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टिकाऊ ऊर्जा से चालित भविष्य की दिशा में यूएन के प्रयास तेज़

भारत में एक युवती गोबर का इस्तेमाल उपले बनाने में कर रही है, जिसे ईंधन के रूप में इस्तेमाल में लाया जाता है.
World Bank/Scott Wallace
भारत में एक युवती गोबर का इस्तेमाल उपले बनाने में कर रही है, जिसे ईंधन के रूप में इस्तेमाल में लाया जाता है.

टिकाऊ ऊर्जा से चालित भविष्य की दिशा में यूएन के प्रयास तेज़

एसडीजी

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि एक टिकाऊ, समृद्ध और शान्तिपूर्ण भविष्य के निर्माण के लिये, नवीकरणीय ऊर्जा बेहद महत्वपूर्ण है. स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु कार्रवाई के प्रयासों में तेज़ी लाने के उद्देश्य से आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही है. 

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “हमारी चुनौती स्पष्ट है: दुनिया को, वर्ष 2050 तक तक नैट कार्बन, उत्सर्जन शून्य करने के लिये, अगले दशक के भीतर, कार्बन उत्सर्जन में 45 फ़ीसदी की कटौती करनी होगी, 2010 के स्तर से कम.”

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महासचिव गुटेरेश ने बुधवार को, ऊर्जा पर वर्चुअल मन्त्रिस्तरीय सम्वाद के दौरान, 20 वैश्विक चैम्पियनों को सम्बोधित किया.

यह एक ऐसा मंच है जहाँ सरकारों, व्यवसायों और अन्य पक्षों के पास टिकाऊ ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिये एक साथ आने का अवसर है.

यूएन प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा कि दुनिया फ़िलहाल इस मार्ग से दूर है, और कोविड-19 से उबरने की अवधि का इस्तेमाल, एक ऐसी टिकाऊ अर्थव्यवस्था के निर्माण में करना होगा, जोकि नवीकरणीय ऊर्जा से चालित होगी.

उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया को न्यायोचित बनाने, स्वच्छ व स्वस्थ पर्यावरण सुनिश्चित करने, और सुदृढ़ भविष्य को आकार देने के लिये, विकासशील देशों को मज़बूत समर्थन प्रदान किया जाना होगा. 

सितम्बर में ऊर्जा के मुद्दे पर शिखर बैठक से पहले, महासचिव गुटेरेश ने सम्वाद को एक ऐसा अवसर बताया है जिससे दुनिया भर में नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल में तेज़ी लाना और उसे विकासशील जगत के लिये सुलभ बनाया जा सकता है.

एकजुट प्रयास

पाँच तकनीकी कार्यसमूह, टिकाऊ विकास एजेण्डा के सातवें लक्ष्य को हासिल करने के लिये एक वैश्विक रोडमैप तैयार कर रहे हैं – इस लक्ष्य के तहत वर्ष 2030 तक सभी के लिये सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराई जानी है.

कुल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के तीन-चौथाई हिस्से के लिये, ऊर्जा की खपत ज़िम्मेदार है. इस पृष्ठभूमि में स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा दिये जाने से जलवायु संकट से निपटने में भी मदद मिलेगी.

आगामी महीनों में, ‘वैश्विक चैम्पियन’ मन्त्री, एसडीजी-7 को हासिल करने के लिये, स्वैच्छिक ऊर्जा संकल्पों को मज़बूत बनाने में योगदान करेंगे.

इन संकल्पों को महत्वाकाँक्षी राष्ट्रीय जलवायु कार्रवाई योजनाओं, और वर्ष 2015 के पेरिस समझौते के तहत दीर्घकालीन जलवायु लक्ष्यों में भी शामिल किया जाएगा. 

सर्वजन के लिये टिकाऊ ऊर्जा के विषय पर विशेष प्रतिनिधि और वैश्विक चैम्पियन, डैमीलोला ओगुनबियी ने निडर कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया है ताकि कोई भी पीछे ना छूटने पाए.

“स्वास्थ्य केन्द्रों को प्रकाशमय करने से लेकर, नए रोज़गारों के सृजन तक, ऊर्जा सभी के लिये एक समृद्ध भविष्य के केन्द्र में है.” 

“एसडीजी-7 पर तेज़ प्रगति से जलवायु कार्रवाई को समर्थन मिलेगा, कोविड-19 से बेहतर ढंग से उबरना और वैश्विक लक्ष्यों को हासिल कर पाना सम्भव होगा.”

पर्यावरणीय प्रभावों से इतर, भोजन पकाने के लिये घरों में ठोस ईंधन के इस्तेमाल की वजह से, हर वर्ष 16 लाख लोगों की असामयिक मौतें होती हैं, जिनमें अधिकांश महिलाएँ व बच्चे हैं. 

भविष्य के लिये संकल्प

वैश्विक रोडमैप के ज़रिये, जीवाश्म ईंधनों से अलग दिशा की ओर बढ़ने का प्रयास हो रहा है, और इस प्रक्रिया में लगभग 80 करोड़ ऐसे लोगों की मदद करने का लक्ष्य है, जिनके पास फ़िलहाल बिजली सुलभ नहीं है.

साथ ही, उन तीन अरब लोगों तक सुविधा पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा, जिनके पास खाना पकाने के लिये स्वच्छ और आधुनिक ईंधन की व्यवस्था नहीं है. 

इस वर्ष, शिखर बैठकों व सम्मेलनों की एक श्रृंखला के तहत, टिकाऊ विकास लक्ष्यों व पेरिस समझौते के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिये प्रयास किये जा रहे हैं. 

इनमें वैश्विक टिकाऊ परिवहन सम्मेलन, खाद्य प्रणालियाँ शिखर बैठक, और ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र का वार्षिक जलवायु सम्मेलन (कॉप-26) हैं. 

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) के प्रशासक एखिम श्टाइनर के अनुसार वर्ष 2021 एक बेहद अहम साल है, और सर्वजन के लिये टिकाऊ विकास की दिशा में क़दम बढ़ाने का ऐतिहासिक पड़ाव भी. 

उन्होंने आगाह किया कि दुनिया पर मंडराता जलवायु संकट, मानवता के अस्तित्व के लिये एक ख़तरा है, और इससे निपटने में विफल नहीं हुआ जा सकता. 

यूएन एजेंसी प्रमुख ने सभी देशों, संगठनों, व्यवसायों से आग्रह किया है कि टिकाऊ ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ाने के लिये, स्वैच्छिक संकल्प लिये जाने होंगे.