महामारी के अन्त और वैश्विक पुनर्बहाली की योजना - वैक्सीन समता पर बल

अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), विश्व बैन्क समूह (WBG), विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और विश्व व्यापार संगठन (WTO) के प्रमुखों ने मंगलवार को एक साझा वक्तव्य जारी करते हुए, देशों की सरकारों से 50 अरब डॉलर के रोडमैप को वित्तीय समर्थन देने का आग्रह किया है. कोविड-19 महामारी के अन्त और तेज़ पुनर्बहाली को सुनिश्चित किये जाने पर लक्षित इस योजना के ज़रिये विकासशील देशों में, वैक्सीनों, परीक्षणों और उपचारों की विषमता को दूर करना है.
साझा बयान में आगाह किया गया है कि अगर सरकारों ने अभी कार्रवाई नहीं की तो फिर संक्रमण व महामारी के फैलाव की लहरें जारी रहेंगी.
अधिक तेज़ी से फैलने वाले व ज़्यादा घातक वायरस के नए प्रकारों व रूपों से वैश्विक पुनर्बहाली ख़तरे में पड सकती है.
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DrTedros
"अब तक यह पूरी तरह स्पष्ट हो चुका है कि स्वास्थ्य संकट के अन्त के बग़ैर, कोई व्यापक दायरे वाली पुनर्बहाली नहीं होगी. टीकाकरण की सुलभता, दोनों की लिये कुँजी है."
अन्तरराष्ट्रीय संगठनों के शीर्षतम अधिकारियों की यह पुकार अख़बारों में प्रकाशित हुई है, जिसमें 50 अरब डॉलर के निवेश के लिये दो प्रमुख वजहों को बताया गया है.
इस निवेश के ज़रिये उत्पादन, आपूर्ति, व्यापार और वितरण को बढ़ाया जाएगा जिससे कोविड-19 की रोकथाम, निदान व उपचार के लिये अहम औज़ारों (वैक्सीन, ऑक्सीजन, अन्य मेडिकल सामग्री) के न्यायोचित वितरण को गति मिलेगी.
साथ ही, दुनिया भर में आर्थिक प्रगति को बढ़ावा दे पाना सम्भव होगा.
संगठनों का कहना है कि वित्त पोषण के इस संकल्प के ज़रिये, विकासशील देशों में महामारी का अन्त तेज़ रफ़्तार से किया जा सकेगा, संक्रमण व मृतक संख्या में गिरावट आएगी और आर्थिक पुनर्बहाली की रफ़्तार बढ़ेगी.
विश्व की अग्रणी वित्त, व्यापार और स्वास्थ्य एजेंसियों के प्रमुखों का मानना है कि इस निवेश की मदद से वर्ष 2025 तक, अतिरिक्त आर्थिक गतिविधियों के ज़रिये नौ ट्रिलियन डॉलर की कमाई हो सकती है.
इसके साथ-साथ, निवेश के ज़रिये वैश्विक टीकाकरण मुहिम को स्फूर्ति प्रदान की जाएगी और वैक्सीन की ख़ुराकों में पसरी विषमता की खाई को पाटना सम्भव होगा.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अनेक मर्तबा ज़ोर देकर कहा है कि वैक्सीनों को विश्व कल्याण की वस्तु के रूप में देखा जाना होगा, और उसे हर स्थान पर, हर व्यक्ति के लिये उपलब्ध कराया जाना होगा.
कोविड-19 वैक्सीन के न्यायोचित वितरण के लिये स्थापित, कोवैक्स पहल के तहत, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी और साझीदार संगठनों ने इस वर्ष के अन्त तक 30 फ़ीसदी विश्व आबादी के टीकाकरण का लक्ष्य रखा है.
अन्य समझौतों और निवेश को बढ़ाकर, इसे 40 फ़ीसदी तक साकार किया जा सकता है, जोकि वर्ष 2022 की पहली छमाही तक 60 प्रतिशत तक पहुँच सकता है.
वक्तव्य के मुताबिक, वैक्सीन ख़ुराकों को जल्द से जल्द विकासशील देशों को दान दिया जाना होगा, और उनके वितरण को राष्ट्रीय वैक्सीन योजनाओं के अनुरूप बनाया जाना होगा.
इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक अन्य कोविड-19 वैक्सीन को आपात इस्तेमाल सूची में शामिल किये जाने को मंज़ूरी दे दी है.
यूएन एजेंसी के मुताबिक चीन में विकसित सिनोवाक-कोरोनावाक वैक्सीन, सुरक्षा, कारगरता और उत्पादन के अन्तरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करती है.
आपात इस्तेमाल सूची में वैक्सीन को शामिल किये जाने की प्रक्रिया, कोवैक्स और अन्तरराष्ट्रीय ख़रीद प्रक्रिया में शामिल किये जाने की एक अनिवार्य शर्त है.