वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

खाद्य प्रणालियों में रूपान्तरकारी बदलाव लाने में युवाओं की अहम भूमिका

तन्ज़ानिया के गाँवों में वर्कशॉप के ज़रिये समावेशी व टिकाऊ कृषि पर चर्चा आयोजित की जा रही हैं.
CIFOR/Nkumi Mtimgwa
तन्ज़ानिया के गाँवों में वर्कशॉप के ज़रिये समावेशी व टिकाऊ कृषि पर चर्चा आयोजित की जा रही हैं.

खाद्य प्रणालियों में रूपान्तरकारी बदलाव लाने में युवाओं की अहम भूमिका

एसडीजी

संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि न्यायसंगत खाद्य प्रणाली को आकार देने में युवजन एक अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं. मंगलवार को ‘सर्वजन के लिये अच्छा भोजन’ (Good Food for All) नामक विषय पर आयोजित एक वैश्विक युवा सम्वाद के अवसर पर ये बात कही गई है.  

कार्यक्रम के दौरान कृषि, शिक्षा और जलवायु परिवर्तन पर ध्यान केन्द्रित किया गया, जिसके ज़रिये सितम्बर 2021 में होने वाली यूएन खाद्य प्रणाली शिखर बैठक के लिये, महत्वपूर्ण चर्चा बिन्दु तैयार किये गए हैं.

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संयुक्त राष्ट्र की उपमहासचिव आमिना जेमोहम्मद ने अपने एक वीडियो सन्देश में कहा कि खाद्य प्रणालियों की कायापलट करना, टिकाऊ विकास लक्ष्य हासिल करने के नज़रिये से अहम है.

उन्होंने कहा कि भोजन, प्लेट में दिखाई देने से कहीं बढ़कर है और इसका स्वास्थ्य, पर्यावरण और संस्कृति से गहरा नाता है.

“यह एक जटिल चुनौती है, मगर साथ मिलकर ही हम अपनी खाद्य प्रणालियों को रूपान्तरित करेंगे ताकि वे ज़्यादा न्यायसंगत, समावेशी और टिकाऊ हों, और वर्ष 2030 तक टिकाऊ विकास लक्ष्यों को हासिल किया जाए.”

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) की कार्यकारी निदेशक हेनरीएटा फ़ोर ने बताया कि पृथ्वी पर खाद्य प्रणालियों को बदला जाना क्यों ज़रूरी है.

यूएन एजेंसी प्रमुख ने सचेत किया कि आधी संख्या में बच्चों को सेहतमन्द आहार उपलब्ध नहीं है और मोटापे व ज़्यादा वज़न के मामलों में भी चिन्ताजनक बढ़ोत्तरी हो रही है.

“अक्सर, खाद्य प्रणालियों में प्रयोजन से अधिक, मुनाफ़े को तरजीह दी जाती है. इस वजह से सबसे पोषक आहार अनेक घरों की पहुँच से दूर हो जाते हैं.”

उन्होंने चिन्ता जताई कि परिवारों को मजबूरी में ऐसे विकल्प अपनाने पड़ते हैं जिनका बाज़ार में ज़्यादा प्रचार होता है या फिर स्वास्थ्य की दृष्टि से ठीक नहीं है.

इस वजह से बच्चों को पोषण नहीं मिल पाता है और उनके विकास पर असर पड़ता है, और हालात ख़राब हों, तो जीवन पर जोखिम पैदा हो जाता है.

संयुक्त राष्ट्र उपप्रमुख ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने गहराई तक समाई विषमताएँ उजागर कर दी हैं, और खाद्य प्रणालियाँ भी इससे अछूती नहीं हैं.

महामारी के दौरान युवजन भी व्यापक स्तर पर प्रभावित हुए हैं, मगर यूएन उपमहासचिव के मुताबिक़ उन्होंने सहनक्षमता दिखाई है और वे चुनौतियों को अवसरों में तब्दील कर रहे हैं.

खाद्य प्रणाली शिखर बैठक के लिये यूएन महासचिव की विशेष दूत ऐग्नेस कालीबाटा ने ज़ोर देकर कहा कि युवाओं को शामिल किये बिना, इस कार्यक्रम का आयोजन असम्भव होगा.

ऐग्नेस कालीबाटा रवाण्डा से हैं. उन्होंने ध्यान दिलाते हुए कहा कि युवा, अफ़्रीका की कुल आबादी का 77 प्रतिशत और विश्व आबादी का 50 प्रतिशत हैं.

उनके मुताबिक़ यह भविष्य से जुड़ा है. युवा भविष्य हैं. “हमारी दुनिया का भविष्य, हमारे युवा हैं.”