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म्याँमार में हालात पर चिन्ता, बुनियादी अधिकारों की रक्षा का आग्रह

म्यांमार में यंगून का एक नज़ारा.
Unsplash/Anjani Kumar
म्यांमार में यंगून का एक नज़ारा.

म्याँमार में हालात पर चिन्ता, बुनियादी अधिकारों की रक्षा का आग्रह

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने म्याँमार में हालात पर गहरी चिन्ता जताते हुए सेना और पुलिस से शान्तिपूर्ण सभा के अधिकार का पूर्ण सम्मान किये जाने और अत्यधिक बल प्रयोग से परहेज़ करने का आग्रह किया है. ख़बरों के अनुसार सेना द्वारा सत्ता हथिया लिये जाने के बाद देश में विरोध-प्रदर्शनों के जारी रहने के बीच म्याँमार के बड़े शहरों में बख़्तरबन्द गाड़ियों व सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है. 

यूएन प्रमुख के प्रवक्ता ने रविवार को एक बयान जारी किया जिसमें हिंसा के जारी रहने, लोगों को डराए-धमकाए जाने और सुरक्षाकर्मियों द्वारा उत्पीड़न के मामलों को अस्वीकार्य क़रार दिया है. 

महासचिव गुटेरेश ने कहा कि राजनैतिक नेताओं, सरकारी अधिकारियों, नागरिक समाज कार्यकर्ताओं, और मीडिया प्रतिनिधियों की गिरफ़्तारियाँ और इण्टरनेट व संचार सेवाओं पर लगी पाबन्दियां बेहद चिन्ताजनक है. 

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उन्होंने भरोसा दिलाया है कि संयुक्त राष्ट्र, लोकतन्त्र, शान्ति, मानवाधिकार, और क़ानून के राज के लिये म्याँमार की जनता के साथ एकजुट है. 

सेना ने, सोमवार, 1 फ़रवरी को देश की सत्ता पर क़ब्ज़ा कर लिया था और अनेक राजनैतिक हस्तियों को बन्दी बना लिया था. 

इस घटनाक्रम से पहले, नवम्बर 2020 में, चुनाव हुए थे जिनमें आँग सान सू ची के नेतृत्व वाले दल नेशनल लीग फ़ॉर डेमोक्रोसी (एनएलडी) ने बहुमत हासिल किया था.

मगर सेना ने चुनावों में धाँधली होने के आरोपों का हवाला देते हुए हुए सत्ता पर क़ब्ज़ा कर लिया और देश में एक वर्ष के लिये आपात स्थिति की घोषणा कर दी. 

मीडिया में ख़बरों के अनुसार विरोध-प्रदर्शनों के जारी रहने के बीच म्याँमार के बड़े शहरों में बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों व बख़्तरबन्द गाड़ियों की तैनाती की जा रही है.

मानवाधिकारों की रक्षा 

महासचिव गुटेरेश ने म्याँमार की सेना और पुलिस से आग्रह किया है कि शान्तिपूर्ण ढँग से एकत्र होने के अधिकार का पूर्ण सम्मान किया जाना चाहिए और प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ बदले की भावना से कार्रवाई से बचा जाना होगा. 

साथ ही ध्यान दिलाया है कि अभिव्यक्ति की आज़ादी और सूचना पाने के अधिकार का इस्तेमाल सुनिश्चित किया जाना चाहिए और संचार सेवाओं में व्यवधान नहीं आना चाहिए. 

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने सदस्य देशों से अपील की है कि सामूहिक और द्विपक्षीय स्तर पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया जाना होगा ताकि स्थानीय जनता के मानवाधिकारों और उनकी बुनियादी आज़ादी की रक्षा की जा सके. 

महासचिव गुटेरेश ने सैन्य अधिकारियों से आग्रह किया है कि हालात का जायज़ा लेने के उद्देश्य से विशेष दूत क्रिस्टीन श्रैनर बर्गनर को म्याँमार यात्रा की अनुमति दी जानी होगी.

इससे पहले शुक्रवार को, संयुक्त राष्ट्र की उप-मानवाधिकार उच्चायुक्त नदा अल नाशीफ़ और म्याँमार पर स्वतन्त्र मानवाधिकार विशेषज्ञ थॉमस एण्ड्रयूज़ ने, देश में, पिछले सप्ताह ‘सत्ता का तख़्तापलट’ करने वाली हस्तियों के विरुद्ध लक्षित प्रतिबन्ध लगाने का आहवान किया था. 

म्याँमार में जारी स्थिति पर चर्चा करने के लिये, शुक्रवार को, यूएन मानवाधिकार परिषद का विशेष सत्र आयोजित किया गया, जिसमें म्याँमार में बन्दी बनाई गई राजनैतिक हस्तियों की तुरन्त रिहाई की माँग करने वाला प्रस्ताव पारित किया गया.