सीरियाई शिविर में आग लगने की घटना चिन्ताजनक – बच्चों की स्वदेश वापसी का आग्रह 

उत्तरी सीरिया के अल-होल शिविर में एक बच्चे की स्वास्थ्य जाँच की जा रही है.
© UNICEF/Masoud Hasen
उत्तरी सीरिया के अल-होल शिविर में एक बच्चे की स्वास्थ्य जाँच की जा रही है.

सीरियाई शिविर में आग लगने की घटना चिन्ताजनक – बच्चों की स्वदेश वापसी का आग्रह 

शांति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने आग्रह किया है कि सीरिया में विस्थापितों के लिये बनाए गए सबसे बड़े शिविर में रह रहे बच्चों को, उनकी राष्ट्रीयता वाले देशों में सुरक्षित व गरिमामय ढँग से वापिस भेजा जाना होगा. अल-होल शिविर में इस सप्ताहान्त आग लगने की घटना में कम से कम तीन बच्चों की मौत हो गई और 15 अन्य घायल हुए हैं.

अल-होल शिविर, शरणार्थियों व सीरिया में अन्दरूनी विस्थापितों के लिये बनाया गया है. 

सीरिया और पड़ोसी देश इराक़ में इस्लामिक स्टेट (दाएश) को खदेड़े जाने के बाद, इस शिविर में बड़ी संख्या में कथित रूप से पूर्व चरमपंथी लड़ाकों के परिजन रहते हैं. 

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मध्यपूर्व और उत्तर अफ़्रीका के लिये यूनीसेफ़ के क्षेत्रीय निदेशक टैड चायबान ने बताया कि फ़िलहाल, कम से कम 60 देशों के, 22 हज़ार विदेशी बच्चे, शिविरों और बन्दीगृहों में रह रहे हैं, और उनके अलावा वहाँ हज़ारों सीरियाई बच्चे भी हैं.  

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, सीरियाई विस्थापितों के लिये बनाए गए शिविरों में एक पारिवारिक आयोजन के दौरान शनिवार को आग लग गई.

इस घटना में एक महिला व तीन बच्चों के मारे जाने की ख़बर है, और कम से कम 11 लोग घायल हुए हैं. कम से कम 20 लोग अभी अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें से छह की हालत गम्भीर बताई गई है.  

यूनीसेफ़ के क्षेत्रीय निदेशक के अनुसार अल-होल शिविर में बच्चे बेहद कठिन परिस्थितियों में रहने के लिये मजबूर हैं, जहाँ बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है या फिर वे उपलब्ध ही नहीं हैं. 

“बच्चों को हिरासत में रखा जाना एक आख़िरी उपाय है, इसे बेहद कम समय के लिये होना चाहिये.”

“बच्चों को केवल हथियारबन्द गुटों के साथ संदिग्ध पारिवारिक रिश्तों या परिजनों के सशस्त्र गुटों के सदस्य होने के आधार पर हिरासत में नहीं रखा जाना चाहिये.”

संयुक्त राष्ट्र के स्वतन्त्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने इस महीने कहा था कि अल-होल और रोज के दुर्दशापूर्ण शिविरों में जिन विदेशी नागरिकों की जान गई है, उनकी सही संख्या की पुष्टि नहीं हो पाई है. 

यूएन विशेषज्ञों ने आग्रह किया है कि सम्बद्ध देशों को अपने नागरिकों को जल्द से जल्द वापिस बुलाना चाहिये. 

यूनीसेफ़ अधिकारी चायबान ने कहा कि सदस्य देशों को उनके अपने समाजों में बच्चों के एकीकरण के लिये हरसम्भव प्रयास करने होंगे, और गरिमामय व सुरक्षित ढँग से उनकी स्वदेश वापसी सुनिश्चित करनी होगी.   

कठिन परिस्थितियाँ

अल-होल शिविर में फ़िलहाल 62 हज़ार लोग रह रहे हैं, जोकि सीरिया में विस्थापितों के लिये सबसे बड़ा शिविर है. 

इनमें 80 फ़ीसदी से ज़्यादा महिलाएँ व बच्चे हैं.वरिष्ठ यूएन अधिकारियों के अनुसार, इस शिविर में दुर्घटनावश आग लग जाने की घटनाएँ असामान्य बात नहीं है.

अक्सर परिवार इन शिविरों में खाना पकाने या बेहद ठण्डे मौसम में गर्माहट के लिये, खाना बनाने वाले स्टोव से ताप का सहारा लेते हैं.  

यूएन अधिकारियों ने चिन्ता ज़ाहिर करते हुए कहा है कि अगर ज़रूरी उपाय नहीं अपनाए गए, तो इन शिविरों में रह रहे लोगों के दीर्घकालीन कल्याण पर असर होगा और ऐसी त्रासदीपूर्ण घटनाएँ फिर हो सकती हैं. 

साथ ही ज़ोर देकर कहा गया है कि यह दुखद घटना दर्शाती है कि मासूम बच्चों या किसी को भी इन चुनौतीपूर्ण व ख़तरनाक परिस्थितियों में रहने के लिये मजबूर नहीं होना चाहिये. 

सीरिया में यूएन के वरिष्ठतम अधिकारी (रैज़िडेण्ट कोऑर्डिनेटर) व मानवीय राहत समन्वयक इमरान रिज़ा और सीरिया संकट के लिये क्षेत्रीय नवीय राहत समन्वयक मुहन्नद हादी ने, अल-होल शिविर में आग लगने की ख़बर पर दुख जताया है. 

उन्होंने रविवार को जारी अपने बयान में, प्रभावित परिवारों के साथ सम्वेदना प्रकट की है और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है.