वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

यूनेस्को सर्वे के अनुसार, अगले दशक में, जलवायु परिवर्तन शीर्ष चुनौती

न्यूयॉर्क के एक प्राइमरी स्कूल के छात्र, जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर जुलूस निकालते हुए.
Emmanuel Rouy/Lycée Français d
न्यूयॉर्क के एक प्राइमरी स्कूल के छात्र, जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर जुलूस निकालते हुए.

यूनेस्को सर्वे के अनुसार, अगले दशक में, जलवायु परिवर्तन शीर्ष चुनौती

संस्कृति और शिक्षा

संयुक्त राष्ट्र के शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन – यूनेस्को ने ‘2030 में विश्व की स्थिति’ नामक सर्वे की रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसके अनुसार, जलवायु परिवर्तन और जैव-विविधता के नुक़सान को, इस दशक के दौरान सबसे बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है.

मई से सितम्बर 2020 के दौरान, ऑनलाइन साधनों के ज़रिये कराए गए इस सर्वे में, दुनिया भर से, 15 हज़ार से भी ज़्यादा लोगों ने हिस्सा लिया. यह सर्वे 25 भाषाओं में उपलब्ध कराया गया था.

Tweet URL

सर्वे में भाग लेने वालों में मुख्य रूप से युवजन थे, जिनमें 57 प्रतिशत 35 वर्ष से कम उम्र के थे, और 35 प्रतिशत की उम्र 25 वर्ष से कम थी.

सर्वे के परिणामों का विश्लेषण क्षेत्रीय, लैंगिक, आयु और अन्य जनसांख्यिकी आधार पर किया गया.

यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्री अज़ूले का कहना है, “लोगों की विशिष्ट चिन्ताओं को समझने के लिये और भी ज़्यादा प्रयासों की ज़रूरत है, और ऐसा करने के लिये सर्वश्रेष्ट रास्ता बहुपक्षवाद का है.

बहुपक्षवाद में भरोसा बहाल करने के लिये, ठोस व प्रभावशील परियोजनाओं का क्रियान्वयन ज़रूरी है, और ये हमारे संगठन की मुख्य प्राथमिकता है.”

इस सर्वे में, दुनिया भर के लोगों को, 11 चुनौतियों और उन पर पार पाने के समाधानों के बारे में अपनी चिन्ताएँ साझा करने के लिये आमन्त्रित किया गया था. 

शिक्षा कुंजी है 

सर्वे में शिरकत करने वालों की बहुसंख्या यानि लगभग 67 प्रतिशत ने जलवायु परिवर्तन और जैव-विविधता के नुक़सान को, अपनी शीर्ष चिन्ता के रूप में चुना.

उन्होंने इसका कारण मुख्य रूप से बढ़ती प्राकृतिक आपदाएँ और चरम मौसम की बढ़ती घटनाओं को बताया.

सर्वे में भाग लेने वालों का ख़याल था कि हरित समाधानों, स्थायित्व पर शिक्षा, अन्तरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने और विज्ञान में भरोसा बढ़ाने में संसाधन निवेश करना, इन मुद्दों का सामना करने के लिये सबसे अच्छे रास्ते हो सकते हैं.

सर्वे में दिखाया गया है कि हिंसा और संघर्ष, भेदभाव और समानता, और भोजन का अभाव, पानी व आवास, अन्य बड़ी चुनौतियों में शामिल रहे.

प्रतिभागियों का मानना है कि कुल मिलाकर, शिक्षा फैलाव ही हर एक चुनौती का एक सटीक समाधान है.

उनका ये भी ख़याल रहा कि शिक्षा ही एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर, कोविड-19 महामारी के मद्देनज़र, नए सिरे से ग़ौर किये जाने की आवश्यकता है. उसके बाद मानवता और प्रकृति के बीच सम्पूर्ण सम्बन्ध पर भी व्यापक रूप में विचार किया जाना चाहिये.

भरोसे का संकट

सर्वे में आगे दिखाया गया है कि लगभग 95 प्रतिशत प्रतिभागी, चुनौतियों पर पार पाने के लिये वैश्विक सहयोग की महत्ता पर ध्यान देते हैं, चार में से केवल एक प्रतिभागी ने विश्वस्त महसूस किया कि दुनिया, इन मुद्दों का समाधान तलाश कर लेगी.

यूनेस्को का कहना है कि अगर परिणामों पर सकल नज़र डाली जाए तो पता चलता है कि बहुपक्षवाद की महत्ता के लिये सराहना का अभाव नहीं है, बल्कि इसकी प्रभावशीलता में भरोसा नहीं होने का संकट ज़्यादा नज़र आता है.