विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने आगाह किया है कि ब्राज़ील में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में गिरावट दर्ज की जा रही है, मगर वैश्विक महामारी का एक अहम सबक़ ये है कि कोई भी देश ढिलाई बरतने का जोखिम नहीं उठा सकता.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने शुक्रवार को जिनीवा में पत्रकार वार्ता के दौरान ब्राज़ील के ताज़ा हालात पर ध्यान केन्द्रित किया.
"पिछले दो हफ़्तों से अधिकाँश दुनिया की नज़रें भारत पर टिकी हैं. देश को एक गम्भीर स्वास्थ्य संकट का सामना करना पड़ रहा है मगर भारत के लिये अन्तरराष्ट्रीय समर्थन के प्रदर्शन से हम उत्साहित हैं."
उन्होंने कहा कि दुनिया के अनेक अन्य देश भी कोविड-19 संक्रमण की चपेट में हैं – इनमें ब्राज़ील भी है.
ब्राज़ील में अब तक, संक्रमण के एक करोड़, 40 लाख मामलों की पुष्टि हो चुकी है और चार लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.
ब्राज़ील, नवम्बर 2020 से एक बड़ा संकट झेलता रहा है, संक्रमणो मामलों में तेज़ी, अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीज़ों और मृतक संख्या में बढ़ोत्तरी, जिनमें युवा भी हैं.
अप्रैल 2021 में, गहन चिकित्सा कक्ष, देश भर में लगभग पूर्ण क्षमता पर काम कर रहे हैं.
पिछले चार हफ़्तों से लगातार संक्रमण मामले कम हुए हैं, अस्पतालों में भर्ती होने वालों और मृतकों की संख्या में भी कमी हुई.
यूएन एजेंसी प्रमुख ने यह रुझान जारी रहने की उम्मीद जताई मगर आगाह किया कि इस महामारी ने हमें सिखाया है कि कोई भी देश, कभी भी, ढिलाई नहीं बरत सकता.
उन्होंने बताया यूएन स्वास्थ्य एजेंसी और अमेरिकी क्षेत्र के लिये स्वास्थ्य संगठन - PAHO दवाओं व अन्य ज़रूरतें पूरा करने के लिये ब्राज़ील सरकार को मदद प्रदान कर रहे हैं.
साथ ही स्पेन, पुर्तागल के साथ-साथ कुछ निजी कम्पनियों से मदद मिल रही है.
अमेरिकी क्षेत्र, वैश्विक महामारी से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में है, और पेरू, इक्वेडोर, बोलीविया, अर्जेन्टीना, उरुग्वे, और गयाना में संक्रमण मामलों में तेज़ वृद्धि देखी गई है.
इससे स्वास्थ्य सेवाओं पर बोझ बढ़ा है. बताया गया है कि अनेक देशों में अब युवाओं में भी संक्रमण के मामले ज़्यादा संख्या में देखने को मिल रहे हैं.