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माहवारी स्वच्छता को बढ़ावा - लड़कियों की शिक्षा जारी रखने की मुहिम

भारत के मुम्बई में एक लड़की सामुदायिक स्नानघर में हाथ धो रही है.
© UNICEF/Dhiraj Singh
भारत के मुम्बई में एक लड़की सामुदायिक स्नानघर में हाथ धो रही है.

माहवारी स्वच्छता को बढ़ावा - लड़कियों की शिक्षा जारी रखने की मुहिम

संस्कृति और शिक्षा

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवँ सांस्कृतिक संस्था (UNESCO) ने, भारत में स्त्री देखभाल उत्पाद बनाने वाली कम्पनी, 'व्हिस्पर' (Whisper) के साथ मिलकर #KeepGirlsInSchool अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य, किशोरियों में, माहवारी सम्बन्धित पूर्वाग्रहों और स्वच्छता जानकारी के अभाव में, उनके स्कूल छोड़ने की बढ़ती दर पर रोक लगाना है. इस मुहिम के तहत, स्कूली पाठ्यक्रम में माहवारी स्वच्छता व जागरूकता पर पाठन सामग्री विकसित करने की भी योजना है. 

 #KeepGirlsInSchool नामक इस अभियान के तहत, युवा लड़कियों को, माहवारी सम्बन्धी पूर्वाग्रहों से निपटने और शिक्षा पूरी करके, अपनी पूर्ण क्षमता हासिल करने में मदद प्रदान की जाएगी.

एक अनुमान के मुताबिक़, माहवारी सम्बन्धी शिक्षा और सुरक्षा की कमी के कारण, दो करोड़ से ज़्यादा लड़कियाँ, स्कूल छोड़ने के लिये मजबूर हुई हैं. 

अध्ययनों से स्पष्ट है कि आज भी, भारत में 71 प्रतिशत किशोरियों को माहवारी होने से पहले, उसके बारे में कोई जानकारी नहीं होती.

इससे उनके आत्मविश्वास और आत्मसम्मान पर प्रतिकूल असर पड़ता है, और हर साल बड़ी संख्या में लड़कियाँ किशोरावस्था से पहले स्कूल छोड़ देती हैं.

यूनेस्को के अनुसार, वैश्विक महामारी की वर्तमान चुनौती के कारण, दुनिया भर में 74 करोड़ स्कूली छात्राओं पर असर पड़ा है, और आशंका है कि वो फिर कभी स्कूल वापिस नहीं जा पाएँगी. 

व्हिस्पर®️ और यूनेस्को का मानना है कि अगर इन लड़कियों में जागरूकता फैलाई जाए, तो उनके लिये अपनी पूर्ण क्षमताएँ हासिल करना, अपने सपनों को साकार करना और सशक्त महिलाओं के रूप में दुनिया में सकारात्मक बदलाव लाने में योगदान देना सम्भव होगा. 

भूटान, भारत, मालदीव और श्रीलंका के लिये यूनेस्को के प्रतिनिधि, एरिक फॉल्ट ने, शिक्षा के अधिकार पर यूनेस्को की प्रतिबद्धता पर ज़ोर देते हुए, कहा, "युवावस्था और माहवारी की शुरुआत के दौरान, एक लड़की का आत्मविश्वास और आत्मसम्मान अलग-अलग तरीक़ों से प्रभावित हो सकता है, जिससे कई बार वो स्कूल छोड़ने के लिये भी मजबूर हो जाती है."

"इसी स्थिति में बदलाव लाने के लिये, यूनेस्को और व्हिस्पर एक मिशन पर हैं. #KeepGirlsInSchool पहल, शिक्षा के मौलिक अधिकार को सुनिश्चित करने के प्रति हमारी मज़बूत प्रतिबद्धता पर आधारित है. लड़कियों की शिक्षा में निवेश का मतलब है, पूरे समाज में निवेश.”

व्हिस्पर® ने #KeepGirlsInSchool मुहिम, 2020 में शुरू की थी, जिसके तहत 40 लाख से अधिक स्कूली लड़कियों के लिये समर्थन जुटाया गया, और ढाई करोड़ लोगों में जागरूकता का प्रसार किया गया.

इस अभियान के तहत, बहु-हितधारक पहलों और प्रभावशाली आवाज़ों के माध्यम से, एक सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर लड़की, अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करके, अपने सपनों की उड़ान भर सके. 

उम्मीद जताई गई है कि यूनेस्को और व्हिस्पर की इस साझेदारी से, भारत में युवा लड़कियों का जीवन बेहतर बनाने और माहवारी स्वच्छता को बढ़ावा दिये जाने के लिये मज़बूती से कार्य होगा.