वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

कोविड-19: टीकाकरण प्रयासों की मज़बूती के लिये युद्धविराम की पुकार 

यूक्रेन में 58 वर्षीय एण्टोनीना को कोविड संक्रमण के बाद साँस लेने में शिकायत और तेज़ बुखार था. यूनीसेफ़ द्वारा प्रदान किये गए ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर्स से उन्हें बीमारी से लड़ने में मदद मिली है.
UNICEF
यूक्रेन में 58 वर्षीय एण्टोनीना को कोविड संक्रमण के बाद साँस लेने में शिकायत और तेज़ बुखार था. यूनीसेफ़ द्वारा प्रदान किये गए ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर्स से उन्हें बीमारी से लड़ने में मदद मिली है.

कोविड-19: टीकाकरण प्रयासों की मज़बूती के लिये युद्धविराम की पुकार 

स्वास्थ्य

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से एक अहम प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें सभी सदस्य देशों से, हिंसक संघर्षों व टकरावों पर, विराम लगाने के प्रयासों को मानवीय आधार पर समर्थन देने की पुकार लगाई गई है. इस आहवान का उद्देश्य, वैश्विक महामारी कोविड-19 पर क़ाबू पाने के लिये टीकाकरण प्रयासों को तेज़ी से आगे बढ़ाना है.  

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने वैक्सीन के न्यायसंगत वितरण की अहमियत पर केन्द्रित इस ऐतिहासिक प्रस्ताव का स्वागत किया है.

लेकिन उन्होंने आगाह भी किया है कि इस क्रम में और ज़्यादा ठोस क़दम उठाए जाने की आवश्यकता है, और वैक्सीन उत्पादन बढ़ाने के लिये, बौद्धिक सम्पदा अधिकारों में छूट दी जानी होगी. 

उनके मुताबिक़ तभी इस वायरस पर जल्द से जल्द क़ाबू पाया जाना सम्भव है.

यूएन एजेंसी प्रमुख ने कहा है कि इस वायरस ने पूरी दुनिया को बन्धकक बना लिया है, “अगर राजनैतिक इच्छाशक्ति हो तो, यूएन सुरक्षा परिषद यह कर सकती है.”

सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में यूएन द्वारा उठाए गए उन विशिष्ट मामलों की समीक्षा की बात कही गई है जहाँ टीकाकरण की सुलभता के रास्ते में बाधाएँ खड़ी हो रही हैं. 

साथ ही, इस पर विचार होगा कि ऐसे कौन से उपाय आवश्यक हो सकते हैं, जिनसे ये रुकावटें हटाई जाएँ और टकराव पर रोक लगाई जाए. 

वैक्सीन वितरण

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने बताया कि आइवरी कोस्ट में कोविड-19 वैक्सीन की ख़ुराकों की पहली खेप पहुँच गई है.

अन्य देशों में आने वाले दिनों व हफ़्तों में कोरोनावायरस वैक्सीनों की खेप रवाना की जाएगी. 

इन प्रयासों का लक्ष्य वर्ष 2021 के पहले 100 दिनों में सभी देशों में टीकाकरण की शुरुआत करना है. 

उन्होंने, संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाली ‘कोवैक्स पहल’ को श्रेय देते हुए कहा कि टीकाकरण के सम्बन्ध में प्रगति हुई है लेकिन वैक्सीन वितरण और आपूर्ति की गति को तेज़ करना होगा.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख ने सचेत किया है कि देशों को वैक्सीन निर्माताओं के साथ द्विपक्षीय समझौते करने से बचना होगा. चूँकि, इससे कोवैक्स पहल के अन्तर्गत वैक्सीनों का इन्तज़ाम करने में देरी होगी.   

“मैं भली-भाँति समझता हूँ कि सरकारों का दायित्व अपने लोगों की रक्षा करने का है, लेकिन यह सुनिश्चित करने का सर्वश्रेष्ठ रास्ता, हर स्थान पर एक ही समय में वायरस पर क़ाबू पाना है.”

“यह समय उत्पादन बढ़ाने के लिये हर औज़ार को इस्तेमाल करने का है, इनमें लाइसेंस और टैक्नॉलॉजी हस्तान्तरण भी है. और जहाँ तक सम्भव हो, बौद्धिक सम्पदा की छूट देने का है.”

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अगर इन प्रयासों को अभी आगे नहीं बढ़ाया गया तो यह फिर कब होगा. 

रणनैतिक तैयारी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने, इस बीच वर्ष 2021 के लिये, अपनी रणनैतिक तैयारी व जवाबी कार्रवाई योजना (Strategic Preparedness and Response Plan /SPRP) पेश की है.

इसमें उपलब्धि वाले क्षेत्रों को मज़बूती दी गई है और नई चुनौतियों से निपटने पर ध्यान केन्द्रित किया गया है.

इनमें वायरस के नए प्रकारों से उत्पन्न जोखिमों के असर को कम करने, और वैक्सीनें व उपचार सुरक्षित, न्यायोचित व असरदार ढँग से मुहैया कराए जाने के रास्तों पर विचार किया गया है.    

यूएन एजेंसी प्रमुख ने कहा कि यह, कोविड-19 महामारी से सफलतापूर्वक निपटने के लिये तैयार रणनीति का अहम हिस्सा है. 

उन्होंने स्पष्ट किया कि 2021 के लिये रणनीतिक योजना दर्शाती है कि यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ये उद्देश्यों हासिल करने के लिये, सदस्य देशों को किस तरह सहायता प्रदान करेगी, और इस सिलसिले में किन संसाधनों की आवश्यकता होगी.