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ब्रिटेन से सहायता राशि में 85% की कटौती से, महिलाओं व लड़कियों पर गम्भीर प्रभाव

कम्पाला के एक अस्पताल में जच्चा-बच्चा सघन चिकित्सा केन्द्र में एक शिशु. इस अस्पताल को यूएन जनसंख्या कोष की सहायता से आधुनिक बनाया गया है.
UNICEF/Catherine Ntabadde
कम्पाला के एक अस्पताल में जच्चा-बच्चा सघन चिकित्सा केन्द्र में एक शिशु. इस अस्पताल को यूएन जनसंख्या कोष की सहायता से आधुनिक बनाया गया है.

ब्रिटेन से सहायता राशि में 85% की कटौती से, महिलाओं व लड़कियों पर गम्भीर प्रभाव

महिलाएँ

संयुक्त राष्ट्र की यौन व प्रजनन स्वास्थ्य एजेंसी – UNFPA ने गुरूवार को कहा कि ब्रिटेन द्वारा, संयुक्त राष्ट्र के परिवार नियोजन कार्यक्रम को दी जाने वाली सहायता राशि में इस वर्ष 85 प्रतिशत की कटौती करने का जो इरादा ज़ाहिर किया गया है उसके कारण, दुनिया भर में महिलाओं और लड़कियों व उनके परिवारों के लिये भयानक परिणाम होंगे.

यूएन जनसंख्या कोष की कार्यकारी निदेशक डॉक्टर नतालिया कनेम ने एक वक्तव्य जारी करके कहा है, “जब सहायता राशि बन्द की जाती है, तो महिलाएँ और लड़कियाँ तकलीफ़ का सामना करती हैं, विशेष रूप में वो जो निर्धन हैं, जो दूरदराज़ के इलाक़ों में रहती हैं, जो वंचित समुदायों में हैं और मानवीय संकटों के ज़रिये भी.”

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उन्होंने कहा कि एजेंसी को ब्रिटेन के इस फ़ैसले पर गहरा अफ़सोस है कि उसने सहायता राशि में कटौती करने का फ़ैसला ऐसे समय में किया है जबकि विषमताएँ और भी ज़्यादा गहरी हो रही हैं, और अन्तरराष्ट्रीय एकजुटता की पहले से कहीं ज़्यादा ज़रूरत है.

राशि कटौती का असर

डॉक्टर नतालिया कनेम ने कहा कि यूएन एजेंसी को ब्रिटेन द्वारा दी जाने वाली सहायता राशि में से लगभग 18 करोड़ डॉलर की कटौती करने का जो इरादा ज़ाहिर किया गया है, उस राशि के ज़रिये, लगभग ढाई लाख जच्चा-बच्चा मौतें रोकने में मदद मिल सकती है.

इस राशि से, लगभग 1 करोड़ 46 लाख, अनचाहे गर्भ और क़रीब 43 लाख असुरक्षित गर्भपात से बचने में भी मदद मिल सकती है.

उन्होंने हालाँकि, विभिन्न दानदाता देशों के सामने मौजूद चुनौतियों को समझने की बात भी कही, मगर ये भी कहा कि यूएन एजेंसी को ब्रिटेन के इस फ़ैसले पर गहरा अफ़सोस है कि वो अपने संकल्पों से ऐसे समय में पीछे हट रहा है जब विषमताएँ और भी ज़्यादा गहरी हो रही हैं और अन्तरराष्ट्रीय एकजुटता की पहले से कहीं ज़्यादा आवश्यकता है.

यूएन जनसंख्या एजेंसी के लिये, ब्रिटेन की तरफ़ से वर्ष 2021 के दौरान, 21 करोड़ 10 लाख डॉलर की राशि मिलना अपेक्षित थी.

ब्रिटेन की नई योजना के अनुसार, इस राशि को कम करके 3 करोड़ 20 लाख डॉलर पर सीमित करने की मंशा ज़ाहिर की गई है.

इसके अतिरिक्त एक करोड़ 70 लाख डॉलर की राशि, यूएन एजेंसी के मूलभूत अभियान कोष से भी काटी जा रही है. ब्रिटेन में देशीय स्तर पर हुए अनेक समझौतों पर भी प्रभाव पड़ने की सम्भावना है.

आधुनिक गर्भनिरोधकों के अधिकार का मुद्दा

डॉक्टर नतालिया कनेम ने कहा कि यूएन जनसंख्या एजेंसी ख़ुद को मिले शासनादेश के लिये समर्पित है और ब्रिटेन द्वारा की जाने वाली इस बजट कटौती के प्रभावों का आकलन किया जा रहा है, साथ ही इस कटौती के प्रभावों से निपटने के लिये भी रणनीति बनाई जा रही है.

उन्होंने महिलाओं व लड़कियों के आधुनिक गर्भनिरोधक हासिल व प्रयोग करने के अधिकार का ज़िक्र करते हुए, एजेंसी के तमाम साझीदारों और सहयोगियों से एकजुट होने और एजेंसी के तमाम कार्यक्रमों व आपूर्तियों की साख़ सुनिश्चित करने का आहवान किया.

जनसंख्या और विकास पर अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन का अधूरा काम, टिकाऊ विकास लक्ष्यों पर इस कार्रवाई दशक में, और विशेष रूप में कोविड-19 के दौर में, पूरा करना होगा जिसमें महिलाओं और लड़कियों से किये गए वादे पूरे करने होंगे.

डॉक्टर कनेम ने कहा, वो सब हम से आस लगाए हुए हैं.