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स्वच्छ एवँ सुरक्षित भोजन - स्वस्थ भविष्य का आधार

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक खाद्य संरक्षा हर किसी का दायित्व है.
Matthew Dakin
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक खाद्य संरक्षा हर किसी का दायित्व है.

स्वच्छ एवँ सुरक्षित भोजन - स्वस्थ भविष्य का आधार

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्रीय कार्यालय ने ‘विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस’ पर भोजन-जनित बीमारियों के जोखिम की रोकथाम करने और उनसे निपटने के लिये पूर्ण-समाज के स्तर पर प्रयास किये जाने की पुकार लगाई है.

विश्व भर में, हर वर्ष 60 करोड़ लोग अस्वच्छ और असुरक्षित भोजन के सेवन से बीमारी का शिकार होते हैं और चार लाख से अधिक लोगों की मौत होती है.

स्वच्छ एवँ सुरक्षित भोजन, बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और भुखमरी का अन्त करने के लिये अहम है, जोकि टिकाऊ विकास एजेण्डा के दो अहम लक्ष्य हैं.

यूएन एजेंसी ने चिन्ता जताई है कि विश्व भर में भोजन-जनित बीमारियों के लगभग 25 फ़ीसदी मामले और 42 फ़ीसदी मौतें दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र में होती हैं.

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यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर पूनम खेत्रपाल सिंह ने कोविड-19 संकट से पुनर्बहाली प्रयासों में सुरक्षित व टिकाऊ खाद्य प्रणालियों के निर्माण को मुख्य प्राथमिकताओं में शामिल करना होगा.

"विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर, WHO सभी हितधारकों से खाद्य श्रृंखला के हर क़दम पर एक ऐसे क्षेत्र व विश्व की दिशआ में योगदान का आहवान करता है जहाँ पर्याप्त, सुरक्षित व पोषक भोजन सभी के लिये उपलब्ध हो, और कोई भी पीछे ना छूटने पाए."

पशुपालन के दौरान एण्टी-माइक्रोबियल दवाओं के इस्तेमाल से एण्टीमाइक्रोबियल प्रतिरोध पैदा होता है, जोकि स्वास्थ्य और विकास के लिये ख़तरा है.

इस वर्ष आयोजित किये जा रहे कार्यक्रमों की थीम है: स्वस्थ कल के लिये आज सुरक्षित भोजन है. इस वर्ष इस दिवस पर अनेक क्षेत्रों में कार्रवाई की पुकार लगाई गई है:

सरकारों से भोजन संरक्षा सुनिश्चित करने का आहवान किया गया है.

खाद्य उत्पादकों से भोजन सुरक्षित ढँग से उपजाने और व्यवसायों से इसकी सुरक्षा बरक़रार रखने का आग्रह किया गया है.

इसके अलावा, ग्राहकों से इस सम्बन्ध में जागरूक बनने और समाज के सभी सैक्टरों में खाद्य संरक्षा सुनिश्चित करने के लिये एक साथ आने का अनुरोध किया गया है.

साथ ही, स्वच्छ एवँ सुरक्षित भोजन उत्पादन और आहार सेवन के लाभ के प्रति जागरूकता का प्रसार किया जा रहा है.

क्षेत्रीय स्तर पर प्रयास

बताया गया है कि क्षेत्र में स्थित, सभी सदस्य देशों ने राष्ट्रीय स्तर पर एक समिति का गठन किया है, जिसका दायिव्त ज़रूरी मानकों, परिपाटियों और दिशा-निर्देश सम्बन्धी जानकारी मुहैया कराना है.

इस क्रम में, विश्व स्वास्थ्य संगठन, खाद्य एवँ कृषि संगठन और पशु स्वास्थ्य के लिये विश्व स्वास्थ्य संगठन, समन्वित रूप से ‘वन हैल्थ’ को प्राथमिकता दे रहे हैं.

साथ ही खाद्य संरक्षा पर कार्रवाई के लिये एक नए फ़्रेमवर्क को भी लागू किया जा रहा है, जिसे पिछले वर्ष वैश्विक महामारी के दौरान पेश किया गया था.

इस फ़्रेमवर्क में सभी देशों से एक राष्ट्रीय नीति और रणनीतिक योजना तैयार करने की बात कही गई है और राष्ट्रीय खाद्य नियंत्रण प्रणालियों की निरन्तर निगरानी की आवश्यकता पर बल दिया गया है.

टिकाऊ विकास लक्ष्यों पर कार्रवाई के दशक के तहत, संयुक्त राष्ट्र इस वर्ष सितम्बर में, पहली खाद्य प्रणाली शिखर बैठक के आयोजन की तैयारियों मे जुटा है.

इस बैठक का लक्ष्य उच्चस्तरीय राजनैतिक संकल्प को बढ़ावा देने के लिये एक प्लैटफ़ॉर्म प्रदान करना और खाद्य संरक्षा का ख़याल रखते हुए, खाद्य प्रणालियों की कायापलट करने के लिये ठोस कार्रवाई को साकार करना है.