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एशिया प्रशान्त के मछली और समुद्री खाद्य श्रमिकों के लिये शिष्ट कामकाज

 कम्बोडिया में मछली पालन आजाविका का एक प्रमुख स्रोत रहा है.
ILO/Khem Sovannara
कम्बोडिया में मछली पालन आजाविका का एक प्रमुख स्रोत रहा है.

एशिया प्रशान्त के मछली और समुद्री खाद्य श्रमिकों के लिये शिष्ट कामकाज

प्रवासी और शरणार्थी

संयुक्त राष्ट्र, दक्षिण पूर्व एशिया में योरोपीय संघ के साथ मिलकर, मछली पालन और समुद्री खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्रों में सुरक्षित श्रम प्रवास व शिष्ट कामकाज जारी रखने में सहयोग कर रहा है.

आईएलओ ने, दक्षिण-पूर्व एशिया के मछली पालन और समुद्री खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में प्रवासी श्रमिकों के लाभ के लिये, एक नया कार्यक्रम शुरू किया है, जो इस उद्योग में नियमित व सुरक्षित श्रम प्रवास को बढ़ावा देगा.

"शिप टू शोर राइट्स साउथ ईस्ट एशिया" नामक चार साल (2020-2024) का यह कार्यक्रम, अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO), प्रवासियों के लिये अन्तरराष्ट्रीय संगठन (IOM) और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने संयुक्त रूप से लागू किया है.

एक करोड़ योरो (यानि लगभग 1 करोड़ 10 लाख 29 हज़ार अमेरिकी डॉलर) की इस पहल को योरोपीय संघ (EU) ने वित्त पोषित किया है. 

कार्यक्रम के लक्ष्यों के तहत कम्बोडिया, इंडोनेशिया, लाओस पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक, म्याँमार, फिलीपीन्स, थाईलैंड और वियतनाम में मछली पालन और सी-फ़ूड प्रोसेसिंग क्षेत्रों में क़ानूनी अधिकारों को मज़बूत करना, श्रम अधिकारों की रक्षा करना और श्रमिकों को सशक्त बनाना शामिल है.

यह कार्यक्रम योरोपीय संघ द्वारा वित्त पोषित ‘शिप टू शोर राइट्स प्रोजेक्ट’ के कार्य पर आधारित होगा, जो मार्च 2020 में पूरा हो गया था.

तीन यूएन एजेंसियों को एक साथ लाकर इससे प्रवासी श्रमिकों और जबरन मज़दूरी, मानव तस्करी, ग़ैरकानूनी भर्ती प्रथाओं और जानकारी तक कम पहुँच जैसे मुद्दों पर, तीनों भागीदारों के अनुभव का लाभ मिलेगा.   

यह कार्यक्रम मछली पालन और सी-फ़ूड प्रोसेसिंग के क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों, उनके परिवारों और मूल व गन्तव्य देशों के प्रवासी, वर्तमान या सम्भावित व लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों के साथ काम करेगा.

यह देशों के सरकारी अधिकारियों, श्रमिकों और नियोक्ताओं के संगठनों, भर्ती एजेंसियों, पोत मालिकों व उनके संघों, नागरिक समाज संगठनों और समुदाय-आधारित संगठनों की भी मदद करेगा.

राजनैतिक सम्बन्धों की कड़ी

थाईलैंड में यूरोपीय संघ के राजदूत पिरक्का तापीओला ने कहा, “क्षेत्रीय, बहु-राष्ट्रीय सहयोग एक समन्वय बनाने में मदद करेगा जो सम्बन्धित सरकारों, निजी क्षेत्रों और श्रमिकों को लाभान्वित करेगा. यह क्षेत्रीय हस्तक्षेप स्थायी मत्स्य पालन और शिष्ट श्रम प्रथाओं के बीच राजनैतिक सम्बन्ध बनाए रखेगा."

अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन में एशिया और प्रशान्त के क्षेत्रीय निदेशक चिहोको असादा-मियाकावा ने कहा, “वैसे तो, मत्स्य और समुद्री खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में प्रवासी श्रमिकों के लिये कामकाज की स्थिति में सुधार हुआ है, मगर अनेक चुनौतियाँ अब भी मौजूद हैं."

