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ग़ाज़ा में बच्चों के लिये 'नारकीय हालात', हिंसा पर तत्काल विराम का आग्रह

इसराइली हवाई कार्रवाई के बाद ग़ाज़ा में क्षतिग्रस्त इलाक़ा.
UNOCHA/Mohammad Libed
इसराइली हवाई कार्रवाई के बाद ग़ाज़ा में क्षतिग्रस्त इलाक़ा.

ग़ाज़ा में बच्चों के लिये 'नारकीय हालात', हिंसा पर तत्काल विराम का आग्रह

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने पिछले 10 दिनों में ग़ाज़ा सहित क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़ों और इसराइल में जानलेवा हिंसा में ख़तरनाक और भयावह तेज़ी आने पर क्षोभ ज़ाहिर किया है. यूएन प्रमुख ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि ग़ाज़ा में हिंसा प्रभावित इलाक़ों में बच्चे नारकीय हालात में जीवन गुज़ारने के लिये मजबूर हैं.

महासचिव गुटेरेश ने ग़ाज़ा में इसराइली सुरक्षा बलों की हवाई कार्रवाई और बमबारी जारी रहने और उससे हुई तबाही पर गहरा दुख जताया है.

हिंसा में अब तक 200 से अधिक फ़लस्तीनियों की मौत हुई है जिनमें 60 बच्चे हैं. हज़ारों लोग घायल हुए हैं.

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने हमास और अन्य चरमपंधी गुटों द्वारा इसराइल पर अंधाधुंध रॉकेट हमलों को अस्वीकार्य क़रार दिया है. इन हमलों में 12 लोगों की मौत हुई है.

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एंतोनियो गुटेरेश ने सभी पक्षों से हिंसक टकराव का तत्काल अन्त किये जाने की अपील की है.

उन्होंने ध्यान दिलाया कि हिंसा में ग़ाज़ा के नागरिक प्रतिष्ठानों और बुनियादी ढाँचे को भारी नुक़सान हुआ है, सीमा चौकियाँ बन्द हैं, बिजली की क़िल्लत से जल आपूर्ति पर असर पड़ा है और सैकड़ों इमारतें व घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

मौजूदा हालात में अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं को जारी रख पाना बेहद कठिन है और एक अनुमान के मुताबिक 50 हज़ार से ज़्यादा लोगों ने स्कूलों, मस्जिदों और अन्य सुरक्षित स्थानों पर शरण ली है.

महासचिव ने बताया कि फ़िलहाल प्रभावितों के पास जल, भोजन, साफ़-सफ़ाई और स्वास्थ्य सेवाओं की सुलभता नहीं है.

उन्होंने यूएन राहत केंद्रो को हुई क्षति पर गहरा दुख ज़ाहिर किया है और स्पष्ट किया है कि सशस्त्र संघर्ष के दौरान मानवीय राहत प्रतिष्ठानों को निशाना नहीं बनाया जा सकता.

यूएन प्रमुख के मुताबिक वो ‘केंद्रीय आपात कार्रवाई कोष’ (CERF) की ओर से सहायता धनराशि जारी किये जाने के लिये प्रयासरत हैं.

वहीं मानवीय राहत मामलों के विभाग ने क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़ों के मानवीय राहत कोष से एक करोड़ 40 लाख डॉलर जारी करने की मंशा ज़ाहिर की है.

आमजन की सुरक्षा सर्वोपरि

यूएन प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा कि ग़ाज़ा में मानवीय राहत की त्वरित व निर्बाध आपूर्ति को सुनिश्चित किया जाना होगा.

महासचिव गुटेरेश ने इसराइल को ध्यान दिलाया कि युद्ध के नियमों के तहत नागरिकों की रक्षा सर्वोपरि है, इन नियमों का अनुपालन करना होगा और सैन्य कार्रवाई के दौरान अधिकतम संयम बरता जाना होगा.

यूएन प्रमुख ने हमास और अन्य चरमपंथी गुटों से भी इसराइली आबादी वाले इलाक़ों में रॉकेट हमलों पर विराम लगाने की अपील की है, जिसे उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून का स्पष्ट उल्लंघन बताया है.

उन्होंने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगर हिंसा, इसराइल और क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़ों से परे फैलती है तो इस माहौल का फ़ायदा चरमपंथी उठा सकते हैं, जिसे हर हाल में रोका जाना होगा.

कूटनीतिक प्रयासों पर ज़ोर

एंतोनियो गुटेरेश ने राजनयिकों को बताया कि संयुक्त राष्ट्र, हिंसा पर विराम लगाने के लिये गहन कूटनीतिक प्रयासों में सक्रिय है और सभी पक्षों को हिंसा रोकने के लिये प्रोत्साहित करता है.

इस क्रम में उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से भी हरसम्भव प्रयास किये जाने की पुकार लगाई है ताकि मध्यस्थता प्रयासों के ज़रिये लड़ाई पर क़ाबू पाया जा सके.

यूएन महासभा के अध्यक्ष वोल्कान बोज़किर ने भी ग़ाज़ा में तत्काल युद्धविराम की आवाज़ को अपना समर्थन प्रदान किया है.

उन्होंने ध्यान दिलाया कि संयुक्त राष्ट्र के शान्ति व सुरक्षा एजेण्डे पर फ़लस्तीन का प्रश्न लम्बे समय से अनसुलझा है.

फ़लस्तीनी इलाक़ों पर क़ब्ज़ा, राजनैतिक गतिरोध और वार्ता की कमी से और गम्भीर होता रहा है, और इसराइल और फ़लस्तीन के बीच टकराव व अस्थिरता का मुख्य कारण है.

वोल्कान बोज़किर ने बताया कि आगे बढ़ने के लिये बातचीत की मेज़ पर जल्द लौटना होगा, येरूशलम सहित सभी दर्जा-सम्बन्धी मुद्दों को सुलझाना होगा, और दो स्वतंत्र व सम्प्रभु देशों की सम्भावना को साकार करना होगा.

महासभा अध्यक्ष ने सुरक्षा परिषद से एकजुट आवाज़ में बोलने का आहवान किया है.