कोविड-19: वैक्सीन समता पहल, ग्रेटा थनबर्ग ने दान किये एक लाख यूरो

स्वीडन की किशोरी जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने कोविड-19 वैक्सीन को हर स्थान पर, हर ज़रूरतमन्द के लिये वितरित करने के वैश्विक प्रयासों को स्फूर्ति देने के उद्देश्य से, एक लाख यूरो की रक़म दान की है. इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 25 से 59 आयु वर्ग के लोगों में, कोरोनावायरस संक्रमण और अस्पताल में भर्ती होने के बढ़ते मामलों पर चिन्ता जताई है.
ग्रेटा थनबर्ग के फ़ाउण्डेशन की ओर से यह राशि यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के फ़ाउण्डेशन को दान की गई है, जिसके ज़रिये न्यायसंगत वैक्सीन वितरण की कोवैक्स पहल को समर्थन दिया जाएगा.
.@GretaThunberg, thank you for your superb advocacy for #ClimateAction and now for #VaccinEquity. @WHO is grateful for your generosity in donating €100000 to @thewhof in support of #COVAX – these funds will help save lives. https://t.co/crt0P112YN pic.twitter.com/kYekG6f6Qq
DrTedros
ग्रेटा थनबर्ग ने सोमवार को, जिनीवा में यूएन एजेंसी की पत्रकार वार्ता के दौरान अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से वैक्सीन विषमता की त्रासदी से निपटने का आहवान किया.
युवा जलवायु कार्यकर्ता ने यूएन के नेतृत्व वाली कोवैक्स पहल को, दवाओं का न्यायोचित वितरण सुनिश्चित करने और मौजूदा संकट से बाहर निकलने के लिये सर्वोत्तम उपाय क़रार दिया है.
ग्रेटा थनबर्ग ने वैश्विक महामारी और जलवायु आपात स्थिति के बीच के सम्बन्ध को भी रेखांकित किया.
“विज्ञान दर्शाता है कि अगर हमने अपने तौर-तरीक़ों और प्रकृति के साथ बर्ताव को नहीं बदला, तो भविष्य में इस बात की ज़्यादा सम्भावना है कि हमें बहुधा और ज़्यादा तबाही लाने वाली महामारियों का सामना करना पड़े.”
“हम स्वास्थ्य संकट को पारिस्थितिकीय संकट से, और पारिस्थितिकीय संकट से जलवायु संकट को अब और अलग नहीं कर सकते. यह सब अनेक मायनों में आपस में जुड़ा हुआ है.”
ग्रेटा थनबर्ग ने ज़ोर देकर कहा कि कोविड-19 वैक्सीनों का त्वरित विकास दिखाता है कि विज्ञान में संसाधान निवेश के ज़रिये कितना कुछ हासिल किया जा सकता है.
मगर उन्होंने इस बात पर चिन्ता जताई है कि वैक्सीन की अधिकांश ख़ुराकें उच्चतर आय वाले देशो को मिली हैं.
स्वीडन की जलवायु कार्यकर्ता ने वैक्सीन समता को एक नैतिक परीक्षा बताते हुए, आपसी एकजुटता की अहमियत को रेखांकित किया.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने सोमवार को पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि कोविड-19 संक्रमण के नए मामलों में लगातार आठवें सप्ताह बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है.
पिछले हफ़्ते दुनिया भर में, संक्रमण के 52 लाख मामलों की पुष्टि हुई, जोकि अब तक किसी एक सप्ताह में सामने आने वाले संक्रमणों की सबसे बड़ी संख्या है.
मौतों की संख्या में भी लगातर पाँचवे सप्ताह वृद्धि हुई है और मृतक संख्या 30 लाख से ज़्यादा हो गई है.
“10 लाख मौतें होने में 9 महीने लगे; 20 लाख की संख्या होने में 4 महीने; और मौतों की संखअया 30 लाख होने तीन महीने लगे.”
“बड़ी संख्याएँ हमें सुन्न कर सकती हैं. लेकिन इनमें से हर एक मौत, परिवारों, समुदायों और राष्ट्रों के लिये एक त्रासदी है.”
महानिदेशक घेबरेयेसस के मुताबिक़ 25 से 59 आयु वर्ग में संक्रमण व अस्पताल में भर्ती होने के मामलों में चिन्ताजनक तेज़ी देखी गई है.
इसकी वजह, तेज़ी से संचारित होने वाले कोरोनावायरस के नए प्रकारों और सामाजिक गतिविधियों का बढ़ना बताया गया है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने सोमवार को एक पहल शुरू किये जाने की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य महामारी से पुनर्बहाली की प्रक्रिया में युवाओं की आवाज़ों, ऊर्जा व विचारों को साथ लेकर चलना है.
यह पहल विश्व भर के युवाओं के पास महामारी से निपटने के नवाचारी समाधानों के लिये वित्तीय साधन जुटाने हेतु आवेदन करने का अवसर होगा.
इसकी अगुवाई, स्काउट्स और गर्ल गाइड्स समेत विश्व के छह सबसे बड़े युवा संगठन कर रहे हैं, जो लगभग 25 करोड़ युवाओं को आपस में जोड़े हुए हैं.
नवाचारी समाधनों के ज़रिये शिक्षा में उत्पन्न व्यवधान, मानसिक स्वास्थ्य पर असर, रोज़गार खोने, दुख व अकेलापन और लिंग-आधारित हिंसा से निपटने का प्रयास किया जाएगा.