हॉलोकॉस्ट स्मरण दिवस: नव-नात्सियों के ख़िलाफ़ तत्काल कार्रवाई की पुकार
नव-नात्सी और श्वेत वर्चस्ववादी समूह वैश्विक महामारी कोविड-19 का इस्तेमाल अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने, अपनी ताक़त बढ़ाने और इतिहास को नए सिरे से लिखने में कर रहे हैं जिन्हें रोकने के लिये और ज़्यादा प्रयास किये जाने होंगे. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने बुधवार, 27 जनवरी, को यहूदी जनसंहार (हॉलोकॉस्ट) स्मरण दिवस पर अपने वीडियो सन्देश में यह भावुक अपील जारी की है.
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान नात्सियों ने 60 लाख से ज़्यादा यहूदियों और अन्य लोगों का जनसंहार किया था - हॉलोकॉस्ट के पीड़ितों की स्मृति में यह दिवस मनाया जाता है.
इस वर्ष यह स्मरण दिवस कोविड-19 महामारी की छाया में आयोजित किया जा रहा है.
महासचिव गुटेरेश ने आगाह किया कि मौजूदा संकट से लम्बे समय से चले आ रहे अन्यायों को उजागर किया है और इससे यहूदीवाद-विरोध और विदेशियों के प्रति नापसंदगी व डर की भावना में उभार आया है.
Today we honour the memory of the six million Jews & millions of others who were systematically murdered in the Holocaust.Our best tribute to Holocaust victims & survivors is to create a world of equality, justice & dignity for all.#HolocaustRemembranceDay pic.twitter.com/a3X6UJQhqs
antonioguterres
“आज, श्वेत वर्चस्ववादी और नव-नात्सी फिर से उभर रहे हैं, सीमाओं के पार संगठित हो रहे हैं, लोगों की भर्ती कर रहे हैं, और हॉलॉकास्ट सहित इतिहास को नकारने, तोड़ने-मोड़ने और फिर से लिखने के अपने प्रयास तेज़ कर रहे हैं.”
“कोविड-19 महामारी ने धर्म, नस्ल, जातीयता, राष्ट्रीयता, यौन रूझान, विकलांगता और आप्रवासन दर्जे के आधार पर अल्पसंख्यकों को नए अवसर प्रदान किये हैं.
यूएन प्रमुख ने कोरोनावायरस संकट के दौरान उजागर हुई ख़ामियों और कमियों को दूर करने के लिये कार्रवाई की पुकार लगाई है.
“इसे रोकने के लिये हमें तत्काल साझा प्रयास करने होंगे.”
नफ़रत में उभार
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने पिछले वर्ष नफ़रत से प्रेरित अपराधों और ऑनलाइन माध्यमों पर यहूदीवाद-विरोध के मामलों में तेज़ बढ़ोत्तरी पर चिन्ता जताई है.
यूएन उच्चायुक्त ने सरकारों और डिजिटल प्लैटफ़ॉर्म कम्पनियों से आग्रह किया है कि इन ताक़तों के उभार में उन्हें अपनी भूमिका की समीक्षा करनी होगी.
“हमें झूठ का विरोध करने की ज़रूरत है. हमें यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि राजनैतिक विमर्श तथ्यों पर आधारित हो, जो वस्तुनिष्ठता से सच्चाई को परिलक्षित करे. इसमें हमारे समान अधिकारों और मनुष्यों की गरिमा का बुनियादी सत्य भी है.”
“हमें मानवाधिकार शिक्षा में भी निवेश की आवश्यकता है ताकि भेदभाव और बेसिरपैर की ज़हरीली साज़िशों की कहानियों की रोकथाम हो सके.”
संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रमुख वोल्कान बोज़किर ने आगाह किया है कि दुनिया नस्लवाद, विदेशियों के प्रति नापसन्दगी और यहूदीवाद-विरोध की उफ़नती लहरों का सामना कर रही है.
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यह हमारा दायित्व है कि सत्य, समानता और निर्बलों के अधिकारों की रक्षा की जाए.
हॉलोकॉस्ट से जुड़े तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किये जाने और उसे नकारने के विषय पर बुधवार को एक ऑनलाइन चर्चा का आयोजन किया जाएगा.
यह कार्यक्रम हॉलोकॉस्ट स्मरण दिवस पर आयोजित किये जाने वाले समारोहों की कड़ी का हिस्सा है.