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कोविड-19: संक्रमितों के स्वास्थ्य लाभ के लिये नए दिशानिर्देश

यूक्रेन में एक डॉक्टर कोविड-19 मरीज़ की स्वास्थ्य जाँच कर रहा है.
© UNICEF/Evgeniy Maloletka
यूक्रेन में एक डॉक्टर कोविड-19 मरीज़ की स्वास्थ्य जाँच कर रहा है.

कोविड-19: संक्रमितों के स्वास्थ्य लाभ के लिये नए दिशानिर्देश

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोविड-19 संक्रमण से पीड़ित मरीज़ों की स्वास्थ्य देखभाल के लिये मंगलवार को नए दिशानिर्देश जारी किये हैं. इन गाइडलाइन्स में उन मरीज़ों की स्वास्थ्य दिक्कतों पर भी ध्यान केन्द्रित किया गया है जोकि कोरोनावायरस संक्रमण से उबरने के कई महीने बाद भी इसके लक्षणों से पीड़ित (Long COVID) हैं और पूरी तरह ठीक महसूस नहीं कर पा रहे हैं.   

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने अपनी सिफ़ारिशों में कहा है कि कोविड-19 के पुष्ट और संदिग्ध मामलों में संक्रमण ठीक होने के बाद भी पीड़ितों की स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित की जानी चाहिये.  

यह विशेष रूप से उन मरीज़ों के लिये ज़रूरी है जोकि लगातार नए या बदलते लक्षणों का सामना कर रहे हैं और पूरी तरह स्वस्थ नहीं हैं.   

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वैश्विक महामारी कोविड-19 से संक्रमित ऐसे लोगों की बड़ी संख्या है जो संक्रमण से उबर जाने के बाद भी अनेक महीनों तक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं. इन लक्षणों में बेहद थकान का अनुभव होना, लगातार ख़ाँसी होना और कसरत ना कर पाना है. 

यूएन एजेंसी ने कोविड-19 संक्रमण से उबरने के बाद मरीज़ों के स्वास्थ्य के सम्बन्ध में तथ्य जुटाये. जो मरीज़ पूरी तरह ठीक नहीं है, उन्हें (Long Covid) से  जिसे लम्बी अवधि का कोविड कहा जाता है.

यह ऐसी अवस्था है जिसमें कोविड संक्रमण से ठीक होने के बाद भी लोगों को दीर्घकालीन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. 

स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक अस्पतालों में भर्जी मरीज़ों में रक्त की धमनियों में खून के थक्कों को जमने से रोकने क लिये कम मात्रा में ख़ून पतला करने वाली दवा की ख़ुराक दी जानी चाहिये. 

घर पर स्वास्थ्य लाभ कर रहे कोविड-19 संक्रमितों के लिये पल्स ऑक्सीमीटर के इस्तेमाल को अहम बताया गया है जिससे रक्त में ऑक्सीजन के स्तर की निगरानी की जा सकती है. 

अस्पतालों में भर्ती और साँस लेने के लिये ऑक्सीजन की मदद ले रहे मरीज़ों को पेट के बल लिटाए जाने को बेहतर बताया गया है ताकि ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाया जा सके.  

बताया गया है कि घर पर स्वास्थ्य देखभाल से जुड़े अन्य आयामों का ध्यान रखा जाना होना, और इस क्रम में मरीज़ों, उनकी देखभाल कर रहे लोगों को ज़रूरी जानकारी प्रदान की जानी होगी. 

साथ ही मरीज़ के साथ सम्पर्क लगातार बनाए रखना और उनका हालचाल जानना अहम है. 

कोविड-19 जनित स्वास्थ्य अवस्थाओं के प्रति ज़्यादा समझ विकसित करने को यूएन स्वास्थ्य संगठन ने प्राथमिकता के तौर पर लिया है. 

यूएन एजेंसी फ़रवरी 2021 में सिलसिलेवार चर्चाओं का आयोजन करेगी ताकि विभिन्न अवस्थाओं, उसके प्रकारों, और परिभाषाओं पर आम सहमति पर पहुंचा जा सके. 

इन चर्चाओं में मरीज़ों के समूहों सहित विविध पक्षकारों को सम्मिलित किया जायेगा और वैज्ञानिक समझ के ज़रिये नामावली तैयार की जायेगी.