कोविड-19: ऑक्सफ़र्ड-ऐस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन से जुड़ी कुछ अहम बातें
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) में विशेषज्ञों के रणनीतिक सलाहकार समूह (SAGE) ने ऑक्सफ़र्ड-ऐस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन के इस्तेमाल पर अपनी अन्तरिम सिफ़ारिशें जारी की हैं. एक नज़र कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर…
सबसे पहले किन्हें दी जाएगी ये वैक्सीन?
अभी इस वैक्सीन (AZD1222) की ख़ुराकें सीमित संख्या में ही उपलब्ध हैं और उनकी आपूर्ति भी सीमित है, इसलिये सबसे पहले ये वैक्सीन, ज़्यादा स्वास्थ्य जोखिमों का सामना कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों और बुजुर्गों को दी जानी होगी.
विशेष रूप से उन्हें, जिनकी उम्र 65 साल या उससे ज़्यादा है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस सिलसिले में देशों के लिये टीकाकरण प्राथमिकता के लिये एक रोडमैप तैयार किया है जिसमें ज़रूरी दिशा निर्देश उपलब्ध हैं.
इन दिशानिर्देशों और फ़्रेमवर्क की मदद से लक्षित समूहों के लिये, देश, अपने यहाँ टीकाकरण सम्बन्धी अपनी प्राथमिकताएँ तय कर सकते हैं.
ये वैक्सीन और किन व्यक्तियों को दी जा सकती है?
टीकाकरण की सिफ़ारिश उन लोगों के लिये भी की गई है जोकि पहले से ही अन्य बीमारियों (Comorbidities) से ग्रस्त हैं और जिन्हें कोविड-19 का गम्भीर संक्रमण होने का ख़तरा ज़्यादा है.
इनमें, मोटापा, हृदय-सम्बन्धी बीमारी, श्वसन तन्त्र से जुड़ी बीमारियाँ और डायबिटीज़ सहित अन्य बीमारियाँ हैं.
एचआईवी संक्रमण, ऑटो-इम्यून अवस्था और कमज़ोर प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीज़ों पर, इस वैक्सीन के असर की पड़ताल अभी पूरी तरह से नहीं हो पाई है.
बताया गया है कि पर्याप्त जानकारी और परामर्श के बाद इस समूह के व्यक्तियों का भी टीकाकरण किया जा सकता है. लेकिन इस दिशा में अभी अध्ययनों की आवश्यकता है.
ये वैक्सीन उन लोगों को भी दी जा सकती है जिन्हें पहले कोविड-19 संक्रमण हो चुका है, लेकिन टीके की ख़ुराक लेने के लिये, संक्रमण के लगभग छह महीने बाद तक प्रतीक्षा कर सकते हैं. ताकि अन्य ज़रूरतमन्दों तक जल्द से जल्द वैक्सीनें पहुँचाई जा सके.
ये वैक्सीन स्तनपान करा रही महिलाओं को भी दी जा सकती है, विशेष तौर पर तब, जब वे एक ऐसे समूह का हिस्सा हों, जिन्हें वैक्सीन दिया जाना प्राथमिकता माना गया हो.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने टीकाकरण के बाद स्तनपान रोकने की सिफारिश नहीं की है.
क्या गर्भवती महिलाओं को यह टीका लगाया जाना चाहिये?
गर्भावस्था में महिलाओं के लिये कोविड-19 से संक्रमित होने का जोखिम बढ़ जाता है, लेकिन गर्भावस्था के दौरान वैक्सीन की सुरक्षा के बारे में अभी ज़्यादा आँकड़े उपलब्ध नहीं हैं.
अगर किसी गर्भवती महिला को वैक्सीन दिये जाने के लाभ, उसके सम्भावित जोखिमों से ज़्यादा हैं तो उन्हें टीके की ख़ुराक दी जानी चाहिये.
इस वजह से, कोविड-19 संक्रमण का ज़्यादा जोखिम झेल रही गर्भवती महिलाओं (जैसेकि स्वास्थ्यकर्मी या अन्य बीमारियों से ग्रस्त) को चिकित्सा परामर्श के बाद वैक्सीन दी जा सकती है.
ये वैक्सीन किसके लिये नहीं है?
ऐसे लोग जिन्हें गम्भीर एलर्जी या अन्य गम्भीर प्रभावों का ख़तरा है, उन्हें ये टीका नहीं लेना चाहिये.
