रूस: विपक्षी नेता अलेक्सेई नैवलनी को कारावास दण्ड पर गम्भीर चिन्ता

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) ने रूस में विपक्षी नेता और मानवाधिकार कार्यकर्ता अलेक्सेई नैवलनी को कारावास की सज़ा सुनाए जाने पर हताशा व्यक्त की है, और इस गिरफ़्तारी के विरोध में रैलियों और प्रदर्शनों के दौरान गिरफ़्तार किये गए समर्थकों को भी रिहा किये जाने का आग्रह किया है.
यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय की प्रवक्ता रवीना शम्दसानी ने एक वक्तव्य में कहा कि मॉस्को में एक अदालत द्वारा रूसी विपक्षी हस्ती अलेक्सेई नैवलनी को कारावास की सज़ा सुनाए जाने पर हम बहुत हताश हैं.
🇷🇺 #Russia: We urge the authorities to immediately release all those detained for exercising their right to freedom of peaceful assembly and expression over the past few weeks of protests. Read 👉 https://t.co/KRTEbKVKOW pic.twitter.com/N5gm7hT5e9
UNHumanRights
उन्होंने कहा कि अलेक्सेई नैवलनी को कारावास की यह सज़ा, वर्ष 2014 के, वित्तीय गड़बड़ी के एक ऐसे निलम्बित दण्ड निर्णय की शर्तों का उल्लंघन करने के आरोप में सुनाई गई है जिसे यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय, वर्ष 2017 में सर्वसम्मति से एकतरफ़ा, पक्षपातपूर्ण और मनमाना क़रार दे चुका है.
अलेक्सेई नेवलनी को रविवार को मॉस्को में गिरफ़्तार किया गया था जब वो जर्मनी से वापिस लौटे थे.
आरोप हैं कि अगस्त 2020 में उन्हें शीत युद्ध के युग में प्रचलित ज़हर देकर मारने की कोशिश की गई थी, और जर्मनी में इसी के लिये उनका इलाज हो रहा था.
उन्हें वर्ष 2014 में, मूल रूप से साढ़े तीन वर्ष के कारावास का दण्ड सुनाया गया था, जिसे बाद में बदलकर पूर्ण हिरासत वाले 2 वर्ष और 8 महीनों के दण्ड में तब्दील कर दिया गया था.
इसमें, वो अपने ही घर में नज़रबन्द किये जाने के दौरान जो समय गुज़ार चुके थे, वो उनकी पूरी सज़ा में कम कर दिया गया था.
रूसी विपक्षी हस्ती अलेक्सेई नेवलनी 20 अगस्त 2020 को उस समय अत्यन्त गम्भीर रूप से बीमार पड़ गए थे जब वो साइबेरिया के एक नगर टॉम्स्क से मॉस्को वापिस लौट रहे थे.
उसके बाद वो लगभग एक पखवाड़े तक कॉमा में यानि बेहोश रहे और उन्हें रूसी अधिकारियों की इजाज़त मिलने पर इलाज के लिये जर्मन शहर बर्लिन ले जाया गया.
बाद में, जर्मन सरकार ने ख़बर दी कि विष विज्ञान (टॉक्सिकोलॉजी) परीक्षणों से नज़र आता है कि अलेक्सेई नेवलनी को नॉवीशॉक ज़हर दिया गया था जो इनसान के दिमाग़ पर हमला करता है.
संयुक्त राष्ट्र समर्थित रासायनिक हथियार निरोधक संगठन (OPCW) ने सितम्बर 2020 में एक वक्तव्य जारी करके इस स्थिति पर अपनी प्रतिक्रिया दी.
संगठन के महानिदेशक फ़रनैण्डो एरियास ने कहा, “अगर किसी व्यक्ति को किसी भी तरह का रासायनिक ज़हर दिया जाता है तो, रासायनिक शस्त्र कन्वेन्शन के अन्तर्गत उसे रासायनिक हथियारों का प्रयोग समझा जाता है. इस तरह का कोई आरोप बहुत गम्भीर मामला है.”
ध्यान रहे कि रूस में हाल के सप्ताहों में, देश भर में, हज़ारों लोग, अलेक्सेई नेवलनी के समर्थन में प्रदर्शन करते रहे हैं.
यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय की प्रवक्ता रवीना शम्दसानी ने कहा, “हम रूस में तमाम अधिकारियों से आग्रह करते हैं कि कल और हाल के सप्ताहों में, देश भर में, शान्तिपूर्ण रूप से एकत्र होने और अभिव्यक्ति की आज़ादी का इस्तेमाल करने पर गिरफ़्तार किये गए लोगों को तुरन्त रिहा कर दिया जाए.”
उन्होंने कहा, “इस तरह की ख़बरें मिली हैं कि मंगलवार को गिरफ़्तार किये गए लोगों की संख्या एक हज़ार 400 तक हो सकती है. सरकार को ये सुनिश्चित करना होगा कि प्रदर्शनकारियों केसाथ, अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानून के तहत उसकी ज़िम्मेदारियों के अनुरूप ही बर्ताव किया जाए.”