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आइसिल ने यज़ीदियों के जनसंहार को अंजाम दिया – यूएन जाँच दल

इराक़ में एक लड़का, कार के एक मलबे पर बैठा हुआ. इस कार को, आइसिल के लड़ाकों ने आग लगा दी थी. (फ़ाइल)
© UNICEF/Lindsay Mackenzie
इराक़ में एक लड़का, कार के एक मलबे पर बैठा हुआ. इस कार को, आइसिल के लड़ाकों ने आग लगा दी थी. (फ़ाइल)

आइसिल ने यज़ीदियों के जनसंहार को अंजाम दिया – यूएन जाँच दल

शान्ति और सुरक्षा

इराक़ में इस्लामिक स्टेट (दाएश/ISIL) के अपराधों व अत्याचारों की जाँच और उनकी जवाबदेही तय किये जाने के लिये गठित संयुक्त राष्ट्र टीम (UNITAD) ने कहा है कि वहां धार्मिक अल्पसंख्यक यज़ीदी समुदाय के जनसंहार के स्पष्ट व ठोस सबूत मिले हैं. विशेष सलाहकार और टीम के प्रमुख करीम ख़ान ने सोमवार को सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों को, जाँच में अब तक हुई प्रगति से अवगत कराया है.

UNITAD टीम के प्रमुख करीम ख़ान ने बताया कि जाँचकर्ता, एक बेहद अहम लम्हे पर पहुँच गए हैं और दो महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं के सिलसिले में शुरुआती विवरण तैयार कर लिये गए हैं.

इनमें उत्तरी इराक़ के सिन्जर क्षेत्र में यज़ीदी समुदाय के विरुद्ध हमले और जून 2014 में टिकरित एयर एकेडमी में निहत्थे कैडेट और सैन्यकर्मियों की सामूहित हत्याओं के मामले हैं.

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“मैं स्वतन्त्र और निष्पक्ष जाँच के आधार पर यह घोषणा करने में सक्षम हूँ कि अन्तरराष्ट्रीय मानकों और यूएन की सर्वोत्तम परिपाटियों के अनुरूप, स्पष्ट और ठोस तथ्य बताते हैं कि यज़ीदी लोगों के ख़िलाफ़ अपराध, स्पष्ट रूप से जनसंहार है.”

विशेष सलाहकार करीम ख़ान ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि इस्लामिक स्टेट (दाएश) द्वारा अंजाम दिये गए अपराधों ने मानवता की अन्तरात्मा को झकझोर दिया. उनके मुताबिक यह बात दाएश के इस अल्टीमेटम में परिलक्षित होती है: धर्मान्तरण या मौत.

“मौत की सज़ा, दासता, यौन दासता. बच्चों के ख़िलाफ़ अपराध, जो भयावह हैं और किसी की आत्मा को सुन्न कर दें कि किस तरह इन्हें होने दिया गया. मगर ऐसा हुआ.”

UNITAD टीम ने कोजो गाँव में मिली नौ सामूहिक क़ब्रगाहों से, यज़ीदियों के 100 से ज़्यादा शवों के अवशेषों को सौंपे जाने का समर्थन किया है.

इस्लामिक गुट द्वारा अगवा की गईं और नोबेल पुरस्कार विजेता नादिया मुराद ने अपनी व्यथा को साझा करते हुए बताया कि उन्हें किस तरह अत्याचारों को झेलना पड़ा.

“मैं अपनी माँ की आँखों में दुख को कभी भूल नहीं पाऊँगी, जब उन्हें पता चला कि उनके दोनों बेटों को मार दिया गया है. तब उन्हें पता नहीं था कि उनकी नियति भी यही है.”

करीम ख़ान ने बताया कि दाएश की क्रूरता से इराक़ में सभी समुदाय प्रभावित हुए.

टिकरित एयर एकेडमी घटना का ज़िक्र करते हुए उन्होंने बताया कि मुख्यत: शिया मुसलमान कैडेटों को अलग ले जाकर उनकी हत्याएँ कर दी गईं.

प्रोपेगेण्डा के लिये इन हत्याओं के वीडियो को तैयार किया गया, जोकि जनसंहार को अंजाम देने के लिये प्रत्यक्ष रूप से उकसावे के अपराध का सबूत है.   

“किसी को यह देखने की भी ज़रूरत नहीं है कि इस वीडियो में क्या है, वैसे हमने इसे देखा है और इसका भाषा-विशेषज्ञों से विश्लेषण भी कराया है.”

“मगर यह वीडियो के शीर्षक में ही है, जिसे दाएश ने प्रसारित किया: वो तुम्हें जहाँ मिलें, उन्हें जान से मार दो.”

जाँचकर्ताओं के मुताबिक इस्लामिक स्टेट के पास रासायनिक व जैविक हथियारों को तैयार और तैनात करने की भी क्षमता थी.

इस गुट में दुनिया के अनेक क्षेत्रों से लड़ाके भर्ती होने के लिये आए, जिनकी विशेषज्ञता का फ़ायदा उठाकर, गुट ने जल शोधन संयंत्रों से क्लोरीन को हथियार के रूप में तैयार करना शुरू किया.

साथ ही बन्दियों पर जैविक सामग्री का विश्लेषण किया गया और शिया समुदाय के नगर ताज़ा खुरमातू में 40 मस्टर्ड गैस के रॉकेट दागे गए.  

टीम के प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा है कि दाएश के अपराधों के बारे में महज़ जानकारी जुटाना पर्याप्त नहीं है, बल्कि ऐसे प्रावधानों को भी समर्थन देना होगा, जिससे इस्लामिक स्टेट के सदस्यों पर मुक़दमा चलया जा सके.