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जलवायु संकट: नैट शून्य कार्बन उत्सर्जन के संकल्प की पुकार

विकासशील जगत में वार्षिक अनुकूल प्रयासों की क़ीमत 70 अरब डॉलर आँकी गई है.
CIFOR/Nanang Sujana
विकासशील जगत में वार्षिक अनुकूल प्रयासों की क़ीमत 70 अरब डॉलर आँकी गई है.

जलवायु संकट: नैट शून्य कार्बन उत्सर्जन के संकल्प की पुकार

जलवायु और पर्यावरण

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सभी देशों से, वर्ष 2050 तक नैट शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य साकार करने का आहवान किया है, ताकि इस सदी के अन्त तक, वैश्विक तापमान में 2.4 डिग्री सेल्सियस की विनाशकारी बढ़ोत्तरी को टाला जा सके. उन्होंने गुरूवार को जर्मनी के पीटर्सबर्ग में आयोजित उच्चस्तरीय जलवायु बैठक को सम्बोधित करते हुए भरोसा जताया है कि कार्बन उत्सर्जन से उपजे पर्यावरणीय झटकों के सबसे ख़राब प्रभावों की रोकथाम अब भी सम्भव है.

पीटर्सबर्ग में यह बैठक, नवम्बर 2021 में स्कॉटलैण्ड के ग्लासगो में होने वाली, जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की वार्षिक बैठक (कॉप-26) से छह महीने पहले आयोजित की गई है.

​​महासचिव गुटेरेश ने कहा, "मैंने कुछ बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से उत्साहजनक संकेत देखे हैं."

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उनका मंतव्य उन देशों से था जोकि 73 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जनों के लिये ज़िम्मेदार हैं, और जिन्होंने इस सदी के अन्त तक नैट शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने का संकल्प लिया है.

"वर्ष 2030 तक, हमें 2010 के स्तर की तुलना में, वैश्विक उत्सर्जनों में 45 फ़ीसदी की कटौती करनी होगी, और 2050 तक नैट शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करना होगा."

"इस तरीक़े से हम 1.5 डिग्री सेल्सियस की आशाओं को जीवित रख सकते हैं."

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने कहा, विश्व की सर्वोपरि प्राथमिकता इस समय कोयला-चालित ऊर्जा संयंत्रों से पीछे हटते हुए, नवीकरणीय ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ाने पर होनी चाहिये.

यूएन प्रमुख ने जीवाश्म ईंधनों को दिये जाने वाली सब्सिडी का अन्त करने वाले देशों की सराहना की है. साथ ही ध्यान दिलाया है कि यह समय है, जब सभी देश कार्बन की क़ीमत तय करें और कर (टैक्स) को आय से हटाकर कार्बन पर लगाएँ.

उन्होंने बहुपक्षीय विकास बैंकों और विकास वित्तीय संस्थाओं के साझाधारकों से आग्रह किया कि उन निम्न-कार्बन, जलवायु-सहनशील विकास के लिये वित्तीय समाधानों की दिशा में प्रयास करना होगा, जोकि पेरिस समझौते में 1.5 डिग्री सेल्सियस के लक्ष्य के अनुरूप हैं.  

जलवायु वित्त पोषण

यूएन प्रमुख ने ध्यान दिलाया कि विकासशील देशों को वित्तीय पोषण की आवश्यकता होगी - विकासशील जगत में वार्षिक अनुकूलन प्रयासों की क़ीमत 70 अरब डॉलर आँकी गई है, और यह 2030 तक बढ़कर 300 अरब डॉलर हो सकती है.

"मैं दानदाताओं और बहुपक्षीय विकास बैंकों से अपनी अपील को फिर दोहराता हूँ, यह सुनिश्चित करने के लिये कि जलवायु वित्त पोषण का कम से कम 50 फ़ीसदी हिस्सा, अनुकूलन व सहनक्षमता के लिये हो."

महासचिव गुटेरेश ने कहा कि विकासशील देशों के लिये, अनुकूलन मद में वित्तीय संसाधन, कुल जलवायु वित्त पोषण का महज़ 21 फ़ीसदी ही प्रदर्शित करता है.

उन्होंने कहा कि इन निर्धन देशों की मदद के लिये, विकसित देशों को लम्बे समय से चला आ रहा वादा पूरा करना होगा, जिसमें विकासशील देशों में जलवायु कार्रवाई के लिये हर साल 100 अरब डॉलर मुहैया कराने की बात कही गई है.

एंतोनियो गुटेरेश ने स्पष्ट किया कि इस वर्ष, जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की वार्षिक बैठक (कॉप-26) की सफलता, अनुकूलन और वित्तीय मुद्दों पर प्रगति पर टिकी है. यह तात्कालिता और भरोसा जगाने का विषय है.

‘पीटर्सबर्ग जलवायु सम्वाद’ एक वार्षिक बैठक है जिसे जर्मन सरकार वर्ष 2010 से आयोजित करती रही है.

इस कार्यक्रम में मंत्री, शीर्ष कार्यकारी अधिकारी, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों समेत, अन्य लोग, कॉप की वार्षिक बैठक की तैयारी के लिये शिरकत करते हैं.