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समुद्रों में प्लास्टिक कचरे से निपटने के लिये ई-लर्निंग पाठ्यक्रम

समुद्री प्लास्टिक प्रदूषण, समुद्री जैवविविधता के साथ-साथ तटीय समुदायों के लिये भी ख़तरा पैदा करता है.
UNEP GRID Arendal/Lawrence Hislop
समुद्री प्लास्टिक प्रदूषण, समुद्री जैवविविधता के साथ-साथ तटीय समुदायों के लिये भी ख़तरा पैदा करता है.

समुद्रों में प्लास्टिक कचरे से निपटने के लिये ई-लर्निंग पाठ्यक्रम

जलवायु और पर्यावरण

एशिया-प्रशान्त क्षेत्र के लिये संयुक्त राष्ट्र आर्थिक व सामाजिक आयोग (UNESCAP) ने अपने साझीदार संगठनों के साथ मिलकर, समुद्रों में प्लास्टिक कचरे की समस्या से निपटने के लिये, एक विज्ञान-आधारित ई-लर्निंग पाठ्यक्रम शुरू किया है. मंगलवार, 8 जून, को  'विश्व महासागर दिवस' के अवसर पर पेश इस पाठ्यक्रम के ज़रिये उन अत्याधुनिक टैक्नॉलॉजी और तकनीकों के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी, जिनकी सहायता से शहरी और समुद्री पर्यावरण में प्लास्टिक कचरे को मापने के साथ-साथ उसकी निगरानी की जा सकती है.

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इस ई-लर्निंग पाठ्यक्रम का शीर्षक 'Cities and Marine Plastic Pollution: Building a Circular Economy' है , जो चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने पर केंद्रित है.

यह पाठ्यक्रम उन सभी के लिये सार्वजनिक रूप से सुलभ होगा, जो भावी पीढ़ियों के लिये स्वच्छ पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उपायों के बारे में जानकारी चाहते हैं.

संयुक्त राष्ट्र की अवर महासचिव और यूएन आयोग की कार्यकारी सचिव, अर्मिदा साल्सिया अलिसजाबाना ने महासागरों के लिये विज्ञान को विकसित करने के उद्देश्य से, सभी क्षेत्रों से एक साथ आने के लिये कहा है, विशेष रूप से शैक्षिक और वैज्ञानिक समुदाय.

"अगर आपके पास प्लास्टिक कचरे के प्रबन्धन और रोकथाम के लिये कोई समाधान या टैक्नॉलॉजी है, तो हम आपसे बात करना चाहते हैं."

विविध परिप्रेक्ष्यों को समाहित करने के उद्देश्य से, इस पाठ्यक्रम को दस वैश्विक भागीदारों के साथ साझा रूप से विकसित किया गया है, जिनमें Women in Informal Employment: Globalizing and Organizing (WIEGO) और Ocean Conservancy सहित अन्य साझीदार संगठन शामिल हैं. 

यह ई-लर्निंग पाठ्यक्रम, 'Closing the Loop' परियोजना का हिस्सा है, जिसकी डिजिटल टूलकिटपर ही इसकी पाठन सामग्री केंद्रित है.

यह डिजिटल टूलकिट, साझीदारों द्वारा विकसित की जा रही है जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), उपग्रहों, ड्रोन और मशीन लर्निंग जैसे नवाचारों का उपयोग करते हुए तैयार किया जा रहा है.

इसका उद्देश्य शहरी जलमार्गों में प्लास्टिक कचरे की मात्रा को मापना और उसकी निगरानी करना है.

इस टैक्नॉलॉजी की मदद से यह बता पाना सम्भव होगा कि प्लास्टिक, शहरों से किन रास्तों के ज़रिये समुद्री पर्यावरण तक पहुँचती है,  साथ ही इस समस्या से निपटने के लिये प्रभावी कार्ययोजनाओं को आकार देने में मदद मिलेगी.

डिजिटल टूलकिट में, महासागरों की ओर जाने वाले प्लास्टिक कचरे के रास्ते का एक वर्चुअल नक़्शा है जिसे आर्टिफ़िशियल इंटेलीजेंस की मदद से तैयार किया गया है.

साथ ही प्लास्टिक प्रदूषण को मापने के लिये कैलकुलेटर है जोकि प्लास्टिक कचरे के लिये सबसे अधिक ज़िम्मेदार क्षेत्रों की भी शिनाख़्त करता है. 

इन प्रौद्योगिकियों को विभिन्न शहरों या समुदायों की ज़रूरतों के अनुरूप ढाला जा सकता है,  और इसका उद्देश्य है - समुद्री प्लास्टिक कचरे की निगरानी और कम करने के लिये इन संसाधनों का व्यापक रूप से उपयोग करना.

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