कोविड-19: ‘वैक्सीन की जमाखोरी’ से अफ़्रीका पर मंडराता जोखिम
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने गुरुवार को एक चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि कोविड-19 महामारी से बचाव के लिये, अफ़्रीका से इतर, अन्य क्षेत्रों में स्थित देश टीकों की जमाखोरी और द्विपक्षीय समझौते कर रहे हैं. इसके परिणामस्वरूप वैक्सीन की क़ीमतों में बढ़ोत्तरी हो रही है जिससे महामारी के ख़िलाफ़ लड़ाई में अफ़्रीका के पीछे छूट जाने का जोखिम है.
लगभग 50 सम्पन्न देशों में कोरोनावायरस टीकाकरण शुरू हो गया है, लेकिन अफ़्रीकी महाद्वीप पर गिनी ही एकमात्र ऐसा निम्न-आय वाला देश है जिसे ख़ुराकें मिली हैं.
Dr @MoetiTshidi shares insights into the rollout of #COVID19 vaccines in Africa through the #COVAX Facility. An initial 30 million doses are expected to start arriving by March. Healthcare workers & other vulnerable groups will be prioritized. pic.twitter.com/CEbdCmkpnN
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यहाँ अब तक केवल 25 लोगों को वैक्सीन लगाई गई है जबकि सेशेल्स एकमात्र ऐसा अफ़्रीकी देश है जहाँ राष्ट्रीय टीकाकरण मुहिम शुरू हुई है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन में अफ़्रीकी क्षेत्र के लिये निदेशक डॉक्टर मातशिदिसो मोयेती ने कहा कि “मैं पहले के बजाय, हम पहले” पर ध्यान देकर ही इस महामारी का अन्त किया जा सकता है.
“वैक्सीन की जमाखोरी से यह व्यथा और लम्बी खिंचेगी और अफ़्रीका की पुनर्बहाली में देरी होगी.”
“यह बेहद अन्यायपूर्ण है कि सबसे निर्बल अफ़्रीकियों को अपने लिये टीकों की प्रतीक्षा करने के लिये मजबूर किया जा रहा है जबकि धनी देशों में कम जोखिम वाले समूह भी सुरक्षित हैं.”
“अफ़्रीका में स्वास्थ्यकर्मी और निर्बल लोगों तक तत्काल सुरक्षित व असरदार वैक्सीन पहुँचाने की ज़रूरत है.”
सभी देशों में हर एक व्यक्ति के लिये टीकों के न्यायसंगत वितरण के लिये ‘कोवैक्स’ नामक एक अन्तरराष्ट्रीय गठबंधन स्थापित किया गया था.
यह पहल यूएन स्वास्थ्य एजेंसी, महामारी से निपटने की तैयारियों के लिये नवाचारी समाधानों, वैक्सीन अलायंस गैवी के सह-नेतृत्व में शुरू की गई.
टीकाकरण के लिये संकल्प
कोवैक्स पहल के तहत अब तक पाँच विनिर्माओं से दो अरब ख़ुराकों का इन्तज़ाम किया जा चुका है और एक अरब ख़ुराकों के प्रबन्ध के विकल्पों की तलाश की जा रही है.
बताया गया है कि इन टीकों का वितरण जल्द ही शुरू होने की सम्भावना है.
कोवैक्स पहल के ज़रिये वर्ष 2021 के अन्त तक अफ़्रीकी आबादी के लगभग 20 फ़ीसदी हिस्से को टीके लगाने का संकल्प लिया गया है.
इस सिलसिले में स्वास्थ्यकर्मियों और निर्बल समूहों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनमें पहले से बीमारियों से जूझ रहे लोग और वृद्धजन हैं.
मार्च 2021 तक तीन करोड़ वैक्सीन की ख़ुराकें देशों में पहुँचना शुरू हो जाएँगी और हर व्यक्ति को दो ख़ुराक दी जानी होंगी, यानि कुल मिलाकर अधिकतम 60 करोड़ ख़ुराकों का वितरण होगा.
यूएन एजेंसी ने कहा है कि अगर टीकों को नियामक अनुमति मिलने में विफलता हाथ लगती है या उत्पादन, वितरण और वित्तीय प्रबन्धन में चुनौती पैदा होती है तो फिर टीकों के लिये तय समय-सीमा और उनकी संख्या में परिवर्तन हो सकता है.