नाइजीरिया में अपहृत लड़कियाँ रिहा – पूर्वोत्तर क्षेत्र एक और हमले से दहला
संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों ने क्षोभ जताते हुए कहा है कि नाइजीरिया के पूर्वोत्तर इलाक़े में आम नागरिकों व राहत एजेंसियों के परिसरों पर हुए ताज़ा हमले, वर्षों की हिंसा व असुरक्षा में घिरे लोगों की व्यथा को दर्शाते हैं. इस बीच, देश के पश्चिमोत्तर क्षेत्र में स्थित एक स्कूल से हाल ही में अगवा की गई 200 से ज़्यादा लड़कियों को रिहा कर दिया गया है, जिसका यूएन ने स्वागत किया है.
नाइजीरिया में संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अधिकारी रैज़िडेण्ट और मानवीय राहत कोऑर्डिनेटर एडवर्ड कैल्लन ने सोमवार को अशान्त बोर्नो प्रान्त के दिकावा इलाक़े में हुए हमले की भर्त्सना की है.
उन्होंने मंगलवार को एक बयान जारी करके कहा कि वो ये सुनकर क्षुब्ध हैं कि अनेक राहत एजेंसियों के परिसरों और एक अस्पताल में आग लगाई गई और क्षतिग्रस्त किया गया है.
I strongly condemn the attack by non-state armed groups in Dikwa, Borno State. I call on all armed parties to immediately stop the violence, respect int'l humanitarian law & human rights law, and ensure the protection of civilians, humanitarian property and personnel. pic.twitter.com/cKghcIHIrk
EdwardKallon
यूएन रैज़िडेण्ड कोऑर्डिनेटर ने सभी सशस्त्र गुटों से हिंसा पर तत्काल विराम लगाने की पुकार लगाई है.
"आम लोग और राहतकर्मी, उनके सुविधा केन्द्र व सम्पत्ति, निशाना कभी नहीं होने चाहियें. हर समय उनकी सुरक्षा व सम्मान किया जाना ज़रूरी है."
यूएन अधिकारी ने दिकावा में हज़ारों लोगों की सुरक्षा के प्रति गहरी चिन्ता जताई है, जिनमें शिविरों में और बाहर रह रहे आन्तरिक विस्थापित लोगों, और अनेक वर्षों के विस्थापन के बाद समुदाय में वापिस आए लोग भी हैं.
दिकावा नगर, प्रान्तीय राजधानी माइडुगिरी से 90 किलोमीटर दूर है और स्थानीय सरकार के इलाक़ों, बामा, न्गाला, माफ़ा व मार्ते के लिये प्रवेश द्वार है.
"इस हमले से, उन एक लाख लोगों को दिये जा रहे समर्थन पर असर पड़ेगा, जिन्हें हताशापूर्ण हालात में मानवीय सहायता व संरक्षण की आवश्यकता है, विशेष रूप से, बोर्नो प्रान्त में फैलती कोविड-19 महामारी का जोखिम."
उत्तरी नाइजीरिया, पिछले एक दशक से, बोको हराम चरमपंथी गुट की गतिविधियों में जकड़ा हुआ है.
इस गुट की सक्रियता के कारण, इलाक़े में व्यापक विस्थापन के साथ-साथ बड़े पैमाने पर भुखमरी और कुपोषण भी फैले हुए हैं.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने अगवा की गईं 200 से ज़्यादा स्कूली लड़कियों को रिहा किये जाने की ख़बरों पर राहत जताई है.
शुक्रवार तड़के, नाइजीरिया के पश्चिमोत्तर ज़ामफ़ारा प्रान्त के जन्गेबे में स्थित एक स्कूल पर हमले के बाद, लगभग 300 लड़कियों को अग़वा कर लिया गया था.
नाइजीरिया में यूनीसेफ़ के प्रतिनिधि पीटर हॉकिन्स ने एक वक्तव्य में, स्कूली लड़कियों की रिहाई पर संतोष जताते हुए कहा है कि जल्द ही उनकी अपने परिवार में सुरक्षित वापसी होगी.
उन्होंने दोहराया कि छात्रों व स्कूलों पर हमले ना सिर्फ़ घृणित हैं, बल्कि बच्चों के शिक्षा पाने के अधिकार का हनन भी हैं.
"यह एक ऐसा अधिकार है, जिसका कोई भी समाज उल्लंघन करने का जोखिम मोल नहीं ले सकता."
यूएन प्रतिनिधि ने प्रशासनिक एजेंसियों से, देश में स्कूलों की सुरक्षा के लिये हरसम्भव उपाय सुनिश्चित किये जाने की पुकार लगाई है, ताकि बच्चे बिना भय के स्कूल जा सकें, और अभिभावक अपने बच्चों को कक्षाओं में भेज सकें.
पश्चिमोत्तर में विस्थापन जारी
नाइजीरिया के पश्चिमोत्तर इलाक़े में हिंसा के कारण नए सिरे से विस्थापन होना जारी है. हज़ारों लोगों ने जान बचाकर पड़ोसी देश, निजेर में उन इलाक़ों में शरण ली है, जहाँ हिंसा अब भी उभार है.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी की टीम ने बताया कि मराडी में घातक हिंसा में तेज़ी आई है.
यूएन एजेंसी के प्रवक्ता बॉरिस चेशिरकोफ़ ने जिनीवा में पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए बताया कि वर्ष 2020 की दूसरी छमाही की तुलना में, वर्ष 2021 के पहले दो महीनों में ज़्यादा लोगों के हताहत करने वाली और ज़्यादा गम्भीर घटनाएँ दर्ज की गई हैं.
साढ़े सात हज़ार से ज़्यादा नाइजीरियाई शरणार्थी, इस वर्ष निजेर के मराडी पहुँचे हैं, जिसके बाद वहाँ उनकी संख्या बढ़कर एक लाख पहुँच गई है.
इनमें निजेर में आन्तरिक तौर पर विस्थापित नागरिक भी हैं.
बताया गया है कि लोग हत्या, फ़िरौती के लिये अपहरण और गाँवों में लूटपाट से बचने के लिये घर छोड़ कर भाग रहे हैं.
लोग, किसानों और गड़रियों के बीच होने वाली झड़पों में फँसे हुए हैं, अनेक गाँवों में लोगों ने आत्मरक्षा के लिये समूहों का गठन किया है.
यूएन एजेंसी हालात की गम्भीरता के मद्देनज़र, प्रभावितों के लिये जल, स्वास्थ्य व साफ़-सफ़ाई सहित जीवनरक्षक सहायता व संरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयासों में जुटी है.