पैट्रोलियम उद्योगों में काम करने वालों को कैंसर का अधिक जोखिम
अन्तरराष्ट्रीय कैंसर शोध एजेंसी की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि जो लोग पैट्रोलियम उद्योग में काम करते हैं या पैट्रोलियम संयन्त्रों व इकाइयों के निकट बसते हैं, उनमें अनेक तरह के कैंसर विकसित होने का ज़्यादा जोखिम है.
ये एजेंसी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का एक अंग है.
A new review conducted by IARC scientists provides evidence that #petroleum workers & residents living near petroleum facilities are at increased risk of developing several different #cancer types #oil #petrol #WorldDayForSafetyAndHealthAtWork @ilo #OSH https://t.co/lIco0Ojyy2 pic.twitter.com/Mc0RuvwvtY
IARCWHO
ये रिपोर्ट, पैट्रोलियम खुदाई व संवर्धन से उत्पन्न होने वाले वायु प्रदूषण के, स्वास्थ्य नतीजों के सबूतों में कुछ और इज़ाफ़ा करती है.
कैंसर जोखिम
तटीय इलाक़ों में किया जाने वाले पैट्रोलियम कार्य के साथ फेफड़ों के कैंसर और ल्यूकीमिया को सम्बन्ध पाया गया था.
इस रिपोर्ट में मैसोथीलियोमा, त्वचा मेलानोमा, प्रोस्केट कैंसर और मूत्राशय के कैंसर का बढ़ा ख़तरा बताया गया है.
पैट्रोलियम उद्योगों के नज़दीक रहने के साथ, बचपन में ही ल्यूकीमिया का बढ़ता जोखिम भी जुड़ा हुआ बताया गया था.
एजेंसी के पर्यावरण और जीवनशैली क्षेत्र के वैज्ञानिकों ने अपनी समीक्षा के दौरान, 41 अध्ययन किये, जिनमें 14 नियन्त्रित अध्ययन थे और दो – अलग-अलग वर्गों में किये गए अध्ययन शामिल थे.
इन अध्ययनों के नतीजे पर्यावरण शोध व सार्वजनिक स्वास्थ्य की अन्तरराष्ट्रीय पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं.
और शोध की आवश्यकता
रिपोर्ट के लेखकों ने विचार व्यक्त किया है कि अभी इस बारे में और ज़्यादा अध्ययन किये जाने की ज़रूरत है कि पैट्रोलियम और उसके नज़दीकी पदार्थों के सम्पर्क में आने के कारण, कैंसर के जोखिम में क्या और किस तरह बदलाव होता है.
वैज्ञानिकों का तर्क है कि आगे बढ़ने का सर्वश्रेष्ठ रास्ता ये हो सकता है कि एक नया अन्तरराष्ट्रीय समूह, अफ्रीका, मध्य पूर्व और एशिया में, नए अध्ययनों का दिशा-निर्देशन करे.
ये देखने के लिये कि अध्ययन किस तरह किये जाते हैं और पर्यावरणीय व स्वास्थ्य संकट का आकलन किस तरह किया जाता है.