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निजेर में आम लोगों की 'भयावह' हत्याओं की कड़ी निन्दा 

अमार्सिया उन 15 लाख लोगों में हैं, जोकि मध्य सहेल क्षेत्र में हिंसा के कारण विस्थापित हुए हैं.
IOM/Monica Chiriac
अमार्सिया उन 15 लाख लोगों में हैं, जोकि मध्य सहेल क्षेत्र में हिंसा के कारण विस्थापित हुए हैं.

निजेर में आम लोगों की 'भयावह' हत्याओं की कड़ी निन्दा 

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने हाल ही में, निजेर के पश्चिमी इलाक़े में स्थित दो गाँवों पर हुए भयावह हमले में अनेक आम लोगों के मारे जाने की कठोरतम शब्दों में निन्दा की है. पश्चिम व मध्य अफ़्रीका के लिये यूनीसेफ़ की क्षेत्रीय निदेशिका मारी पियेर पोरियेर ने बताया कि अज्ञात हथियारबन्द गुटों द्वारा तलाबेरे क्षेत्र में हुए इस हमले में 58 लोगों की मौत हो गई है. 

इनमें छह बच्चे भी बताए गए हैं, जिनकी उम्र 11 से 17 वर्ष थी. 

क्षेत्रीय निदेशिका मारी पियेर पोरियेर ने कहा, “हमें गहरा दुख और क्षोभ है कि हताहतों में, बच्चों सहित आम लोग हैं.”

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मीडिया ख़बरों के अनुसार यह हमला सोमवार को हुआ, जब हथियारबन्द हमलावरों ने साप्ताहिक बाज़ार से ग्रामीणों को लेकर आ रहे एक वाहन को रोक लिया.  

महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि यूएन प्रमुख ने निजेर सरकार से आग्रह किया है कि दोषियों की जवाबदेही तय किये जाने में कोई क़सर नहीं छोड़ी जानी होगी. 

मारी पियेर पोरियेर ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि जनवरी 2021 में भी इसी इलाक़े में सशस्त्र गुटों ने समन्वित ढंग से हमले किये थे और 100 से ज़्यादा लोगों की ज़िन्दगी ख़त्म कर दी थी. 

इनमें 17 बच्चे थे, जिनकी उम्र 16 वर्ष से भी कम थी. 

यूनीसेफ़ की वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि मध्य सहेल क्षेत्र में हिंसा का उभरना, बच्चों की गुज़र-बसर, शिक्षा, संरक्षा और विकास पर तबाहीपूर्ण असर डाल रहा है.

क्षेत्र में पसरी असुरक्षा

निजेर का तिलाबेरी क्षेत्र, माली और बुर्किना फ़ासो के साथ लगी सीमा के पास स्थित है जहाँ 95 हज़ार से ज़्यादा लोग विस्थापित बताए गए हैं. 

पोरियेर ने बताया कि बढ़ती असुरक्षा की वजह से मानवीय ज़रूरतों का स्तर बढ़ रहा है और प्रभावित समुदायों तक सहायता पहुँचाने में कठिनाइयाँ सामने आ रही हैं.

“ज़रूरतमन्दों तक पहुँचना, चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है. हिंसा के कारण आजीविका और शिक्षा व स्वास्थ्य देखभाल सहित सामाजिक सेवाओं की सुलभता में व्यवधान आ रहा है.” 

उन्होंने बताया कि असुरक्षा के कारण लम्बे समय से जड़ जमाए बैठी कमज़ोरियाँ और उजागर हुई है. महिला व बच्चों को हिंसा का सबसे ज़्यादा ख़मियाज़ा भुगतना पड़ रहा है.

निजेर में लगभग 38 लाख लोगों को मानवीय सहायता की ज़रूरत है, जिनमें 20 लाख बच्चे हैं. 

कोविड-19 महामारी के प्रभावों व ऐहतियाती उपायों के कारण हालात और ख़राब हो गए हैं.

यूनीसेफ़, बच्चों व परिवारों तक ज़रूरी मदद, संरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा सेवाएँ पहुँचाने के लिये, सरकार व साझीदार संगठनों के साथ मिलकर काम कर रहा है.

क्षेत्रीय निदेशिका पोरियेर ने ज़ोर देकर कहा है कि हिंसा पर तत्काल रोक लगाने के लिये अन्तरराष्ट्रीय समर्थन व आपसी सम्पर्क की बेहद आवश्यकता है. 

इससे यूएन एजेंसी के लिये ज़रूरतमन्दों के पास तक पहुँच पाना सम्भव होगा.