ये वैक्सीन 18 वर्ष से कम आयु के लोगों के लिये भी नहीं है, वैसे इस विषय में अभी और आँकड़ों की प्रतीक्षा है.
वैक्सीन की कितनी ख़ुराकें दिये जाने की सिफ़ारिश की गई है?
इस वैक्सीन की 0.5 मिलि-लीटर की दो ख़ुराकें माँसपेशियों के ज़रिये दिये जाने की सिफ़ारिश की गई है. दोनों ख़ुराकों के बीच 8 से 12 सप्ताह का अन्तराल रखना अहम होगा.
एकमात्र ख़ुराक दिये जाने से, संक्रमण से सम्भावित रक्षण की अवधि पर पर्याप्त समझ नहीं है. इस विषय पर अभी और ज़्यादा शोध की आवश्यकता बताई गई है.
क्या यह सुरक्षित है?
इस वैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आपात इस्तेमाल सूची में शामिल किये जाने की सिफ़ारिश नहीं की है, लेकिन योरोपीय चिकित्सा एजेंसी ने इसकी समीक्षा की है.
साथ ही यह, विशेषज्ञ समूह SAGE में विचार के लिये, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की अहर्ताओं को भी पूरा करती है.
योरोपीय एजेंसी ने इस वैक्सीन की गुणवत्ता, सुरक्षा और कारगता पर आँकड़ों की विस्तृत समीक्षा करने के बाद, इसे 18 वर्ष और उससे ज़्यादा उम्र के लोगों को दिये जाने की सशर्त अनुमति दी है.
वैक्सीन सुरक्षा पर वैश्विक सलाहकार समिति, विशेषज्ञों का एक ऐसा समूह है जोकि यूएन स्वास्थ्य एजेंसी को वैक्सीन के सुरक्षित इस्तेमाल और स्वास्थ्य सुरक्षा सम्बन्धी रिपोर्टों की समीक्षा के बाद, स्वतन्त्र और प्रामाणिक दिशा-निर्देश उपलब्ध कराता है.
वैक्सीन कितनी कारगर है?
कोविड-19 के विरुद्ध AZD1222 वैक्सीन की प्रभावशीलता, 63 फ़ीसदी आँकी गई है, लक्षणात्मक SARS-CoV-2 संक्रमण के सम्बन्ध में.
माना जा रहा है कि वैक्सीन की दो ख़ुराकों के बीच लम्बा अन्तराल – 8 से 12 सप्ताह – रखने से वैक्सीन की प्रभावशीलता बढ़ाई जा सकती है.
क्या यह वायरस की नई क़िस्मों पर कारगर है?
SAGE ने इस सम्बन्ध में अभी तक उपलब्ध सभी आँकड़ों की समीक्षा की है, विशेष रूप से वायरस की उन क़िस्मों के सिलसिले में, जिनके कारण चिन्ताएँ उभरी हैं.
SAGE ने, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के रोडमैप के अनुसार, AZD1222 वैक्सीन के इस्तेमाल की अनुशंसा की है. तब भी, जब किसी देश में वायरस की दूसरी क़िस्म मौजूद हो.
देशों को महामारी विज्ञान के आधार पर पनपते जोखिमों और वैक्सीन के फ़ायदों का आकलन करते हुए निर्णय लेने होंगे.
शुरुआती जाँच में वायरस की क़िस्मों की निगरानी व समीक्षा, और वैक्सीन प्रभावशीलता पर उनके सम्भावित असर की परख के लिये, समन्वित प्रयासों की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है.
जैसे-जैसे नए आँकड़े उपलब्ध होंगे, उनके अनुरूप, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी अपनी सिफ़ारिशों में संशोधन करती रहेगी.
क्या इससे संक्रमण या वायरस के फैलाव की रोकथाम होती है?
वायरस के संचारण या उसके तेज़ी से फैलने पर, इस वैक्सीन AZD1222 के प्रभाव के बारे में, अभी ठोस आँकड़े उपलब्ध नहीं है.
इसके मद्देनज़र, बुनियादी स्वास्थ्य उपायों का मज़बूती से पालन करना ज़रूरी होगा: मास्क पहनना, शारीरिक दूरी बरतना, हाथ धोना, खाँसते व छींकते समय स्वच्छता का ध्यान रखना, भीड़भाड़ भरे स्थानों से दूर रहना, और बन्द स्थानों पर हवा का प्रवाह सुनिश्चित करना.