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ग़ाज़ा में हिंसा बच्चों के लिये त्रासदीपूर्ण, मानवीय राहत की पुकार

ग़ाज़ा पट्टी में हिंसा व लड़ाई में बड़ी संख्या में बच्चे प्रभावित हुए हैं.
© UNICEF/Eyad El Baba
ग़ाज़ा पट्टी में हिंसा व लड़ाई में बड़ी संख्या में बच्चे प्रभावित हुए हैं.

ग़ाज़ा में हिंसा बच्चों के लिये त्रासदीपूर्ण, मानवीय राहत की पुकार

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) की प्रमुख हेनरीएटा फ़ोर ने कहा है कि ग़ाज़ा में जारी हिंसा में 10 दिनों से भी कम समय में, कम से कम 60 बच्चों की मौत हुई है और 444 अन्य घायल हुए हैं. उन्होंने इस त्रासदी को टालने के लिये तत्काल लड़ाई रोके जाने और मानवीय राहत सम्भव बनाने की पुकार लगाई है. इस बीच, बुधवार को फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिये यूएन राहत एजेंसी (UNRWA) ने बढ़ते मानवीय संकट के मद्देनज़र तीन करोड़ 80 लाख डॉलर की अपील जारी की है.

यूनीसेफ़ की कार्यकारी निदेशक हेनरीएटा फ़ोर ने कहा, “ग़ाज़ा के दस लाख बच्चे हिंसक संघर्ष के बढ़ते नतीजों में झुलस रहे हैं और उनके पास कोई सुरक्षित स्थान नहीं है. ज़िन्दगियाँ ख़त्म हो गई हैं और परिवार तबाह हुए हैं.”

यूनीसेफ़ प्रमुख की ओर से ये बयान मंगलवार को जारी किया गया.

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मानवीय राहत मामलों में समन्वय के लिये यूएन कार्यालय (OCHA) के मुताबिक 24 वाहनों के मानवीय राहत काफ़िले में से महज़ पाँच ट्रक ही केरेम शलोम चौकी के रास्ते दक्षिणी ग़ाज़ा में प्रवेश कर पाए हैं.

बताया गया है कि इसराइली प्रशासन ने इस चौकी को खोलने के कुछ ही घण्टों बाद फिर से बन्द कर दिया. इसकी वजह चरमपंथियों द्वारा किये गए कथित मोर्टार हमलों को वजह बताया गया है.

यूनीसेफ़ प्रमुख के मुताबिक क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़ों में 10 मई से अब तक लगभग 30 हज़ार बच्चे विस्थापन का शिकार हुए हैं.

कार्यकारी निदेशक हेनरीएटा फ़ोर ने हिंसा व लड़ाई पर तत्काल विराम लगाए जाने की अपील की है ताकि ज़मीनी स्तर पर ईंधन, दवाओं, कोविड-19 वैक्सीन सहित अन्य राहत सामग्री को पहुँचाया जा सके.

उन्होंने मानवीय राहत गलियारों को स्थापित किये जाने की पुकार लगाई है जिनका इस्तेमाल ज़रूरी आपूर्ति को भेजने, परिवारों को फिर से मिलाने, आवश्यक सेवाओं को सुलभ बनाने और बीमारों को इलाज के लिये अन्य स्थान पर ले जाने में किया जाएगा.

अनुमान जताया गया है कि ढाई लाख बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य व संरक्षण सेवाओं की आवश्यकता है. ग़ाज़ा में चार स्वास्थ्य केंद्रों और 40 स्कूलों को क्षति पहुँची है.

क्षेत्र में अनेक हफ़्तों से चला आ रहा तनाव कुछ दिन पहले चरम पर पहुँच गया, और इसराइल ने ग़ाज़ा में हवाई कार्रवाई की है जबकि फ़लस्तीनी इलाक़ों से रॉकेट दागे गए हैं.

ग़ाज़ा में बिजली आपूर्ति पर भारी असर हुआ है और 60 फ़ीसदी की कटौती दर्ज की गई है, जिस वजह से अस्पतालों को जनरेटर पर निर्भर रहना पड़ रहा है.

48 स्कूलों को आपात शरणस्थलों के रूप में इस्तेमाल लाया जा रहा है, जहाँ अनेक परिवारों ने शरण ली हुई है.

आपात राहत अपील

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिये यूएन राहत एजेंसी (UNRWA) ने बुधवार को तीन करोड़ 80 लाख डॉलर की सहायता धनराशि की अपील की है.

इसके ज़रिये ग़ाज़ा और पश्चिमी तट में रह रहे लोगों की ज़रूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी.

यूएन एजेंसी के प्रमुख फ़िलिपे लज़ारिनी ने कहा कि ग़ाज़ा में आम लोगों के मारे जाने और बुनियादी ढाँचे को हुए नुक़सान से वो स्तब्ध हैं.

“मैं पूर्वी येरूशलम सहित पश्चिमी तट में प्रदर्शनकारियों पर अत्यधिक बल प्रयोग से भी उतना ही स्तब्ध हूँ.”

“UNRWA ने तत्काल आपात मानवीय राहत कार्रवाई का दायरा बढ़ाया है और उसे वित्तीय पोषण की ज़रूरत है ताकि प्रभावित लोगों की तात्कालिक ज़रूरतो को आवश्यकता अनुरूप पूरा किया जा सके.”

अपील में भोजन, स्वास्थ्य, मनोसामाजिक समर्थन से जुड़ी ज़रूरतों को तत्काल प्राथमिकता देने की बात कही गई है.

यूएन एजेंसी ने कहा है कि ग़ाज़ा में इसराइल द्वारा बमबारी जारी रहने की वजह से सुरक्षा हालात बेहतर होने  के बाद ही ज़रूरतों की समीक्षा की जाएगी.

UNRWA ने मानवीय राहत सामग्री व राहतकर्मियों को ग़ाज़ा में प्रवेश की अनुमति देने और सीमा चौकियों को खोलने की अपनी अपील दोहराई है.