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जैनसेन टीके को हरी झण्डी, रक्त थक्कों पर चिन्ताओं का निवारण

कोविड-19 के लिये ऐस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन की खेप को काँगो लोकतान्त्रिक गणराज्य के लिये रवाना किया गया.
© UNICEF/Sibylle Desjardins
कोविड-19 के लिये ऐस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन की खेप को काँगो लोकतान्त्रिक गणराज्य के लिये रवाना किया गया.

जैनसेन टीके को हरी झण्डी, रक्त थक्कों पर चिन्ताओं का निवारण

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के विशेषज्ञ सलाहकार बोर्ड ने बुधवार को कोविड-19 के लिये जैनसेन वैक्सीन को अन्तरराष्ट्रीय इस्तेमाल के लिये मंज़ूरी दे दी है. साथ ही बोर्ड ने, निश्चित तथ्यों के अभाव में उन चिन्ताओं को दूर करने का भी प्रयास किया है, जो कोरोनावायरस की वैक्सीन दिये जाने के बाद, कथित रूप से कुछ लोगों में रक्त के थक्के जमने की ख़बरों के बाद उभरी हैं. इन चिन्ताओं के कारण कुछ देशों में ऐस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन के इस्तेमाल को अस्थाई रूप से रोक दिया गया है.   

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के Strategic Advisory Group of Experts/SAGE सलाहकार बोर्ड ने बुधवार को, जिनीवा में एक वर्चुअल प्रेस वार्ता के दौरान, एक ख़ुराक वाली जैनसेन वैक्सीन को सुरक्षित व जीवनरक्षक क़रार दिया है. ये वैक्सीन जॉनसन एण्ड जॉनसन ने विकसित की है.

इसके पहले, कोविड-19 की रोकथाम के लिये तीन वैक्सीनों को इस्तेमाल की अनुमति मिल चुकी है: फ़ाइज़र, मोडेर्ना, और ऑक्सफ़र्ड - ऐस्ट्राज़ेनेका. 

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विशेषज्ञ पैनल का मानना है कि रक्त के थक्के जमने की घटनाएँ, कोविड-19 का एक लक्षण है.

ग़ौरतलब है कि रक्त के थक्कों के जमने की चिन्ताओं के कारण अनेक योरोपीय देशों ने ऐस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन के इस्तेमाल को स्थगित कर दिया है, और वैज्ञानिक समीक्षा की प्रतीक्षा की जा रही है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन में टीकाकरण व वैक्सीन विभाग की निदेशक डॉक्टर केट ओब्रायन ने बताया कि दुनिया एक ऐसे स्थान पर है जहाँ लोगों का टीकाकरण किये जाने की ज़रूरतों को पूरा करने लिये अपर्याप्त आपूर्ति है. यह स्पष्ट है कि इनमें से कोई भी वैक्सीन जीवनदायी उत्पाद है. 

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि वैक्सीन का यथासम्भव तेज़ी से इस्तेमाल किये जाने जाने की ज़रूरत है.
लोगों को उनकी सुरक्षा व कारगरता और उत्पादन की गुणवत्ता में भरोसा रखना चाहिये. 

जैनसेन वैक्सीन के लिये परीक्षणों में 44 हज़ार लोगों ने हिस्सा लिया. रिक्त ख़ुराक (Blank dose) पाने वाले 22 हज़ार में से 10 लोगों में रक्त के थक्के जमे, जबकि टीके की वास्तविक ख़ुराक पाने वाले 22 हज़ार में से 14 में रक्त के थक्के जमे. 

SAGE तकनीकी सलाहकार डॉक्टर एनीलिस विल्डर स्मिथ के मुताबिक़, दोनों समूहों के लिये यह लगभग समान है. 

“कुछ असन्तुलन है, लेकिन सांख्यिकी के नज़रिये से यह महत्वपूर्ण नहीं है.”

तथ्यों का अभाव

उन्होंने बताया कि परीक्षण में इसका कोई मामला नहीं देखा गया है, और यह सोचने का भी कोई कारण नहीं है कि वैक्सीन की वजह से रक्त के थक्के जमने की घटना हो. 

“लेकिन हमें नई घटनाओं के लिये तैयार रहना है, और हमें इसे गम्भीरता से लेना है.“

डॉक्टर विल्डर-स्मिथ ने बताया कि जिन लोगों को वैक्सीन परीक्षण के लिये चुना गया था, उन्हें सोचसमझ कर चुना गया, चूँकि उन लोगों में रक्त के थक्कों के जमने का अधिक जोखिम पहले से ही था.  

कोविड-19 वायरस, वास्तव में कुछ मरीज़ों में ऐसी स्थिति उत्पन्न करता है, जिसमें ख़ून के जमने की सम्भावना बहुत बढ़ जाती है, और गम्भीर मामलों में अनेक मौतें, रक्त के थक्कों के जमने की वजह से देखी गई हैं.   

बुधवार को जारी एक बयान में, कुछ योरोपीय देशों द्वारा ऐस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन के इस्तेमाल को स्थगित किये जाने का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है.

यूएन एजेंसी का कहना है कि वैक्सीन दिये जाने और रक्त के थक्के जमने के बीच सम्भावित सम्बन्ध की पड़ताल करना अच्छा उदाहरण है.

स्वास्थ्य संगठन ने स्पष्ट किया है कि वैक्सीन दिये जाने के फ़ायदे, उसके जोखिमों से कहीं ज़्यादा हैं, और इसके मद्देनज़र टीकाकरण को जारी रखने की अनुशंसा की गई है.

संक्रमणों की संख्या बढ़ी

हाल के दिनों में दुनिया भर में कोरोनावायरस संक्रमणों के नए मामलों में उभार आया है. 

पिछले हफ़्ते में नए मामलों की संख्या में 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है, 30 लाख से ज़्यादा नए संक्रमण मामलों का पता चला है. 

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को बताया कि जनवरी 2021 के शुरुआती दिनों में संक्रमणों की संख्या चरम पर पहुँच गई और हर सप्ताह लगभग 50 लाख मामले दर्ज किये जा रहे थे.

उसके बाद, 15 फ़रवरी को शुरु होने वाले सप्ताह में नए संक्रमण घटकर 25 लाख रह गए, लेकिन उसके बाद पिछले तीन हफ़्तों से संक्रमणों की संख्या फिर से बढ़ रही है. 

इस सप्ताह, अमेरिका और योरोप में, कुल संक्रमण व मौतों के 80 फ़ीसदी मामले दर्ज किये जा रहे हैं, और अफ़्रीका से इतर, हर क्षेत्र में संक्रमण मामलों की संख्या बढ़ी है.

अफ़्रीका में हालात जस के तस बने हुए हैं.  

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के अनुसार, 17 मार्च 2021 तक कोविड-19 संक्रमण के 12 करोड़ से ज़्यादा मामलों की पुष्टि हुई है और 26 लाख 60 हज़ार से अधिक लोगों की मौत हुई है.

कोरोनावायरस की रोकथाम के लिये टीकाकरण अभियान के तहत, दुनिया भर में अब तक 36 करोड़ से ज़्यादा लोगों को वैक्सीन की ख़ुराकें दी जा चुकी हैं.