कोविड-19: भारत में हालात 'हृदय विदारक, बयान से परे'

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि कोविड-19 महामारी का अनेक देशों में तेज़ रफ़्तार से फैलना जारी है और संक्रमण के मामलों में लगातार नौवें सप्ताह बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसेस ने भारत में मौजूदा हालात को हृदय विदारक और बयान से परे बताते हुए भरोसा दिलाया है कि यूएन एजेंसी हरसम्भव सहायता प्रदान करने में जुटी है.
यूएन एजेंसी प्रमुख ने सोमवार को, जिनीवा में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अनेक क्षेत्रों में संक्रमण मामलों व मौतों की संख्या में कुछ गिरावट देखने को मिली है, मगर बहुत से देश बुरी तरह कोविड-19 की चपेट में हैं.
संक्रमण मामलों में लगातार नौवें सप्ताह बढ़ोत्तरी हुई है जबकि मृतक संख्या में लगातार छठे हफ़्ते वृद्धि देखी गई है.
"महामारी के शुरुआती पाँच सप्ताह में कुल जितने मामले थे, लगभग उतने ही मामले पिछले सप्ताह दर्ज किये गए."
उन्होंने भारत मे मौजूदा हालात का ज़िक्र करते हुए कहा कि देश में स्थिति 'हृदय विदारक' है जिसे बयान नहीं किया जा सकता.
भारत में पिछले 24 घण्टों में कोरोनावायरस संक्रमण के तीन लाख 52 हज़ार से ज़्यादा मामलों की पुष्टि हुई है, और 2 हज़ार 800 से अधिक लोगों की मौत हुई है.
यूएन एजेंसी प्रमुख ने कहा कि स्वास्थ्य संगठन, कोविड-19 पर जवाबी कार्रवाई में भारतीय एजेंसियों को सहायता प्रदान करने में जुटा है.
"महत्वपूर्ण उपकरण व ज़रूर की सामान की आपूर्त मुहैया कराई जा रही है, जिनमें हज़ारों की संख्या में ऑक्सीजन कॉन्सैण्ट्रेटर, पहले से तैयार मोबाइल फ़ील्ड अस्पताल और प्रयोगशाला के लिये ज़रूरी सामग्री शामिल है."
कोविड-19 पर जवाबी कार्रवाई को समर्थन देने के लिये 2 हज़ार 600 कर्मचारियों की पुनर्तैनाती की गई है, जो निगरानी करने, तकनीकी परामर्श देने और टीकाकरण अभियान में जुटे हैं.
इससे पहले, महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने शुक्रवार को, भारत में संक्रमण के बढ़ते मामलों व मौतों पर गहरी चिन्ता जताते हुए सम्वेदनाएँ प्रकट की थीं.
"मैं भारत में हर किसी के प्रति अपनी गहरी सम्वेदनाएँ व्यक्त करता हूँ जिन्होंने अपने किसी प्रियजन को खोया है. इन परिस्थितियों से निपटने के लिये देश के अलग-अलग हिस्सों में भिन्न-भिन्न प्रकार की कार्रवाइयों की ज़रूरत होगी."
महानिदेशक घेबरेयेसस ने कोरोनावायरस पर क़ाबू पाने के लिये हरसम्भव स्वास्थ्य औज़ारों के इस्तेमाल पर बल दिया.
"भारत में मौजूदा हालात, भयावह ढंग से आगाह करते हैं कि यह वायरस क्या कुछ कर सकता है, और क्यों हमें इससे निपटने के लिये व्यापक और एकीकृत तरीक़े से, हर औज़ार का इस्तेमाल करना होगा."
"सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों, वैक्सीन, रोग निदान और उपचारों का."
विश्व भर में, अब तक कोविड-19 संक्रमण के 14 करोड़ 68 लाख मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 31 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी प्रमुख ने सोमवार को ‘विश्व प्रतिरक्षण सप्ताह’ की शुरुआत पर कहा कि टीकाकरण का मूल्य इतना स्पष्ट पहले कभी नहीं रहा.
"इस समय दुनिया का ध्यान वैक्सीनों पर पहले से कहीं अधिक केन्द्रित है."
उन्होंने वैक्सीनों को इतिहास में सबसे शक्तिशाली व रूपान्तरकारी खोजों में क़रार दिया है, जिनकी मदद से चेचक अब अतीत की बात हो गई है, पोलियो उन्मूलन के कगार पर है, जबकि अन्य अनेक बीमारियों की रोकथाम की जा सकती है.
साथ ही वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान, सुरक्षित व कारगर वैक्सीनें रिकॉर्ड समय में तैनात की गईं हैं जिनसे दुनिया महामारी के अन्त की ओर बढ़ रही है.
एक सर्वेक्षण के नतीजे दर्शाते हैं कि दुनिया के लगभग एक-तिहाई देशों में नियमित टीकाकरण सेवाओं पर असर पड़ा है.
हालाँकि, वर्ष 2020 के स्तर की तुलना में प्रभावित देशों की संख्या में मामूली सुधार आया है.
यूएन एजेंसी ने चेतावनी जारी की है कि फ़िलहाल, 50 देशों में 60 जीनवरक्षक, सामूहिक टीकाकरण मुहिमें टाल दी गई हैं जिनसे 22 करोड़ से अधिक लोगों पर ख़सरा, पीत ज्वर और पोलियो जैसी बीमारियों का ख़तरा है. इनमें अधिकतर बच्चे हैं.
इस चुनौती से निपटने के लिये संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में सोमवार को एक वैश्विक प्रतिरक्षण रणनीति पेश की गई है जिसका लक्ष्य पाँच करोड़ बच्चों को टीके लगाना है.