अफ़ग़ान शान्ति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिये इस्ताम्बुल में होगा सम्मेलन

संयुक्त राष्ट्र, तुर्की और क़तर ने अफ़ग़ान सरकार और तालेबान संगठन के प्रतिनिधियों के बीच एक उच्चस्तरीय व समावेशी बैठक, 24 अप्रैल से 4 मई 2021 तक साझा रूप से आयोजित करने की घोषणा की है. तुर्की के इस्ताम्बुल शहर में आयोजित की जाने वाली इस वार्ता का उद्देश्य, अफ़ग़ानिस्तान में शान्ति स्थापना के लिये प्रयासों को मज़बूती देना और देश में मौजूदा संकट के राजनैतिक समाधान की तलाश करना है.
सह-आयोजकों ने मंगलवार को इस आशय की घोषणा करते हुए दस-दिवसीय वार्ता के सम्बन्ध में एक साझा वक्तव्य जारी किया है.
This is such an important opportunity to really put in place a concrete plan to end the war. UNAMA welcomes the initiative for #Turkey & #Qatar to join UN in lending further support to #Afghanistan parties make the breakthrough for peace. pic.twitter.com/6li4KX5LZO
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सह-आयोजकों ने कहा है कि वे एक सम्प्रभु, स्वतंत्र और एकजुट अफ़ग़ानिस्तान को समर्थन देने के लिये संकल्पबद्ध हैं.
इससे पहले, सितम्बर 2020 में अफ़ग़ान सरकार और तालेबान प्रतिनिधियों के बीच, क़तर की राजधानी दोहा में, औपचारिक शान्ति वार्ता शुरू हुई थी.
देश में दशकों से चले आ रहे हिंसक संघर्ष का अन्त करने और स्थाई शान्ति स्थापित करने के लिये बातचीत को बढ़ावा दिये जाने को बेहद अहम माना गया है.
अफ़ग़ानिस्तान में यूएन की विशेष प्रतिनिधि डेबराह लियोन्स ने हाल ही में सुरक्षा परिषद को हालात से अवगत कराया था.
उन्होंने कहा था कि दशकों से जारी संघर्ष, हर पक्ष के लिये पीड़ा, विभिन्न पक्षों के बीच भरोसे की कमी और राज्यसत्ता की परिकल्पना पर गहरे मतभेदों की वजह है.
सह-आयोजकों के मुताबिक़, अफ़ग़ानिस्तान शान्ति प्रक्रिया पर ‘इस्ताम्बुल सम्मेलन’, क़तर की राजधानी दोहा में, अफ़ग़ानिस्तान के विभिन्न धड़ों में हो रही बैठक के पूरक के तौर पर काम करते हुए उसे तेज़ी प्रदान करेगा.
इन वार्ताओं का लक्ष्य अफ़ग़ानिस्तान में एक न्यायोचित और स्थाई राजनैतिक समाधान सुनिश्चित करना है.
सम्मेलन में भागीदारी और उसके लिये एजेण्डा तय किये जाने के लिये अफ़ग़ानिस्तान में विभिन्न पक्षों के साथ गहन विचार-विमर्श किया जा रहा है.
बताया गया है कि ‘इस्ताम्बुल सम्मेलन’ की मदद से, वार्ता में शामिल पक्षों को उन साझा, बुनियादी सिद्धातों पर सहमति बनाना सम्भव होगा, जिनमें भावी अफ़ग़ानिस्तान के लिये एक साझा दृष्टि परिलक्षित होती हो.
साथ ही एक ऐसे रोडमैप को भी मूर्त रूप दिये जाने की आशा है जिससे देश में दशकों से चले आ रहे हिंसक संघर्ष पर विराम लगाया जा सके और राजनैतिक समाधान ढूँढा जा सके.
प्रस्तावित सम्मेलन के सह-आयोजकों ने उम्मीद जताई है कि यह बैठक सभी साझीदारों के लिये, अफ़ग़ानिस्तान की जनता के लिये अपने समर्थन को दोहराने का एक अहम अवसर होगा.
साथ ही समावेशी, शान्ति, स्थायित्व व समृद्धि से पूर्ण अफ़ग़ानिस्तान के लिये पारस्परिक सहमति बनाने के प्रयास किये जाएंगे.