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यमन: भीषण आग लगने के बाद, तत्काल मानवीय सहायता की पुकार

यमन की राजधानी सना में प्रवासियों को हिरासत में रखने के लिये बनाए गए एक बन्दीगृह का दृश्य, इस केन्द्र में अत्यधिक भीड़ रही है.
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यमन की राजधानी सना में प्रवासियों को हिरासत में रखने के लिये बनाए गए एक बन्दीगृह का दृश्य, इस केन्द्र में अत्यधिक भीड़ रही है.

यमन: भीषण आग लगने के बाद, तत्काल मानवीय सहायता की पुकार

प्रवासी और शरणार्थी

संयुक्त राष्ट्र की प्रवासन मामलों की एजेंसी – IOM ने यमन की राजधानी सना में, उस अत्यधिक भीड़ भरे बन्दीगृह में तुरन्त मानवीय सहायता पहुँचाए जाने का आहवान किया है जहाँ बीते सप्ताहान्त भीषण आग लगने से, अनेक लोगों की मौतें होने की ख़बरें आई हैं. इस बन्दीगृह में प्रवासियों को रखा जाता है.

अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने कहा है कि अनेक लोगों के घायल होने की भी ख़बरें हैं और लगभग 170 लोगों का उनके ज़ख़्मों के लिये इलाज किया गया है. उनमें से अनेक घायलों की हालत गम्भीर बताई गई है.

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आव्रजन, पासपोर्ट और नागरिकता प्राधिकरण द्वारा प्रबन्धित इस आव्रजन केन्द्र में रखे गए तमाम प्रवासियों को रिहा कर दिया जाने का भी आहवान किया है.

इस केन्द्र में बहुत से इथियोपियाई आप्रवासियों को बन्दी बनाकर रखा गया है.

संगठन ने, साथ ही प्रवासियों को आवागमन के सुरक्षित और अनुमान योग्य विकल्प मुहैया कराने की अपनी पुकार भी दोहराई है.

मध्य पूर्व और उत्तर अफ़्रीका के लिये, प्रवासन संगठन (IOM) की क्षेत्रीय निदेशक कार्मेला गॉडियू का कहना है कि भीषण आग का असर भी साफ़तौर पर भीषण नज़र आ रहा है.

ये ख़बर लिखे जाने तक, हताहतों की वास्तविक संख्या और पूरे नुक़सान के बारे में अभी जायज़ा लिया जा रहा था.

संगठन ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि अत्यधिक भीड़ भरे इस बन्दीगृह में लगभग 900 आप्रवासियों को रखा गया था. आग लगने के समय संगठन के कर्मी, मुख्य इमारत के पास मौजूद थे. 

स्वास्थ्य मन्त्रालय की टीमों के साथ-साथ, यूएन प्रवासन संगठन के स्वास्थ्यकर्मी और चिकित्सा वाहन, तुरन्त इस बन्दीगृह के लिये रवाना किये गए हैं.

इन सभी के पास लगभग 23 हज़ार चिकित्सा सामान मौजूद है. इनमें से बहुत से स्वास्थ्यकर्मियों को, अस्पतालों में भी चिकित्सा सहायता मुहैया कराने के लिये रवाना किया गया है.

अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन ने प्रभावित परिवारों के साथ शोक सम्वेदना व्यक्त की है और ये भी आग्रह किया है कि सना में मौजूद आप्रवासी समुदाय को मृतकों का अन्तिम संस्कार  गरिमामय ढंग से करने के लिये समुचित स्थान व सुविधाएँ मुहैया कराए जाएँ.

एजेंसी ने साथ ही ये भी कहा है कि संयुक्त राष्ट्र, किसी भी तरह की अतिरिक्त सहायता मुहैया कराने के लिये हमेशा तैयार है.

क्षेत्रीय निदेशक ने कहा कि अस्पतालों में सुरक्षा बलों की बढ़ी हुई मौजूदगी के कारण, वहाँ घायलों तक पहुँचने में अनेक चुनौतियाँ आ रही हैं. 

उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि आग से घायल होने वाले लोगों और वहाँ इलाज करा रहे अन्य दीर्घकालीन मरीज़ों तक मानवीय सहायता और स्वास्थ्यकर्मियों को पहुँचने दिया जाए ताकि वो अपनी सेवाएँ दे सकें.

उन्होंने कहा कि चूँकि बहुत से प्रवासियों की हालत चिन्ताजनक है, उनकी स्वास्थ्य ज़रूरतें पूरी किया जाना, तात्कालिक प्राथमिकता होनी चाहिये.

प्रवासन संगठन ने बताया है कि यमन को, ऐसे हज़ारों प्रवासी एक पड़ाव के रूप में इस्तेमाल करते हैं जो, हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका और सऊदी अरब के बीच यात्राएँ करते हैं.

कोविड-19 से निपटने के उपायों के तहत लागू प्रतिबन्धों के कारण, इन प्रवासियों की संख्या बहुत कम हो गई है.

ये संख्या 2019 में एक लाख 38 हज़ार थी, जो वर्ष 2020 में घटकर साढ़े 37 हज़ार रह गई. और यात्राओं के दौरान ही, फँसे हुए हज़ारों प्रवासियों को बुनियादी सुविधाएँ और सुरक्षा उपलब्ध नहीं हैं. 

संगठन ने ज़ोर देकर कहा है कि यमन सरकार को, देश में सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी, जिनमें प्रवासी भी शामिल हैं.

स्वैच्छिक वापसी

इस बीच, यूएन प्रवासन एजेंसी, यमन सरकार के साथ, स्वैच्छिक मानवीय वापसी कार्यक्रम को फिर शुरू करने की योजना पर काम कर रही है. महामारी शुरू होने के बाद से, ये योजना स्थगित कर दी गई थी.

अदन में, अभी तक लगभग छह हज़ार प्रवासियों को वापसी के लिये पंजीकृत किया गया है और लगभग एक हज़ार 100 और प्रवासी भी, अगले सप्ताहों के दौरान पंजीकरण कराएंगे.

हमलों की निन्दा

इस बीच, संयुक्त राष्ट्र ने, मीडिया ख़बरों के अनुसार, रविवार को, सऊदी अरब के अनेक स्थानों पर ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों से किये गए हमलों की निन्दा की है.

इन हमलों के लिये कथित रूप से हूती विद्रोहियों ने ज़िम्मेदारी स्वीकार की है, इन्हें अन्सार अल्लाह गुट के नाम से भी जाना जाता है.

संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने कहा कि संगठन ने, सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबन्धन द्वारा, बदले की कार्रवाई के तहत, सना और हुदायदाह पर किये गए कथित हवाई हमलों के बारे में भी चिन्ता व्यक्त की है.

प्रवक्ता ने कहा, “हम सभी पक्षों से, अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के तहत, उनकी ज़िम्मेदारियों का पालन करने का आग्रह करते हैं.”

प्रवक्ता ने कहा कि इस तरह के हमलों जैसी गतिविधियों से, उन मध्यस्थता प्रयासों को धक्का पहुँचता है जो संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत मार्टिन ग्रिफ़िथ्स के नेतृत्व में चलाए जा रहे हैं.

प्रवक्ता के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र, यमन में, संघर्ष का ख़ात्मा करने के लिये वार्ता आधारित एक समाधान की तलाश में, राजनैतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिये, सभी पक्षों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा.