म्याँमार: ‘क्रूर’ कार्रवाई में लोगों की मौत की निन्दा, लोकतन्त्र बहाली की पुकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने म्याँमार में, सप्ताहान्त के दौरान, देश की सेना द्वारा, अनेक प्रदर्शनकारियों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए, लोकतन्त्र की बहाली की पुकार लगाई है. म्याँमार के लिये संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत, क्रिस्टीन श्रेनर बर्गनर ने भी देश में ‘जारी रक्तपात’ की कड़े शब्दों में निन्दा की है.
यूएन प्रमुख के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक द्वारा सोमवार को जारी एक वक्तव्य में कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों की मौतें, मनमाने तरीक़े से लोगों को गिरफ़्तार किया जाना और बन्दियों का कथित उत्पीड़न, मूलभूत मानवाधिकारों का हनन है.
उन्होंने कहा कि ये मामले, सुरक्षा परिषद द्वारा संयम बरते जाने, और सम्वाद और म्याँमार की लोकतन्त्र के मार्ग पर वापसी की पुकार का स्पष्ट उल्लंघन हैं.
म्याँमार में, 1 फ़रवरी को, सेना द्वारा तख़्तापलट करके, सत्ता अपने हाथों में लेने के बाद से ही, देश में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला बढ़ता ही गया है और सैनिक तख़्तापलट के वफ़ादार बलों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग किया जा रहा है.
Heartbroken/outraged at news of the largest number of protesters murdered by Myanmar security forces in a single day. Junta leaders don't belong in power, they belong behind bars. Their supply of cash & weapons must be cut now. I appeal to UN member states to heed my call to act. pic.twitter.com/QxuES4Mhii
RapporteurUn
मीडिया ख़बरों के अनुसार, इन प्रदर्शनों में अब तक सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है, िजनमें 50 लोगों की मौत तो केवल बीते रविवार को ही हुई है.
यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया है कि वो म्याँमार में इस दमन का अन्त करने के लिये, सामूबिक और द्विपक्षीय आधार पर काम करें.
उन्होंने म्याँमार की सेना का आहवान किया कि यूएन प्रमुख के विशेष दूत की यात्रा को अनुमति दी जाए क्योंकि सम्वाद शुरू करने के लिये रास्ता साफ़ करने और लोकतान्त्र की बहाली के लिये अनुकूल परिस्थितियाँ उत्पन्न करने के लिये, यह यात्रा एक महत्वपूर्ण पहलू है.
ख़बरों के अनुसार, बीते सप्ताहान्त, म्याँमार के अनेक शहरों में हिंसा जारी रही, जिसमें अनेक लोगों की मौत हुई है.
म्याँमार में यूएन महासचिव की विशेष दूत, क्रिस्टीन श्रेनर बर्गनर ने अपने एक वक्तव्य में मौजूदा घटनाक्रम पर क्षोभ व्यक्ति किया है.
उन्होंने कहा, “इस सप्ताहान्त, म्याँमार में लोगों के मारे जाने, प्रदर्शनकारियों के साथ बुरा बर्ताव किये जाने और बन्दियों को यातना दिये जाने के बारे में, निजी सम्पर्कों से हाल सुनना, दिल दहला देने वाला अनुभव है.”
“चिकित्साकर्मियों सहित अन्य लोगों के विरुद्ध क्रूरता और सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे का विध्वंस जारी है, जिससे शान्ति और स्थिरता के लिये सम्भावनाएँ कमज़ोर होती हैं.”
विशेष दूत श्रेनर बर्गनर ने ज़ोर देकर कहा कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय, विशेष रूप से क्षेत्रीय पक्षों को, म्याँमार की जनता व उनकी लोकतान्त्रिक आकाँक्षाओं के साथ एकजुटता दर्शाते हुए एक साथ आना होगा.
बताया गया है कि यूएन की विशेष दूत क्षेत्रीय नेताओं और सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के साथ नज़दीकी सम्पर्क में हैं और हालात पर क़ाबू पाने के लिये, उनके प्रयासों के लिये निरन्तर समर्थन पर निर्भर हैं.
म्याँमार पर संयुक्त राष्ट्र के स्वतन्त्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने भी यूएन के सदस्य देशों के नाम अपील दोहरते हुए कहा कि इस संकट को हल करने के लिये कार्रवाई करनी होगी.
विशेष रैपोर्टेयर टॉम एण्ड्रयूज़ ने सोमवार को कहा कि म्याँमार के सुरक्षा बलों द्वारा, एक दिन में, इतनी बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों की हत्या किये जाने की ख़बरें हृदयविदारक हैं.
“सैन्य नेतृत्व की सत्ता में कोई जगह नहीं है, उनका स्थान सींख़चों के पीछे है. उनकी नक़दी व हथियारों की आपूर्ति को अभी रोकना होगा.”
स्वतन्त्र मानवाधिकार विशेषज्ञ ने पिछले सप्ताह, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय का आहवान किया था कि म्याँमार के लिये एकजुट वैश्विक कार्रवाई, समय की आवश्यकता है.
साथ ही, उन्होंने चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि शान्तिपूर्ण प्रदर्शनों पर सैन्य नेतृत्व की क्रूरतापूर्ण कार्रवाई को, मानवता के विरुद्ध अपराध के क़ानूनी दायरे में रखा जा सकता है.
अब तक, सुरक्षा बलों की कार्रवाई में 120 प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है, जिनमें महिलाएँ व बच्चे भी हैं.
सैकड़ों अन्य लोग घायल हुए हैं, और दो हज़ार से ज़्यादा प्रदर्नकारियों को मनमाने ढंग से गिरफ़्तार किया गया है या हिरासत में लिया गया है.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) के मुताबिक़, मनमाने ढंग से हिरासत में लिये गए लोगों में लगभग 700 बच्चे भी हैं.
यूनीसेफ़ ने फ़ेसबुक पर जारी एक बयान में कहा कि गिरफ़्तार किये गए या हिरासत में लिये गए लोगों से सम्पर्क नहीं करने दिया जा रहा है, और मानवाधिकारों का हनन करते हुए, उन लोगों को क़ानूनी मदद भी प्रदान नहीं की जा रही है.
यूनीसेफ़ ने बच्चों के ख़िलाफ़ बल प्रयोग किये जाने की कठोतरम शब्दों में निन्दा करते हुए, सुरक्षा बलों से हिंसा का इस्तेमाल करने से बचने और बच्चों व युवाओं को मुसीबत से बचाने की पुकार लगाई है.
म्याँमार में संयुक्त राष्ट्र की देशीय टीम (Country Team) ने भी हिंसा की भर्त्सना की है और दोषियों की जवाबदेही तय किये जाने की माँग की है.
यूएन टीम ने शनिवार, स्थानीय समयानुसार शाम को एक ट्वीट में कहा, “मण्डाले और अन्य स्थानों पर सुरक्षा बलों द्वारा अनेक लोगों की मौत की ख़बरें, म्याँमार के लिये एक और त्रासदीपूर्ण दिन है.”
यूएन ने स्पष्टता से कह दिया है कि इस प्रकार से हिंसा “अस्वीकार्य है और इसके लिये ज़िम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय की जानी होगी.”