सामाजिक विकास है टिकाऊ और सुदृढ़ जगत का 'अहम स्तम्भ'

वैश्विक महामारी कोविड-19 की रोकथाम के लिये दुनिया के अनेक देशों में टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है जिससे कोरोनावायरस संकट पर क़ाबू पाने की उम्मीद बंधी है. लेकिन संयुक्त राष्ट्र के एक उच्चस्तरीय अधिकारी ने सचेत किया है कि विकासशील देशों में बड़ी संख्या में लोगों को ये वैक्सीन जल्द मिलने की सम्भावना नहीं है और यह स्थिति पीड़ादायक है.
संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवँ सामाजिक परिषद के अध्यक्ष और संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी राजदूत मुनीर अकरम ने सोमवार को न्यूयॉर्क में सामाजिक विकास के लिये आयोग (Commission for Social Development) के शुरुआती सत्र को सम्बोधित करते हुए यह बात कही है.
"The #COVID19 has accelerated digital transformation & exacerbating inequalities...Closing the #DigitalDivide requires significant investment in infrastructure to connect people": Amb Munir Akram at 59th session-Commission for Social Development #CSocD59 https://t.co/SPeopUaa5s
UNECOSOC
“कोविड-19 महामारी हमें स्पष्टता से ध्यान दिलाती है कि लोगों के जीवन व आजीविकाओं, और उसके साथ-साथ पृथ्वी की रक्षा करने में सामाजिक विकास की कितनी अहम भूमिका है.”
यूएन परिषद के अध्यक्ष ने अपने सम्बोधन में इसे दुनिया को ज़्यादा टिकाऊ व सहनशील बनाने के प्रयासों का एक अहम स्तम्भ क़रार दिया है.
उन्होंने कहा कि मानव और सामाजिक विकास में 25 वर्ष के दौरान अभूतपूर्व प्रगति हुई है, निर्धनता में कमी आई है, शिक्षा व रोज़गारों का स्तर सुधरा है और आय में बढ़ोत्तरी हुई है.
लेकिन फिर भी विश्व की कुल सम्पदा का लगभग आधा हिस्सा, केवर 26 लोगों के पास है.
यूएन परिषद के प्रमुख ने कहा कि मौजूदा संकट ने पहले से मौजूद निर्बलताओं व विषमताओं को उजागर कर दिया है.
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि बढ़ती विषमता और उसके ऊँचे स्तर से निपटने के लिये ऐसी नीतियाँ अपनाये जाने की ज़रूरत है जिनसे रूपान्तरकारी सहनक्षमता को बढ़ावा मिलता हो.
ऐसी नीतियाँ जिनसे लोगों व समुदायों का सशक्तिकरण होता हो और सामाजिक व आर्थिक बदलावों का मार्ग प्रशस्त हो.
मुनीर अकरम ने कहा कि ऐसे बुनियादी ढाँचों में निवेश करने की आवश्यकता है जिनसे लोगों को आपस में जोड़ने और अन्तरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने में मदद मिले, ताकि डिजिटल वैश्विक अर्थव्यवस्था का निर्माण किया जा सके.
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष वोल्कान बोज़िकर ने सत्र को सम्बोधित करते हुए आगाह किया कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद पहली बार दुनिया, सामाजिक-आर्थिक विकास के सामने इतनी बड़ी विफलता का सामना कर रही है.
उन्होंने कहा कि समुचित कार्रवाई किये जाने के अभाव में दशकों की प्रगति व सम्पदा के बर्बाद होने का जोखिम मंडरा रहा है.
महासभा अध्यक्ष ने इस स्थिति को अस्वीकार्य क़रार देते हुए, सदस्यों से तत्काल कार्रवाई का आग्रह किया, और इस प्रक्रिया में व्यक्ति-आधारित पुनर्बहाली को अहम बताया है ताकि कोविड-19 के नकारात्मक प्रभावों से निपटा जा सके, विशेष रूप से निर्बल व वंचित समुदायों के लिये.
यूएन महासभा अध्यक्ष ने विश्व के समक्ष सामाजिक व आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिये दूरदृष्टि, एकजुटता, बहुपक्षीय सहयोग और रूपान्तकारी बदलावों की पुकार लगाई है.