प्रथम मानव अन्तरिक्ष उड़ान ने शुरू किया था मानव सभ्यता का नया दौर

अमेरिकी अन्तरिक्ष एजेंसी - नासा के यात्री स्कॉट कैली को, 21 दिसम्बर 2015 को, अन्तरिक्ष में तैरते हुुए देखा जा सकता है.
NASA/Johnson
अमेरिकी अन्तरिक्ष एजेंसी - नासा के यात्री स्कॉट कैली को, 21 दिसम्बर 2015 को, अन्तरिक्ष में तैरते हुुए देखा जा सकता है.

प्रथम मानव अन्तरिक्ष उड़ान ने शुरू किया था मानव सभ्यता का नया दौर

जलवायु और पर्यावरण

संयुक्त राष्ट्र, सोमवार, 12 अप्रैल को, अन्तरिक्ष में मानव उड़ान का अन्तरराष्ट्रीय दिवस मना रहा है. यह दिवस मनाते हुए, अन्तरिक्ष यात्रियों द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों को रेखांकित किया जा रहा है जो मानव सभ्यता द्वारा हासिल की जा सकने वाली उपलब्धियों की सीमाओं का दायरा बढ़ा रहे हैं.

अन्तरराष्ट्रीय मानव अन्तरिक्ष उड़ान दिवस हर वर्ष 12 अप्रैल को मनाया जाता है.

यह दिवस वर्ष 1961 में, रूसी अन्तरिक्ष यात्री यूरी गैगरिन द्वारा प्रथम अन्तरिक्ष उड़ान भरने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. उसके बाद तो, पूरी मानवता के फ़ायदे के लिये, अन्तरिक्ष की खोज करने के रास्ते खुल गए.

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बाहरी अन्तरिक्ष मामलों के लिये संयुक्त राष्ट्र कार्यालय की निदेशिका सिमोनेट्टा डी पिप्पो ने इस अन्तरराष्ट्रीय दिवस पर एक सन्देश में कहा है कि 60 वर्ष पहले, “मानवता के लिये एक नया युग शुरू हुआ था – जिसमें, आसमान कोई सीमा नहीं रह गया था”.

उन्होंने कहा, “अन्तरिक्ष यात्री, बाहरी स्थान यानि अन्तरिक्ष में, मानवता के दूत हैं जो प्रतिभा, कौशल, और बहादुरी की प्रतिमूर्ति हैं; और एक सभ्यता के रूप में हम जो हासिल कर सकते हैं, उसकी सीमाओं का दायरा और भी आगे बढ़ा रहे हैं.”

“मानव की अन्तरिक्ष उड़ान ने पृथ्वी, ब्रह्माण्ड, और स्वयं के बारे में हमारा नज़रिया बदल दिया है.”

टिकाऊ विकास की बढ़त

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने, वर्ष 2011 में, 12 अप्रैल को अन्तरराष्ट्रीय मानव अन्तरिक्ष उड़ान दिवस घोषित किया था जिसका उद्देश्य, मानव द्वारा अन्तरिक्ष युग की शुरुआत का जश्न मनाना है.

साथ ही, टिकाऊ विकास लक्ष्य हासिल करने में अन्तरिक्ष विज्ञान और टैक्नॉलॉजी के योगदान को फिर से पुष्ट करना और देशों के साथ-साथ लोगों के रहन-सहन में सुधार करना, व बाहरी अन्तरिक्ष का उपयोग शान्तिपूर्ण उद्देश्यों के लिये लोगों की महत्वाकांक्षाओं को साकार रूप देना सुनिश्चित करना है.

अन्तरिक्ष गतिविधियाँ, प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से विभिन्न टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में योगदान करती हैं. मसलन, अन्तरिक्ष टैक्नॉलॉजी फ़सल उत्पादकता बढ़ाने में मदद कर सकती है और भूमि, जल, बीज, उर्वरक और अन्य संसाधनों की कुशलता बढ़ा सकती है, जिससे भुखमरी ख़त्म करने वाले टिकाऊ विकास लक्ष्य-2 को बढ़त मिल सकती है.

इस तरह के नवाचार, विशेष रूप से, ऐसी परिस्थितियों में बहुत मददगार और महत्वपूर्ण हैं कि कोरोनावायरस महामारी अतिरिक्त लगभग 13 करोड़ 20 लाख लोगों को भुखमरी के दायरे में धकेल सकती है.

इन्हें मिलाकर, दुनिया भर में ऐसे लोगों की संख्या क़रीब 69 करोड़ है जिनके पास पेट भरने के लिये पर्याप्त खाद्य सामग्री नहीं है.

विशेष दूत का अनोखा नज़रिया

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने दुनिया भर की कृषि आधारित खाद्य प्रणालियों की महत्ता को रेखांकित करने और सहनशील, समावेशी, कुशल व टिकाऊ बनाने के इरादे से, योरोपायी अन्तरिक्ष एजेंसी (ESA) के अन्तरिक्ष यात्री थॉमस पैस्के को सदभावना दूत बनाया है.

जलवायु कार्रवाई के पैरोकार, थॉमस पैस्के ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को रेखांकित किया है और वर्ष 2016 से 2017 के दौरान, अन्तरराष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन पर अपने लगातार 196 दिनों के दौरान, पर्यावरण को और ज़्यादा सम्मान दिये जाने का आहवान किया था.

खाद्य और कृषि संगठन के निदेशक कू डोंग्यू का कहना है कि अन्तरिक्ष यात्री थॉमस पैस्के, नया अन्तरिक्ष नज़रिया लेकर इस भूमिका में आ रहे हैं.

उन्होंने कहा, “थॉमस पैस्के ने, अनेक वर्षों से, कृषि पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, पोषक खाद्य सामग्री तक पहुँच की महत्ता, और अपने प्राकृतिक संसाधनों को अक़्लमन्दी के साथ इस्तेमाल करने व भोजन बर्बादी कम करने के बारे में जागरूकता बढ़ाई है.”

पृथ्वी भी एक अन्तरिक्ष यान

थॉमस पैस्के ने सदभावना दूत का नामांकन स्वीकार करते हुए कहा कि उनकी प्रथम अन्तरिक्ष यात्रा ने, दुनिया के सामने पेश चुनौतियों के बारे में उनके नज़रिये में, बहुत बड़ा बदलाव कर दिया.

उन्होंने, पृथ्वी ग्रह और अन्तरिक्ष यान के बीच एक तुलनात्मक सन्दर्भ भी पेश किया.

उन्होंने कहा, “अन्ततः पृथ्वी भी एक अन्तरिक्ष यान है, जो अन्तरिक्ष में, सीमित साधनों के साथ, एक उड़ान पर है."

"उनकी समस्याएँ भी एक जैसी ही हैं – एक प्रतिरोधी वातावरण का सामना करना, सीमित संसाधनों की उपलब्धता और हमारे लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये, चालक दल के सदस्यों के साथ तालमेल बिठाते हुए, उनके साथ एकजुट होकर काम करना."

थॉमस पैस्के अन्तरराष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन के लिये अपने दूसरे मिशन की तैयारी कर रहे हैं जो 22 अप्रैल को शुरू होकर, 6 महीने तक चलेगा.

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