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प्रेस लोकतांत्रिक समाजों की आधारशिला, विश्व दिवस पर यूएन

चीन के शंघाई में, एक प्रेस कार्यक्रम के दौरान मीडियाकर्मी
Unsplash/Zeg Young
चीन के शंघाई में, एक प्रेस कार्यक्रम के दौरान मीडियाकर्मी

प्रेस लोकतांत्रिक समाजों की आधारशिला, विश्व दिवस पर यूएन

संस्कृति और शिक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार को तमाम देशों की सरकारों से आग्रह किया है कि वो स्वतंत्र, निष्पक्ष और विविधतापूर्ण मीडिया को समर्थन व सहयोग देने के लिये, वो सब सुनिश्चित करें, जो उनकी शक्ति के अन्तर्गत किया जा सकता है. यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त ने भी मीडिया को, “लोकतांत्रिक समाजों की आधारशिला” बताया है.

यूएन महासचिव ने, सोमवार 3 मई को, विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर, भरोसेमन्द, पुष्ट और सर्वसुलभ सूचना की महत्ता पर ज़ोर दिया.

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उन्होंने कहा, “महामारी के दौरान, और जलवायु आपदा सहित अन्य प्रकार के संकटों में भी, पत्रकार और मीडियाकर्मी, तेज़ी से बदलते व बहुत विशाल दायरे वाले सूचना परिदृश्य से गुज़रने और झूठ व ग़लत जानकारी और दुष्प्रचार का भी सामना करने में मदद करते हैं.”

“ग़लत व झूठी जानकारी का मुक़ाबला करने में, स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता हमारी विशाल सहयोगी है.”

एंतोनियो गुटेरेश ने पत्रकारों और मीडियाकर्मियों के सामने दरपेश निजी जोखिमों का भी ज़िक्र किया जिनमें प्रतिबन्ध, सामग्री पर सरकारी नियंत्रण, दुर्व्यवहार, प्रताड़ना, बन्दीकरण और यहाँ तक कि मौत जैसे ख़तरे भी शामिल हैं. और ये सब पत्रकारों व मीडियाकर्मियों को, अपना काम करने के लिये भुगतना पड़ता है, मुश्किल ये है कि ये स्थिति बद से बदतर हो रही है.

उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस महामारी के आर्थिक प्रभाव का, मीडिया संगठनों पर बहुत कठिन असर पड़ा है, यहाँ तक कि मीडिया संगठन, अपने वजूद के लिये संघर्ष कर रहे हैं.

यूएन प्रमुख ने कहा, “वित्तीय संसाधनों की क़िल्लत होने के साथ-साथ, भरोसेमन्द सूचना की उपलब्धता भी सीमित हुई है. अफ़वाहों, झूठी और अतिवादी या विभाजनकारी जानकारियों और विचारों का, खाई को भरने में जैसे अम्बार लग गया है.”

उन्होंने तमाम देशों की सरकारों से आग्रह किया कि वो स्वतंत्र, निष्पक्ष और विविधतापूर्ण मीडिया को सहारा देने के लिये, अपने अधिकार क्षेत्र के अनुसार, भरसक व यथासम्भव कार्रवाई करें.

मानवता की बेहतरी के लिये

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने भी स्वतंत्र, निष्पक्ष और सेंसर मुक्त प्रेस की महत्ता रेखांकित करते हुए, इसे लोकतांत्रिक समाजों की एक आधारशिला क़रार दिया.

उन्होंने कहा कि एक स्वतंत्र, निष्पक्ष व सेंसर मुक्त मीडिया, जीवनरक्षक सूचना मुहैया कराता है, जनभागीदारी को बेहतर बनाता है, और जवाबदेही सुनिश्चित करने के साथ-साथ, मानवाधिकारों के लिये सम्मान भी मज़बूत करता है. 

उन्होंने कहा, “दुनिया भर में, लोगों को अपने आर्थिक व सामाजिक अधिकारों की मांग के समर्थन में, सड़कों पर उतरना पड़ा है और ये संख्या लगातार बढ़ती रही है. लोग भेदभाव और व्यवस्थागत नस्लभेद, क़ानून के लिये निडरता, और भ्रष्टाचार का ख़ात्मा करने की भी मांग करते रहे हैं.”

