म्याँमार में हिंसा तत्काल रोकनी होगी - यूएन एजेंसियाँ
म्याँमार में संयुक्त राष्ट्र की टीम ने देश में आम नागरिकों के विरुद्ध हिंसा पर विराम लगाए जाने की अपनी पुकार फिर दोहराई है. म्याँमार में, एक फ़रवरी को, सैन्य तख़्तापलट के बाद व्यापक स्तर पर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं, और सुरक्षा बलों की कार्रवाई में अब तक बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों की मौत हुई है.
देश की वाणिज्यिक राजधानी यंगून से 90 किलोमीटर दूर स्थित बागो शहर में शुक्रवार को सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ कथित रूप से भारी हथियारों का इस्तेमाल किया जिसमें 80 लोगों की मौत हुई है.
यूएन टीम ने अपने एक ट्वीट सन्देश में कहा, “बागो में घटनाक्रम और आम लोगों के विरुद्ध भारी गोलाबारी किये जाने व घायलों को चिकित्सा उपचार से वंचित रखने जाने की ख़बरों पर हम नज़र रखे हुए हैं.”
“हिंसा तत्काल रोकनी होगी.”
एक1 फ़रवरी को म्याँमार में सेना द्वारा तख़्तापलट के बाद से विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर सुरक्षा बलों ने दमनात्मक कार्रवाई की है जिसमें सैकड़ों आम नागरिकों की मौत हुई है.
बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं और ढाई हज़ार से ज़्यादा लोगों को हिरासत में रखा गया है, जिन्हें या तो जबरन ग़ायब कर दिया गया है या फिर उनके बारे में कोई जानकारी मुहैया नहीं कराई गई है.
ऐसी भी ख़बरें हैं कि हिंसा प्रभावित इलाक़ों में सैकड़ों लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में घर छोड़कर चले गए हैं. इनमें से बहुत से लोग पड़ोसी देशों में शरण लेने का प्रयास कर रहे हैं.
यूएन एजेंसियों ने म्याँमार के अनेक हिस्सों में खाद्य सामग्री व ईंधन की क़ीमतों में तेज़ बढ़ोत्तरी होने की बात कही है.
देश में राजनैतिक घटनाक्रम के दौरान बाज़ार और आपूर्ति श्रृंखला (सप्लाई चेन) में आए व्यवधान को इसकी वजह बताया गया है.
मानवीय राहतकर्मियों ने चिन्ता जताई है कि अगर क़ीमतों में वृद्धि का यह रुझान जारी रहता, तो इससे देश के निर्धनतम व निर्बलतम समुदायों के लिये अपने परिवारों के लिये पर्याप्त भोजन का प्रबन्ध कर पाना मुश्किल हो जाएगा.
क्षेत्र के दौरे पर विशेष दूत
म्याँमार के लिये संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत क्रिस्टीन श्रेनर बर्गनर, शुक्रवार को थाईलैण्ड की राजधानी बैंकॉक पहुँची है.
उनकी इस क्षेत्रीय यात्रा का उद्देश्य म्याँमार में संकट के समाधान के लिये प्रयासों को गति प्रदान करना है, मगर उन्होंने स्पष्ट किया है कि फ़िलहाल वह म्याँमार का दौरा नहीं करेंगी.
उन्होंने कहा, “मुझे खेद है कि तत्मादाव [म्याँमार की सेना] ने मुझे कल दिये जवाब में कहा कि वे मेरी यात्रा के लिये तैयार नहीं है.”
“मैं सम्वाद के लिये तैयार हूँ. हिंसा से कभी भी शान्तिपूर्ण टिकाऊ समाधान नहीं निकलता है.”
विशेष दूत यूएन दूत, थाईलैण्ड की राजधानी बैंकॉक में क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ-साथ अन्य राजनयिकों के साथ बैठकें करेंगी.
विशेष दूत, थाईलैण्ड के अलावा, दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन, ‘आसियान’ (Association of Southeast Asian Nations/ASEAN) के अन्य सदस्य देशों व पड़ोसी देशों की यात्रा करने की सम्भावना पर विचार-विमर्श कर रही हैं.
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने दोहराया कि यूएन की विशेष दूत ने म्याँमार में जारी संकट के समाधान के लिये एकजुट क्षेत्रीय प्रयासों की आवश्यकता को रेखांकित किया है.
इन प्रयासों में उन पड़ोसी देशों को भी शामिल करना होगा, जोकि अपने प्रभुत्व का इस्तेमाल म्याँमार में स्थिरता की दिशा में प्रगति सुनिश्चित करने में कर सकते हैं.