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डिजिटल टैक्नॉलॉजी को वैश्विक भलाई के रूप में बढ़ावा देने पर ज़ोर

जॉर्डन में एक नर्स, एक फ़लस्तीनी शरणार्थी को स्मार्टफ़ोन पर ऐप दिखा रही है.
© UNRWA/George Awwad
जॉर्डन में एक नर्स, एक फ़लस्तीनी शरणार्थी को स्मार्टफ़ोन पर ऐप दिखा रही है.

डिजिटल टैक्नॉलॉजी को वैश्विक भलाई के रूप में बढ़ावा देने पर ज़ोर

आर्थिक विकास

कोविड-19 ने विश्व भर में रूपान्तरकारी डिजिटल बदलावों की प्रक्रिया को तेज़ किया है, मगर लाखों-करोड़ों लोग अब भी इण्टरनेट तक पहुँच से दूर हैं. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने 17 मई को ‘विश्व दूरसंचार एवं सूचना विज्ञान दिवस’ के लिये अपने सन्देश में, वैश्विक महामारी और डिजिटल दरारों, दोनों चुनौतियों पर पार पाने और सूचना व संचार टैक्नॉलॉजी को वैश्विक भलाई के लिये बढ़ावा देने के लिये कार्रवाई किये जाने का आहवान किया है.

महासचिव गुटेरेश ने कहा, "डिजिटल टैक्नॉलॉजी से अरबों लोगों के लिये जीवन, कामकाज, स्वास्थ्य और सीखना सम्भव हो पाता है."

"कोविड-19 के दौरान, व्यवसायों, सरकारों और डिजिटल समुदायों की सुदृढ़ता व नवाचार साबित हुए हैं, जिनसे लोगों की ज़िन्दगियों व आजीविकाओं की रक्षा में मदद मिली है."

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"इस चुनौतीपूर्ण समय ने हर जगह रूपान्तरकारी बदलाव तेज़ कर दिये हैं."

यूएन प्रमुख ने आगाह किया कि साढ़े तीन अरब से ज़्यादा लोग, यानि विश्व आबादी का लगभग आधा हिस्सा, इण्टरनेट से जुड़ा हुआ नहीं है. इनमें अधिकतर महिलाएँ हैं.

महासचिव गुटेरेश ने ज़ोर देकर कहा कि अगर 5जी, कृत्रिम बुद्धिमता, इण्टरेनट ऑफ़ थिंग्स, डिजिटल स्वास्थ्य और अन्य टैक्नॉलॉजी की सम्भावनाओं को वास्तव में साकार करना है तो महिलाओं को भी शामिल करना होगा.

"हमें डिजिटल टैक्नॉलॉजी के ख़तरों से भी रक्षा करनी होगी, नफ़रत और भ्रामक जानकारी के फैलाव से लेकर साइबर हमलों और डेटा के दोहन तक."

निवेश का आहवान

विश्व दूरसंचार एवं सूचना विज्ञान दिवस, वर्ष 1865 में उस समझौते पर हस्ताक्षर की स्मृति में मनाया जाता है, जिसके तहत अन्तरराष्ट्रीय टेलीग्राफ़ संघ (ITU) की स्थापना की गई थी.

यह दुनिया का पहला आधुनिक अन्तरराष्ट्रीय संगठन था, और अब अन्तरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ के रूप में यूएन की विशेषीकृत एजेंसी है.

आईटीयू के महासचिव हाउलिन झाओ ने कहा कि यूएन एजेंसी के लिये यह दिवस, जीवन व व्यवसाय के हर पहलू में डिजिटल कायापलट के लिये एकजुट होने का अवसर है.

उन्होंने कहा कि यह सूचना व संचार टैक्नॉलॉजी पर राष्ट्रीय रणनीतियों को मज़बूत बनाने, डिजिटल कौशल को बढ़ावा देने के लिये स्मार्ट नीतियों व उपायों को लागू करने, और उन नई प्रौद्योगिकी में ज़रूरी बदलाव करने का अवसर है, जोकि डिजिटल अर्थव्यवस्था की बुनियाद में हैं.

संयुक्त राष्ट्र ने जून 2020 में, डिजिटल सहयोग के लिये एक रोडमैप जारी किया था, जिसमें वर्ष 2030 तक सार्वभौमिक डिजिटल जुड़ाव के लिये आठ कार्रवाई- बिन्दु पेश किये गए हैं.

यूएन महासचिव ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि यह रोडमैप, डिजिटल जगत में रूपान्तरकारी बदलावों को न्यायोचित, सुरक्षित, समावेशी और सभी के लिये सुलभ बनाने का अवसर है, और ऐसा करते समय मानवाधिकारों का सम्मान सुनिश्चित किया जाएगा.

उन्होंने सर्वजन से कोविड-19 को परास्त करने और सर्व-कल्याण के लिये डिजिटल टैक्नॉलॉजी को साथ लेकर कर चलने की अपील की है ताकि किसी को भी पीछे ना छूटने दिया जाए.