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कोविड-19: महामारी के दो अलग-अलग रास्ते, वैक्सीन विषमता चिन्ताजनक

इथियोपिया में एक स्वास्थ्यकर्मी टीका लगाने की तैयारी कर रहा है.
© UNICEF/Nahom Tesfaye
इथियोपिया में एक स्वास्थ्यकर्मी टीका लगाने की तैयारी कर रहा है.

कोविड-19: महामारी के दो अलग-अलग रास्ते, वैक्सीन विषमता चिन्ताजनक

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने क्षोभ ज़ाहिर करते हुए कहा है कि टीकाकारण की ऊँची दर वाले देशों में पाबन्दियों को हटाने की तैयारी हो रही है, जबकि बहुत से देशों में ख़तरनाक हालात बरक़रार हैं. कोविड-19 वैक्सीन के वितरण में पसरी विसंगति के कारण संक्रमण का फैलाव जारी है, और इन हालात में वायरस का एक ऐसा रूप उभरने का जोखिम भी बढ़ रहा है जो अब तक के उपचारों को बेअसर बना सकता है.

महानिदेशक घेबरेयेसस ने जिनीवा में शुक्रवार को पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया, "असमान टीकाकरण सभी राष्ट्रों के लिये एक ख़तरा है, सिर्फ़ उनके लिये नहीं जिनके पास कम टीके हैं."

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कोरोनावायरस संक्रमण के अब तक 17 करोड़ से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 37 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के मुताबिक संक्रमण के नए मामलों में पिछले छह हफ़्तों से और मृतक संख्या में पिछले पाँच हफ़्तों से गिरावट दर्ज की गई है.

महानिदेशक घेबरेयेसस का कहना है कि यह उत्साहजनक संकेत हैं, मगर फ़िलहाल मिलीजुली प्रगति ही दिखाई दे रही है. ग़ौरतलब है कि अफ़्रीका, अमेरिकी क्षेत्र और पश्चिमी प्रशान्त क्षेत्र में पिछले सप्ताह, मृतक संख्या में वृद्धि हुई है.

उन्होंने बताया, "हम वैश्विक महामारी के दो अलग-अलग रास्ते देखते हैं: अनेक देश अब भी बेहद ख़तरनाक हालात का सामना कर रहे हैं, जबकि टीकाकरण की ऊँची दर वाले कुछ देश अब पाबन्दियों को हटाने की बात करने लगे हैं."

यूएन एजेंसी प्रमुख ने आगाह किया कि वायरस के चिन्ताजनक प्रकारों के फैलाव के मद्देनज़र पाबन्दियों को हटाने में सावधानी बरती जानी होगी. जिन लोगों को फ़िलहाल टीके नहीं लग पाए हैं, उनके लिये यह विनाशकारी साबित हो सकता है.

मगर, बड़ी संख्या में देशों के पास पर्याप्त संख्या में वैक्सीन उपलब्ध नहीं है. अब तक धनी देशों में 44 फ़ीसदी आबादी को वैक्सीन की ख़ुराकें दी जा चुकी हैं, जबकि निर्धन देशों में यह आँकड़ा महज़ 0.4 प्रतिशत है.

संयुक्त राष्ट्र ने देशों की सरकारों से, कोरोनावायरस वैक्सीन की अतिरिक्त ख़ुराकों को कोवैक्स पहल में दान करने का आग्रह किया है.

इस पहल का लक्ष्य वैश्विक स्तर पर कोविड-19 वैक्सीन की न्यायसंगत सुलभता को सुनिश्चित करना है. इस क्रम में अनेक देशों ने टीको को दान करने का संकल्प लिया है, जिसे जल्द पूरा किये जाने की उम्मीद है.

जी-7 समूह से अपील

यूएन एजेंसी प्रमुख ने इस वर्ष सितम्बर महीने तक, विश्व आबादी के कम से कम 10 फ़ीसदी हिस्से को टीके लगाये जाने की पुकार लगाई है, जिसे दिसम्बर तक 30 फ़ीसदी तक बढ़ाने का लक्ष्य है.

सितम्बर के लिये तय लक्ष्य तक पहुँचने के लिये 25 करोड़ अतिरिक्त ख़ुराकों की आवश्यकता होगी, और 10 करोड़ ख़ुराकों की दरकार, जून व जुलाई महीने में होगी.

महानिदेशक घेबरेयेसस ने इस सप्ताहांत जी-7 समूह की बैठक से पहले विश्व नेताओं के लिये एक अपील जारी की है.

"इन सात देशों के पास इन लक्ष्यों को पूरा करने की शक्ति है. मैं जी-7 से ना सिर्फ़ ख़ुराकों को साझा करने का संकल्प लेने का आहवान कर रहा है बल्कि इन्हें जून और जुलाई में साझा किये जाने का संकल्प लेने का आहवान कर रहा हूँ."

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने निम्न आय वाले देशों में, नियमित टीकाकरण सहित, वैक्सीन उत्पादन में निवेश की अहमियत को रेखांकित किया है. अनेक देश इस सिलसिले में प्रगति पथ पर बढ़ रहे हैं. हाल ही में वैक्सीन विनिर्माण के लिये अफ़्रीकी संघ की साझेदारी को शुरू किया गया है.

साथ ही अनेक कम्पनियों और देशों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की उस योजना में भागीदारी के लिये इच्छा जताई है, जिसका उद्देश्य, mRNA तकनीक से विकसित टीकों के वैश्विक उत्पादन के लिये प्रौद्योगिकी हस्ताण्तरण हब को स्थापित करना है.