मिशेल बाशेलेट ने कहा कि इन सामाजिक प्रदर्शनों पर अपनी बुनियादी भूमिका के तहत रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकार, निशाना बन रहे हैं, बहुत से पत्रकारों पर तो अनावश्यक और ज़रूरत से ज़्यादा बल प्रयोग भी किया गया है, अनेक को मनमाने तरीक़े से गिरफ़्तार किया गया है, और उन पर आपराधिक मुक़दमे भी चलाए गए हैं.

उन्होंने कहा कि इस तरह के हमले और प्रताड़ना, बहुत से पत्रकारों को प्रासंगिक मुद्दों पर अहम रिपोर्टिंग करने से हतोत्साहित करने के साथ-साथ, जन चर्चा को कमज़ोर बनाते हैं, साथ ही इससे, कोविड-19 महामारी जैसी चुनौतियों का असरदार तरीक़े से सामना करने में, समाजों की योग्यता भी कमज़ोर होती है.

विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस

हर वर्ष, 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाने के ज़रिये, प्रेस स्वतंत्रता के बुनियादी सिद्धान्तों के बारे जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जाता है.

साथ ही, इस दिवस को, दुनिया भर में प्रेस की आज़ादी की स्थिति का आकलन करने के एक मौक़े के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता.

इसके अलावा, मीडिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता क़ायम रखने के लिये, उसे हमलों से बचाने पर भी ज़ोर दिया जाता है, और जिन पत्रकारों को, अपना काम करते हुए अपनी जान क़ुर्बान करनी पड़ी है, उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित की जाती है.

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ये दिवस, स्वतंत्र, मुक्त और बहुलवादी प्रेस के विकास के लिये ऐतिहासिक 'विण्डहोक घोषणा-पत्र' पारित किये जाने की याद दिलाता है, जोकि नामीबिया की राजधानी में, 1991 में, संयुक्त राष्ट्र के शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन – यूनेस्को के एक सम्मेलन में पारित किया गया था.

इस वर्ष, विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की थीम है – सार्वजनिक भलाई के लिए सूचना, जिसमें सार्वजनिक भलाई के लिए सूचना की महत्ता की पुष्टि की गई है.

साथ ही, इस मौक़े पर पत्रकारिता की मज़बूती के लिये सामग्री सृजन, वितरण और प्राप्ति के लिये भी, प्रयास करने की सम्भावनाएँ तलाश की जाती हैं. इसके अलावा पारदर्शिता और सशक्तिकरण बेहतर बनाने की भी कोशिशें की जाती हैं. 

अधिक पारदर्शिता में मदद

यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्री अज़ूले ने प्रेस की स्वतंत्रता की हिमायत करते हुए कहा है कि इस वर्ष की थीम, स्वतंत्र, बहुलवादी पत्रकारिता का दीर्घकालिक स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के, इस एजेंसी के कार्य से मेल खाती है.

प्रेस की स्वतंत्रता की हिमायत करने के काम की ज़िम्मेदारी यूनेस्को के ही कंधों पर है.

ऑड्री अज़ूले ने कहा, “इन प्रयासों के तहत, हम ऑनलाइन मंचों पर ज़्यादा पारदर्शिता बनाने के लिये काम कर रहे हैं, जिनमें प्रकाशित होने वाली सामग्री की निगरानी जैसे क्षेत्र शामिल हैं. साथ ही, मानवाधिकारों और अभिव्यक्ति के अन्तरराष्ट्रीय नियमों का भी सम्मान किया जाए.”

उन्होंने कहा, “विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर, हम सभी का आहवान करते हैं कि वो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बुनियादी अधिकार और मीडियाकर्मियों की रक्षा करने के लिये अपना संकल्प फिर से ताज़ा करें, और सूचना व जानकारी को सार्वजनिक भलाई बनाए रखने के हमारे प्रयासों में शामिल हों.”