वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

म्याँमार: हिंसक झड़पों के कारण हज़ारों लोग विस्थापित

म्यांमार में लगभग दस लाख लोगों को मानवीय राहत व संरक्षा की आवश्यकता है.
UNICEF/Minzayar Oo
म्यांमार में लगभग दस लाख लोगों को मानवीय राहत व संरक्षा की आवश्यकता है.

म्याँमार: हिंसक झड़पों के कारण हज़ारों लोग विस्थापित

शान्ति और सुरक्षा

म्याँमार के सुरक्षा बलों और क्षेत्रीय हथियारबन्द गुटों के बीच झड़पों में देश के अनेक हिस्सों में अब तक 17 आम नागरिकों के मारे जाने की ख़बर है. मानवीय राहत मामलों में समन्वय के लिये संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने बुधवार को म्याँमार के मौजूदा हालात पर एक अपडेट जारी कर बताया है कि हिंसा की वजह से हज़ारों लोग विस्थापित हुए हैं. 

यूएन एजेंसी ने अपने अपडेट में उन अपुष्ट ख़बरों का ज़िक्र किया है जो बताती हैं कि मध्य म्याँमार के कायिन और बागो प्रान्तों में लड़ाई से बचने के लिये हज़ारों लोग घर छोड़कर जा रहे हैं. 

बताया गया है कि देश के मध्य में स्थित मॉन प्रान्त के एक लाक़े में गोलीबारी में एक चिकित्सा केन्द्र के क्षतिग्रस्त होने की ख़बर है. 

Tweet URL

म्याँमार सशस्त्र बलों और कैरेन नेशनल यूनियन के अंधाधुंध हमलों और दिसम्बर 2020 से बढ़ती असुरक्षा के कारण दो प्रान्तों में सात हज़ार से ज़्यादा लोगों के घरेलू रूप से विस्थापित होने का अनुमान है. 

“संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ज़मीन पर कार्यरत साझीदारों के साथ सम्पर्क में है ताकि विस्थापितों के लिये महत्वपूर्ण मानवीय राहत सहायता और समर्थन पहुँचाए जाने की सम्भावनाओँ को तलाश किया जा सके.”

“इलाक़े में टकराव बढ़ने के भय की वजह से, 27 मार्च से कायिन प्रान्त में तीन हज़ार 848 लोगों ने थाईलैण्ड की सीमा को पार किया है.”

थाई अधिकारियों का कहना है कि इनमें से अधिकाँश लोगों की म्याँमार वापसी हो गई है, जबकि एक हज़ार 167 लोग अभी थाईलैण्ड में ही हैं. 

म्याँमार में व्यापक राजनैतिक संकट के कारण देश भर में आम जनजीवन पर भीषण असर हुआ है. 

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) ने उन रिपोर्टों का उल्लेख किया है जिनके मुताबिक 1 फ़रवरी को सैन्य तख़्ता पलट के बाद से अब तक 568 महिलाओँ, बच्चों व पुरुषों की मौत हो चुकी है. 

हालांकि मृतकों का आँकड़ा इससे कहीं ज़्यादा होने की आशंका जताई गई है. 

वर्तमान संकट से म्याँमार की स्वास्थ्य व शिक्षा प्रणालियों पर होने वाले असर के प्रति चिन्ता व्यक्त की गई है.

संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों ने पिछले सप्ताह एक चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि व्यापक हिंसा की मौजूदा स्थिति जितने लम्बे समय के लिये जारी रहती है, उसका बच्चों पर उतना ही गहरा असर होगा. 

यूएन विशेषज्ञों के अनुसार मौजूदा घटनाक्रम से बच्चों के लिये तनाव बढ़ रहा है जिसका उनके मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ने की आशंका है. 

यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने मंगलवार को पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि 1 फ़रवरी के बाद से अब तक, अस्पतालों व स्वास्थ्यकर्मियों पर 28 हमले और स्कूलों व स्कूलकर्मियों पर सात हमले हो चुके हैं. 

उन्होंने कहा कि स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं व एम्बुलेंस पर हमलों की वजह से उन लोगों तक जीवनरक्षक सहायता पहुँचाना मुश्किल हो रहा है, जोकि सुरक्षा बलों की कार्रवाई में घायल हुए हैं. 

यूएन एजेंसियों ने म्याँमार के अनेक हिस्सों में खाद्य सामग्री व ईंधन की क़ीमतों में तेज़ बढ़ोत्तरी होने की बात कही है. 

देश में राजनैतिक घटनाक्रम के दौरान बाज़ार और आपूर्ति श्रृंखला (सप्लाई चेन) में आए व्यवधान को इसकी वजह बताया गया है.

मानवीय राहतकर्मियों ने चिन्ता जताई है कि अगर क़ीमतों में वृद्धि का यह रूझान जारी रहता, तो इससे देश के निर्धनतम व निर्बलतम समुदायों के लिये अपने परिवारों के लिये पर्याप्त भोजन का प्रबन्ध कर पाना मुश्किल हो जाएगा.