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चिन्ताओं के बीच, ऐस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन को WHO का समर्थन, जॉनसन वैक्सीन को मंज़ूरी

संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाले कोवैक्स कार्यक्रम के तहत, ऐस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन की, 3 लाख 24 हज़ार ख़ुराकें कम्बोडिया पहुँचने के बाद का दृश्य.
© UNICEF/Antoine Raab
संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाले कोवैक्स कार्यक्रम के तहत, ऐस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन की, 3 लाख 24 हज़ार ख़ुराकें कम्बोडिया पहुँचने के बाद का दृश्य.

चिन्ताओं के बीच, ऐस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन को WHO का समर्थन, जॉनसन वैक्सीन को मंज़ूरी

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि ऑक्सफ़र्ड-ऐस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन की एक विशिष्ट खेप से जुड़े ऐसे मामले उसके संज्ञान में हैं, जिनमें लोगों में, रक्त के थक्के जमने पर चिन्ताएँ जताई गई हैं. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने शुक्रवार को स्पष्ट किया है कि कोरोनावायरस की कोई भी वैक्सीन दिये जाने से अब तक कोई मौत होने की ख़बर नहीं है. 

अनेक योरोपीय देशों ने हाल के दिनों में सावधानी बरतते हुए कोरोनावायरस वैक्सीन का टीकाकरण, फ़िलहाल टाल दिया है. 

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विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रवक्ता डॉक्टर मार्गरेट हैरिस ने बताया, “9 मार्च तक प्राप्त जानकारी के अनुसार, महामारी की शुरुआत से अब तक, वैक्सीन की 26 करोड़ 80 लाख से ज़्यादा ख़ुराकों का वितरण किया जा चुका है.”

“अब तक मिले आँकड़ों के अनुसार, कोविड-19 वैक्सीन से मौत होने का कोई मामला सामने नहीं आया है.”

डॉक्टर मार्गरेट हैरिस ने जिनीवा से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये सम्बोधित करते हुए कहा कि यूएन एजेंसी का एक स्वतन्त्र विशेषज्ञ समूह, फ़िलहाल ऐस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन पर ख़बरों की समीक्षा कर रहा है और जल्द ही उन्हें सार्वजनिक किया जाएगा. 

डॉक्टर मार्गरेट हैरिस ने बताया कि लोगों में रक्त के थक्के जमना आम बात है, और यह स्पष्ट नहीं है कि क्या इसके लिये वैक्सीनों को ज़िम्मेदार माना जा सकता है.

उन्होंने स्पष्ट किया कि फ़िलहाल, वैक्सीन दिये जाने और रक्त के थक्के जमने के बीच सीधा सम्बन्ध नहीं दिखाई दिया है. 

यूएन एजेंसी प्रवक्ता ने, योरोपीय संघ चिकित्सा एजेंसी की जोखिम मूल्याँकन समिति का हवाला देते हुए दोहराया कि, वैक्सीन से होने वाले फ़ायदे उसके जोखिमों से कहीं ज़्यादा हैं. 

जिन देशों में टीकाकरण मुहिमें फ़िलहाल रोक दी गई हैं, उनमें ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, एस्टोनिया, लिथुआनिया नॉर्वे, आइसलैण्ड और थाईलैण्ड हैं. 

सैकड़ों वैक्सीनें

विश्व स्वास्थ्य संगठन के वैक्सीन ट्रैकर के मुताबिक़, विभिन्न प्रयोगशालाओं में, 81 वैक्सीनें विकसित करने पर काम चल रहा है, और 180 से ज़्यादा प्री-क्लीनिकल चरण में हैं. 

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने अब तक, दो वैक्सीनों को, कोविड-19 के ख़िलाफ़ आपात इस्तेमाल के लिये मंज़ूरी दी है.

Pfizer/BioNTech वैक्सीन को 31 दिसम्बर 2020 को अनुमति दी गई जबकि ऐस्ट्राज़ेनेका-ऑक्सफ़र्ड वैक्सीन के दो संस्करणों को, 15 फ़रवरी 2021 को स्वीकृति मिली. 

चीन में विकसित किया जा रहा सिनोवाक टीका अपने अन्तिम चरण में है, और उसे इस महीने के अन्त तक मंज़ूरी दिये जाने का अनुमान है. 

डॉक्टर मार्गरेट हैरिस ने कहा, “निश्चित रूप से हम, चीनी वैक्सीन पर नज़र टिकाए हुए हैं, और फिर जॉनसन एण्ड जॉनसन वैक्सीन भी विचाराधीन है, और हम अनेक अन्य वैक्सीनों पर भी नज़र रखे हुए हैं.”

जॉनसन एण्ड जॉनसन वैक्सीन को हरी झण्डी

यूएन एजेंसी ने शुक्रवार को जॉनसन एण्ड जॉनसन कम्पनी की ‘जैनसेन’ नामक वैक्सीन को आपात इस्तेमाल सूची में शामिल किये जाने की घोषणा की है. 
इस स्वीकृति के बाद, कोवैक्स मुहिम के तहत जैनसेन वैक्सीन का वितरण सम्भव हो सकेगा. 

इससे पहले, गुरुवार को, योरोपीय औषधि एजेंसी ने इस वैक्सीन को मंज़ूरी दी थी.

जी7 के नेताओं ने सभी लोगों को कोविड-19 टीके उपलब्ध कराने और संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाली कोवैक्स पहल के लिये वित्त पोषण बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई है.
Janssen
जी7 के नेताओं ने सभी लोगों को कोविड-19 टीके उपलब्ध कराने और संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाली कोवैक्स पहल के लिये वित्त पोषण बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख डॉक्टर टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा, “कोविड-19 के ख़िलाफ़ हर नया, सुरक्षित और असरदार औज़ार, महामारी पर क़ाबू पाने के और नज़दीक लाता है.”

“लेकिन इन औज़ारों से मिलने वाली उम्मीद तब तक पूरी नहीं होगी, जब तक इन्हें सभी देशों में सभी लोगों के लिये उपलब्ध नहीं कराया जाता.”

“मैं सरकारों व कम्पनियों का आहवान करता हूँ कि अपने संकल्पों के अनुरूप, सभी सम्भव समाधानो का उपयोग वैक्सीन उत्पादन बढ़ाने में करें, ताकि ये औज़ार वास्तव में वैश्विक कल्याण की वस्तु के रूप में सभी के लिये आसानी से उपलब्ध हो सकें.”

यूएन एजेंसी द्वारा स्वीकृति पाने वाली जैनसेन वैक्सीन, एकल ख़ुराक वाली पहली वैक्सीन है, जिससे सभी देशों में टीकाकरण प्रबन्धन में मदद मिलने की उम्मीद जताई गई है.

बताया गया है कि परीक्षणों के नतीजों में बुज़ुर्ग आबादी में भी इसकी प्रभावशीलता साबित हुई है. 

दुनिया भर में, अब तक कोरोनावायरस संक्रमण के 11 करोड़ 80 लाख मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 26 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.