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म्याँमार: यंगून में शान्तिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को सुरक्षित छोड़ दिये जाने का आग्रह

म्यांमार में यंगून का एक नज़ारा.
Unsplash/Anjani Kumar
म्यांमार में यंगून का एक नज़ारा.

म्याँमार: यंगून में शान्तिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को सुरक्षित छोड़ दिये जाने का आग्रह

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार को, म्याँमार के यंगून शहर में उन सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को सुरक्षित रिहा कर दिये जाने देने की माँग की है, जो सुरक्षा बलों की घेराबन्दी में फँस गए थे. ख़बरों के अनुसार, शहर के सानचाउंग इलाक़े में शान्तिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को, कई घण्टों तक इलाक़ा छोड़कर नहीं जाने दिया गया था. 

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने सोमवार को बताया कि इनमें बड़ी संख्या में वो महिलाएँ भी फँसी हुई हैं, जो सोमवार को अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर शान्तिपूर्ण जुलूस निकाल रही थीं.

प्रवक्ता ने, न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि महासचिव गुटेरेश म्याँमार, विशेष रूप से यंगून के सानचाउंग इलाक़े में घटनाक्रम पर नज़दीक से नज़र रखे हुए हैं. 

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“उन्होंने अधिकतम संयम बरते जाने की माँग की है और सभी प्रदर्शनकारियों को, किसी हिंसा और गिरफ़्तारी के बिना, रिहा कर दिये जाने का आग्रह किया है.”

यूएन प्रवक्ता ने दोहराया कि देश के भविष्य के लिये अपनी आशाओं व आकांक्षाओं को प्रकट करने के लिये  शान्तिपूर्ण ढंग से एकत्र हो रहे लोगों और अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिये. 

ख़बरों के अनुसार, सुरक्षा बलों ने सानचाउंग इलाक़े में चार सड़कों की नाकाबन्दी कर दी है, और प्रदर्शनकारियों को इलाक़ा छोड़कर जाने की अनुमति नहीं है.

फ़रवरी में देश की सत्ता पर सेना द्वारा क़ब्ज़ा जमाए जाने के बाद से ही, म्याँमार के सबसे बड़े शहर यंगून सहित अन्य शहरों में प्रदर्शनों का दायरा लगातार बढ़ता रहा है. 

अनेक शीर्ष नेताओं को गिरफ़्तार किया गया है, जिनमें काउंसलर आँग सान सू चीन और राष्ट्रपति विन म्यिन्त भी हैं.

बताया गया है कि सुरक्षा बलों द्वारा अत्यधिक बल प्रयोग किये जाने की भी ख़बरें मिली हैं, और इस दौरान बड़ी संख्या में लोग हताहत हुए हैं. 

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त के कार्यालय के अनुसार, अब तक विरोध प्रदर्शनों में 54 लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं - मृतकों में बच्चे भी हैं.

एक हज़ार 700 से ज़्यादा लोगों को गिरफ़्तार किया गया है, या हिरासत में लिया जा चुका है.

तनाव में कमी का आग्रह

इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय ने लगभग 200 प्रदर्शनकारियों की स्थिति पर चिन्ता जताते हुए कहा था कि उनकी गिरफ़्तारी या उनके साथ बुरा बर्ताव होने का जोखिम है. 

यूएन संगठन ने अपने एक ट्वीट में कहा, “हम पुलिस से आग्रह करते हैं कि प्रदर्शनकारियों को, बिना किसी बदले की कार्रवाई के, तत्काल सुरक्षित जाने की अनुमति दी जाए.”

म्याँमार में यूएन कार्यालय ने भी तनावपूर्ण हालात में तत्काल कमी लाने की अपील की है, और सुरक्षा बलों से आग्रह किया है कि प्रदर्शनकारियों को सुरक्षित घर लौटने देना चाहिये.

मानवीय हालात पर चिन्ता

संयुक्त राष्ट्र मानवीय राहतकर्मियों ने आगाह किया है कि देश में हालात बेहद ख़राब हैं और सैन्य तख़्तापलट के बाद से राहत अभियानों पर असर पड़ा है. 

म्याँमार में 10 लाख से ज़्यादा लोग, मानवीय सहायता पर निर्भर हैं, जिनमें साढ़े तीन लाख लोग देश के भीतर विस्थापित भी हैं.

यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक के अनुसार राहत कार्यों के संचालन के लिये कठिन हालात के बावजूद मानवीय राहत साझीदार संगठन, जीवनरक्षक सहायता प्रदान करने के लिये हरसम्भव प्रयास कर रहे हैं.  

कोविड-19 की चुनौती के बीच परीक्षण क्षमता और टीकाकरण योजनाओं पर भी गम्भीर असर पड़ा है, जिससे चिन्ता व्याप्त है.