमण के मामले लड़कियों में सामने आए हैं. यूएन महासभा अध्यक्ष ने कहा, “यह अस्वीकार्य है.”

उन्होंने प्रतिभागियों से प्रभावितों, स्वास्थ्यकर्मियों और महामारी विशेषज्ञों की आवाज़ सुनने का आहवान किया.

साथ ही ध्यान दिलाया कि एचआईवी के साथ रह रहे एक करोड़ 20 लाख लोगों की एड्स-सम्बन्धी कारणों से मौत को टालने के लिये उपचार की सुलभता सुनिश्चित की जानी होगी.

एचआईवी/एड्स पर संयुक्त राष्ट्र के संयुक्त कार्यक्रम की कार्यकारी निदेशक विनी ब्यानयीमा ने आगाह किया कि एड्स अभी ख़त्म नहीं हुआ है.

“एड्स के कारण प्रति मिनट एक मौत आपात स्थिति है.”

यूएन एजेंसी प्रमुख के मुताबिक कोविड-19 संकट के प्रभावों की पृष्ठभूमि में विषमताओं को दूर किया जाना होगा और उपचार के रास्ते में आने वाले अवरोधों को हटाना होगा.

इसके तहत, गुणवत्तापरक चिकित्सा सुविधाओं के लिये बेहतर सुलभता सुनिश्चित करनी होगी.