छोटे स्तर पर मछली पकड़ने का व्यवसाय दुनिया भर में करोड़ों लोगों को रोज़गार उपलब्ध कराता है.
FAO/Munir Uz Zuman
छोटे स्तर पर मछली पकड़ने का व्यवसाय दुनिया भर में करोड़ों लोगों को रोज़गार उपलब्ध कराता है.

"यह नई पहल सीमा पार प्रवास और रोज़गार का प्रबन्धन करने के लिये अभिनव, अधिकार आधारित और सुरक्षित समाधान को बढ़ावा देगी. इससे महिलाओं और पुरुषों के लिये एक मज़बूत उद्योग और शिष्ट कामकाज स्थापित होगा.”

एशिया और प्रशान्त के लिये संगठन के क्षेत्रीय निदेशक, नेनेट मोटस ने कहा, “यह कार्यक्रम मछली पकड़ने और समुद्री खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों में काम करने वालों के लिये नियमित श्रम प्रवास को बढ़ावा देना जारी रखेगा, और यह सुनिश्चित करेगा कि श्रमिकों को सुरक्षित चैनलों के माध्यम से भर्ती किया जाए."

"यह कार्यक्रम, साथ ही, परियोजना श्रम अधिकारों के बारे में प्रवासियों की जागरूकता बढ़ाकर उन्हें शोषण या तस्करी के मामलों की पहचान करके, उचित क़दम उठाने के लिये सक्षम बनाएगा.” 

वहीं यूएनडीपी में एशिया-प्रशान्त के उप-क्षेत्रीय निदेशक, क्रिस्टोफ़े बहुएत ने कहा, “एशिया प्रशान्त में विकास के लिये प्रवास का योगदान अहम है और इसे आगे बढ़ाया जाना चाहिये, ख़ासतौर पर जहाँ यह सुरक्षित, व्यवस्थित और नियमित चैनलों के माध्यम से होता है."

"यूएनडीपी के लिये यूरोपीय संघ, आईएलओ और आईओएम के साथ साझेदारी बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे प्रवासन की परिवर्तनकारी क्षमता उजागर करने और दक्षिण-पूर्व एशिया में सामाजिक-आर्थिक प्रगति के लिये सहयोग करने में मदद मिलेगी.” 

दक्षिण-पूर्व एशिया के देश मछली और सी-फ़ूड उत्पादों में दुनिया के शीर्ष उत्पादकों व निर्यातकों में से हैं. मछली और समुद्री खाद्य प्रसंस्करण आपूर्ति श्रंखला, मछली पकड़ने और भूमि आधारित प्राथमिक व माध्यमिक प्रोसेसिंग जैसे अनेक तत्वों पर निर्भर करती है.

प्रसंस्करण चरण में अधिकतर प्रवासी श्रमिक ही मछुआरों और क्षमिकों के रूप में इन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं.

मछली पालन और समुद्री खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में श्रम प्रवास के लिये नियामक ढाँचा अक्सर कमज़ोर होता है, जिसमें प्रवासी श्रमिक अक्सर अनियमित और अनौपचारिक चैनलों के माध्यम से भर्ती होते हैं.

वैसे तो, हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं, फिर भी श्रमिकों को लिखित कार्य अनुबन्धों की कमी, पगार का कम भुगतान या भुगतान रोकने, अन्य तरीक़ों से पगार की चोरी, और जबरन या मुफ़्त में काम कराने के मामले सामने आते हैं.

कोविड-19 महामारी का भी प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवारों के जीवन और आजीविका पर गम्भीर प्रभाव पड़ा है. ‘शिप टू शोर अधिकार दक्षिण पूर्व एशिया कार्यक्रम’ सरकारों और भागीदारों को इन चुनौतियों से निपटने में मदद करेगा और इन आर्थिक व सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सभी प्रवासी श्रमिकों के लिये मज़बूत सुरक्षा सुनिश्चित करेगा.