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कोविड-19: वायरस के 'सर्वत्र उन्मूलन' के लिये वैक्सीनें साझा किया जाना ज़रूरी

भारत के एक अस्पताल में, कोविड-19 की वैक्सीन का टीका लगवाने के बाद कुछ स्वास्थ्यकर्मी.
UNICEF/Vinay Panjwani
भारत के एक अस्पताल में, कोविड-19 की वैक्सीन का टीका लगवाने के बाद कुछ स्वास्थ्यकर्मी.

कोविड-19: वायरस के 'सर्वत्र उन्मूलन' के लिये वैक्सीनें साझा किया जाना ज़रूरी

स्वास्थ्य

वैश्विक महामारी कोविड-19 संक्रमण के जितने मामले अब सामने आ रहे हैं उससे कहीं बड़ी संख्या में, महामारी की रोकथाम के लिये एक दिन में टीके लगाए जा रहे हैं. लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शुक्रवार को आगाह किया है कि टीकाकरण अभियान चला रहे देशों में स्वास्थ्यकर्मियों और बुज़ुर्गों को टीके लगाए जाने के बाद ज़रूरतमन्द देशों को भी वैक्सीन की ख़ुराकें भेजी जानी होंगी. यूएन एजेंसी ने ध्यान दिलाया है कि घातक कोरोनावायरस का पूर्ण उन्मूलन करने के लिये यह ज़रूरी है.

वैश्विक महामारी कोविड-19 संक्रमण के अब तक दस करोड़ 43 लाख से ज़्यादा मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 22 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने शुक्रवार को जिनीवा में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए बताया कि कोविड-19 संक्रमण के मामले जितनी संख्या में सामने आ रहे हैं, उससे कहीं ज़्यादा संख्या में लोगों को टीके लगाए जा रहे हैं. 

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“एक तरह से यह अच्छी ख़बर है, और इतनी छोटी अवधि में हासिल की गई एक बेहतरीन उपलब्धि है.”

लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि तीन-चौथाई टीकाकरण उन 10 देशों में हो रहा है जिनका वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 60 फ़ीसदी हिस्सा है. 

130 देशों में, ढाई अरब लोगों को अभी, एक भी ख़ुराक नहीं मिल पाई है. 

महानिदेशक घेबरेयेसस ने कहा कि सभी सरकारों का दायित्व है कि वे अपने लोगों की रक्षा करें, लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों और बुज़ुर्गों को टीके लगाए जाने के बाद अपनी बाक़ी आबादी की रक्षा का सर्वश्रेष्ठ रास्ता वैक्सीनों का वितरण करना है ताकि अन्य देश भी ऐसा कर सकें. 

“यह इसलिये ज़रूरी है क्योंकि अन्य देशों में जो लोग संक्रमण का सबसे ज़्यादा जोखिम झेल रहे हैं, उन्हें टीके दिये जाने में देरी होने से वायरस के अपना रूप बदलने और वैक्सीनों से बचने का रास्ता तैयार होता है.”

यूएन एजेंसी प्रमुख ने सचेत किया कि अगर वायरस पर हर जगह क़ाबू नहीं पाया गया, तो दुनिया फिर से वहीं पहुँच जाएगी जहाँ से मौजूदा संकट की शुरुआत हुई थी. 

बुधवार को यूएन के नेतृत्व वाली कोवैक्स पहल में हिस्सा ले रहे देशों के लिये वैक्सीन वितरण के अनुमान साझा किये गए हैं.

महानिदेशक घेबरेयेसस ने कहा कि देश, टीकाकरण के लिये तो तैयार हैं लेकिन वैक्सीन उपलब्ध नहीं हैं. 

उन्होंने ध्यान दिलाते हुए कहा कि देशों को वैक्सीन की ख़ुराकें बाँटनी होंगी, लेकिन उसके साथ-साथ उत्पादन का स्तर बढ़ाने की भी आवश्यकता है.

उन्होंने फ़्राँस की एक कम्पनी Sanofi का उल्लेख किया जिसने अपनी क्षमता का इस्तेमाल Pfizer/BioNTech vaccine के उत्पादन में करने की इच्छा ज़ाहिर की है, और अन्य देशों से भी इस उदाहरण का अनुसरण करने की अपील की है.

यूएन एजेंसी के महानिदेशक ने वैक्सीन विनिर्माताओं को डेटा और टैक्नॉलॉजी साझा करने के लिये प्रोत्साहित किया है ताकि वैश्विक स्तर पर न्यायसंगत वितरण सुनिश्चित किया जा सके.