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चीन की वैक्सीन को आपदा प्रयोग के लिये WHO की स्वीकृति

कोविड-19 महामारी से उबरने में, वैक्सीन टीकाकरण की अहम भूमिका है.
Unsplash/Ivan Diaz
कोविड-19 महामारी से उबरने में, वैक्सीन टीकाकरण की अहम भूमिका है.

चीन की वैक्सीन को आपदा प्रयोग के लिये WHO की स्वीकृति

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शुक्रवार को घोषणा की है कि चीन में विकसित की गई एक कोविड-19 वैक्सीन को, आपदा प्रयोग की अनुमति दे दी गई है. साइनोफ़ार्म नामक इस वैक्सीन के आपदा प्रयोग को हरी झण्डी मिलने के बाद, इस वैक्सीन का प्रयोग, सम्भवतः उन देशों में किया जा सकेगा जहाँ अभी तक या तो वैक्सीन बिल्कुल भी नहीं पहुँची है या फिर कम मात्रा में पहुँची है.

किसी वैक्सीन को वैश्विक एकजुटता वाले वैक्सीन कार्यक्रम - कोवैक्स में, शामिल किये जाने के लिए, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की मंज़ूरी मिलना एक पूर्व शर्त है.

इस वैक्सीन का आसानी से भण्डारण किया जा सकता है, इसलिये इसे ऐसे स्थानों के लिये भी उपयुक्त समझा गया है जहाँ सीमित संसाधन हैं. ये वैक्सीन परीक्षणों में, 79 प्रतिशत तक प्रभावशाली साबित हुई है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन में स्वास्थ्य उत्पादों की उपलब्धता मामलों की सहायक महानिदेशक डॉक्टर मारियेंगेला सिमाओ ने कहा, “साथ ही, इस वैक्सीन को मंज़ूरी मिलने के साथ ही, उन देशों में वैक्सीन उपलब्धता तेज़ हो सकेगी जहाँ, स्वास्थ्यकर्मियों और जोखिम वाली आबादियों का टीकाकरण करने की कोशिशें लम्बित हैं.”

उन्होंने कहा, “हम औषधि निर्माताओं से, कोवैक्स कार्यक्रम में शामिल होने और ज़्यादा समान वैक्सीन वितरण व उपलब्धता में योगदान करने का आग्रह करते हैं.”

अपनी तरह की पहली वैक्सीन

साइनोफ़ार्म नामक ये वैक्सीन बीजिंग स्थित बायो-इंस्टीट्यूट ऑफ़ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स कॉ लिमिटेड ने विकसित की है. ये कम्पनी चाइना नेशनल बायोटेक ग्रुम (CNBG) की सहायक है. 

ये ऐसी पहली वैक्सीन है जिसमें इसकी शीशी में एक निगरानी चिप लगी है. ये एक तरह की छोटी सी चिप्पी है जो उस समय रंग बदलती है जब वैक्सीन के लिये परिस्थितियाँ ज़्यादा गर्म होती हैं, तो स्वास्थ्यकर्मी ये समझ सकते हैं कि उस वैक्सीन को इस्तेमाल करना सुरक्षित है या नहीं.

ये वैक्सीन 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वयस्कों को दी जा सकती है और इसकी दो ख़ुराकें तीन से चार सप्ताहों के अन्तराल पर दिये जाने की सिफ़ारिश की गई है.

इस वैक्सीन के परीक्षण में, अलबत्ता 60 वर्ष से अधिक उम्र के कम ही लोगों ने हिस्सा लिया, मगर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वैक्सीन के प्रयोग की कोई ऊपरी उम्र निर्धारित नहीं की है, क्योंकि आँकड़ों के अनुसार, उम्रदराज़ लोगों में इस वैक्सीन का सकारात्मक प्रभाव होने की सम्भावना है.

सुरक्षित टीकाकरण में तेज़ी

विश्व स्वास्थ्य सगंठन की आपदा प्रयोग सूची में, देशों को कोविड-19 वैक्सीन का आयात करने और उन्हें अपनी आबादियों को देने के लिये, अपनी नियामक प्रणालीगत मंज़ूरी को तेज़ करने की इजाज़त दी गई है.

ये आपदा प्रयोग सूची, सार्वजनिक स्वास्थ्य आपदाओं के दौरान, नई औषधियों, वैक्सीनों और परीक्षणों की उपयुक्तता का आकलन करती है.

लक्ष्य ये है कि ये औषधियाँ और वैक्सीनें, देशों को यथाशीघ्र उपलब्ध कराई जाएँ, लेकिन साथ ही, सुरक्षित, प्रभावशीलता और गुणवत्ता की सख़्त प्रक्रिया भी बरक़रार रहे.

साइनोफ़ार्म वैक्सीन इस सूची के तहत मंज़ूरी पाने वाली छठी वैक्सीन है.

मंज़ूरी पाने वाली अन्य वैक्सीनें हैं – फ़ाइज़र/बायोएनटैक, ऑक्सफ़र्ड -ऐस्ट्राज़ेनेका, भारतीय सीरम संस्थान, जैनसेन (जॉनसन एण्ड जॉनसन) और मॉडर्ना.