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कोविड-19: नेपाल के लिये समर्थन व एकजुटता की अपील

नेपाल में स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चों पर डटे कर्मचारियों को कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी ख़ुराक दी जा रही है.
© UNICEF/Preena Shrestha
नेपाल में स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चों पर डटे कर्मचारियों को कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी ख़ुराक दी जा रही है.

कोविड-19: नेपाल के लिये समर्थन व एकजुटता की अपील

स्वास्थ्य

नेपाल में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रतिनिधि डॉक्टर राजेश पाण्डव ने देश में मौजूदा कोरोनावायरस संकट के मद्देनज़र, अन्य देशों से वैक्सीन की अतिरिक्त ख़ुराकों को नेपाल के साथ साझा किये जाने की अपील की है. वैश्विक महामारी कोविड-19 की भीषण लहर की चपेट में आए नेपाल में, संक्रमितों का आँकड़ा पाँच लाख को पार कर गया है और अब तक सात हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.

​हाल के हफ़्तों में नेपाल में कोविड-19 संक्रमण के मामलों और मृतक संख्या में भीषण और नाटकीय ढँग से बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है.

पिछले सप्ताह देश में 47 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज किये गए जबकि एक हज़ार से अधिक लोगों की मौत हुई है.

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कोविड-19 परीक्षण के पॉज़िटिव आने की दर बेहद अधिक, 35 फ़ीसदी है और परीक्षण क्षमता सीमित होने के कारण वास्तविक मामलों की संख्या मौजूदा आँकड़े से कहीं अधिक होने की आशंका जताई गई है.

बताया गया है कि वायरस का B1.617.2 वैरिएंट व्यापक स्तर पर फैल रहा है लेकिन जीनोम सीक्वेंसिंग की सीमित क्षमता की वजह से उसके फैलाव के बारे में सही अनुमान लगा पाना कठिन है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने नेपाल में कोविड-19 टीकाकरण की तैयारियों व मुहिम को आगे बढ़ाने के लिये समर्थन प्रदान किया है.

मगर वैक्सीन मिलने में देरी की वजह से अब तक महज़ 21 लाख लोगों को ऐस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन की एक ही ख़ुराक मिल पाई है - आपूर्ति में व्यवधान की वजह से टीकाकरण अभियान में रूकावट आ गई है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के प्रतिनिधि ने कहा कि नेपाल, कोवैक्स सुविधा के ज़रिये वैक्सीन आपूर्ति के प्रयासों में जुटा है और इस दौरान, फ़ौरी इन्तज़ाम के तौर पर  जिन देशों के पास कोविड-19 वैक्सीन की अतिरिक्त ख़ुराकें हैं, उन्हें वे नेपाल के साझा करनी चाहिएं.

एशियाई क्षेत्र में वायरस के नए रूप व प्रकार अब भी उभर रहे हैं और वैक्सीन की सीमित आपूर्ति के मद्देनज़र, यह आँशका जताई गई है कि नेपाल को संक्रमण की एक और लहर का सामना करना पड़ सकता है.

दबाव में स्वास्थ्य प्रणाली

डॉक्टर पाण्डव ने बताया कि नेपाल की स्वास्थ्य प्रणाली पर भीषण बोझ है और अहम स्वास्थ्य सामग्री व मानव संसाधनों की क़िल्लत का सामना करना पड़ रहा है.

स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी दबाव के कारण मरीज़ों को मजबूरी में वापिस भेजना पड़ा है. वहीं स्वास्थ्यकर्मियों को थकान के बावजूद लगातार काम करने के लिये मजूबर होना पड़ रहा है, और बहुत से स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित भी हुए हैं.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगली लहर की तैयारी के लिये अस्पतालों की क्षमता बढ़ानी होगी जिसके लिये अन्तरराष्ट्रीय साझीदारों के समर्थन की ज़रूरत होगी.

बताया गया है कि 50 बिस्तरों से अधिक क्षमता वाले सभी कोविड-19 अस्पतालों में तत्काल ऑक्सीजन संयंत्र लगाये जाने की आवश्यकता है.

साथ ही, सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों का दायरा व स्तर बढ़ाने पर बल दिया गया है ताकि वायरस की रोकथाम हो सके और संक्रमण के फैलाव को रोका जा सके.

इसके समानान्तर सीमा चौकियों व समुदायों में जाँच व परीक्षण की व्यवस्था करनी होगी, और संक्रमितों के सम्पर्क में आये लोगों का पता लगाकर उन्हें एकांत में रखा जाना अहम है.​​