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कोविड-19: वैक्सीन पेटेण्ट अधिकारों में छूट, 'अभूतपूर्व अमेरिकी समर्थन' का स्वागत

फ़ाइज़र-बायोएनटैक, कोविड-19 की पहली ऐसी वैक्सीन है, जिसे कुछ देशों में इस्तेमाल के लिये मंज़ूरी मिली.
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फ़ाइज़र-बायोएनटैक, कोविड-19 की पहली ऐसी वैक्सीन है, जिसे कुछ देशों में इस्तेमाल के लिये मंज़ूरी मिली.

कोविड-19: वैक्सीन पेटेण्ट अधिकारों में छूट, 'अभूतपूर्व अमेरिकी समर्थन' का स्वागत

स्वास्थ्य

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कोविड-19 वैक्सीन के बौद्धिक सम्पदा अधिकारों में छूट के लिये अमेरिकी सरकार द्वारा समर्थन दिये जाने की घोषणा का स्वागत किया है. महासचिव गुटेरेश ने इस निर्णय को अभूतपूर्व क़रार देते हुए कहा है कि यह वैक्सीन उत्पादकों के लिये, ज्ञान व टैक्नॉलॉजी को साझा करने का अवसर है, जिससे स्थानीय स्तर पर वैक्सीन उत्पादन के प्रभावशाली विस्तार की सम्भावना को मूर्त रूप दिया जा सकेगा.    

यूएन प्रमुख ने गुरूवार को जारी अपने बयान में भरोसा जताया कि ताज़ा फ़ैसले से न्यायसंगत वैक्सीन वितरण की कोवैक्स पहल के लिये आपूर्ति बढ़ाई जा सकेगी.

“हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि इन वैक्सीनों के उत्पादन के लिये देशों के पास आवश्यक सामग्री भी हो.”

“हम सभी सहमत हैं: इस वायरस से हम में से कोई भी तब तक सुरक्षित नहीं है, जब तक हर कोई सुरक्षित नहीं है.”  

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने इससे पहले, बुधवार को अमेरिकी प्रशासन की घोषणा का स्वागत करते हुए, वैश्विक महामारी के ख़िलाफ़ लड़ाई में इसे एक बेहद अहम लम्हा क़रार दिया.

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उन्होंने ट्विटर पर अपने सन्देश में कहा, “वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिये नेतृत्व का यह एक शक्तिशाली उदाहरण है.”

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख पिछले कई महीनों से, विश्व व्यापार संगठन (WTO) में बौद्धिक सम्पदा अधिकारों पर वार्ताओं में शामिल सरकारों से उन वैक्सीनों के लिये पेटेण्ट नियम स्थगित करने की मांग कर रहे हैं जिन्हें आपात इस्तेमाल की अनुमति दी गई है.

इसका उद्देश्य वैक्सीन उत्पादन को बढ़ावा देना है.

अमेरिका इन नियमों में छूट दिये जाने का अभी तक प्रतिरोध करता रहा है, मगर बुधवार को अमेरिका की व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन टाई ने एक विस्तृत बयान जारी किया जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति बाइडेन की सरकार के रुख़ में आए इस बदलाव के बारे में जानकारी दी.

“यह एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट है, और कोविड-19 महामारी के अभूतपूर्व हालात, अभूतपूर्व उपायों की मांग करते हैं.”

“ अमेरिकी सरकार का बौद्धिक सम्पदा संरक्षण में मज़बूत विश्वास है, मगर इस वैश्विक महामारी का अन्त करने के लिये, कोविड-19 वैक्सीन के लिये, इन संरक्षणों में छूट दिये जाने का समर्थन करती है.”

“हम विश्व व्यापार संगठन की लिखित वार्ताओं में सक्रिय रूप से हिस्सा लेंगे, जोकि इसे सम्भव बनाने के लिये ज़रूरी हैं.”

सुरक्षित व कारगर

अमेरिकी प्रतिनिधि के मुताबिक़, फ़िलहाल उद्देश्य सुरक्षित और कारगर वैक्सीनों को जल्द से जल्द, ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुँचाना है.

उन्होंने बताया कि अमेरिका, उत्पादन व वितरण का विस्तार करने के लिये संकल्पित है और इन वैक्सीनों के लिये ज़रूरी कच्चे माल की आपूर्ति बढ़ाने के लिये प्रयास किया जाएगा.

ख़बरों के अनुसार, विश्व व्यापार संगठन के सदस्य देशों की आने वाले हफ़्तों में बैठक होनी है. भारत और दक्षिण अफ़्रीका ने बौद्धिक सम्पदा संरक्षण में छूट दिये जाने का प्रस्ताव पेश किया था, और अब दोनों देश संशोधित योजनाओं पर काम कर रहे हैं. 

अमेरिकी घोषणा से पहले, यूएन व्यापार संगठन की महानिदेशक न्गोज़ी ओकोन्जो-इवेला ने कहा था कि वैक्सीनों, निदानों और उपचारों का न्यायसंगत वितरण “हमारे समय का एक नैतिक व आर्थिक मुद्दा, दोनों है.”

उन्होंने संगठन की बैठक को बुधवार को सम्बोधित करते हुए कि सभी सदस्य देशों को अपनी वैक्सीनें साझा करनी होंगी – न्यायसंगत वितरण के लिये कोवैक्स पहल या किसी अन्य माध्यम के ज़रिये. साथ ही निर्यात पाबन्दियाँ व बाधाएँ दूर करनी होंगी.

व्यापार संगठन की प्रमुख के मुताबिक़, वैक्सीन उत्पादन में जुटी कम्पनियों को अपनी क्षमताओं में विस्तार करने की आवश्यकता है, जबकि सरकारों को भविष्य में अतिरिक्त विनिर्माण क्षमता में निवेश करना चाहिये.

उन्होंने बौद्धिक सम्पदा अधिकारों में छूट पर वार्ता को तेज़ी से आगे बढ़ाने का आहवान किया है और भरोसा जताया है कि एक व्यावहारिक समाधान सम्भव है.