WHO में अमेरिका की वापसी का स्वागत, वैश्विक एकजुटता का आग्रह
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अमेरिका के नए राष्ट्रपति जोसेफ़ बाइडेन के उस फ़ैसले का स्वागत किया है जिसमें उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ सम्बन्ध फिर से स्थापित करने की घोषणा की है. जो बाइडेन ने बुधवार को इस घोषणा में, वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य और सुरक्षा को आगे बढ़ाने में पूर्ण भागीदारी जारी रखने की बात भी कही है.
यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश के प्रवक्ता द्वारा जारी एक वक्तव्य में कहा गया है कि यूएन स्वास्थ्य एजेंसी (WHO) को समर्थन दिया जाना, कोविड-19 महामारी के विरुद्ध, दुनिया की एक बेहतर संयोजित कार्रवाई के लिये, “बहुत अहम” है.
Secretary-General @antonioguterres welcomes the United States’ stated re-engagement with the @WHO. Now is the time for unity and for the international community to work together in solidarity to stop #COVID19 and its shattering consequences. https://t.co/FhcTDZQRmg
UN_Spokesperson
यूएन महासचिव ने कोरोनावायरस को हराने के लिये वैश्विक एकजुटता का भी आहवान किया है.
उन्होंने कहा, “ये समय एकता दिखाने का है, और इस वायरस और इसके विनाशकारी परिणामों को रोकने में, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को एक साथ मिलकर एकजुटता के साथ काम करने का है.”
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने, इससे पहले दिन में, अपने पद की शपथ ग्रहण करने के बाद, एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किये जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन से अमेरिका के बाहर होने की प्रक्रिया पर रोक लगाई गई है. ध्यान रहे कि पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने जुलाई 2020 में, अमेरिका के, विश्व स्वास्थ्य संगठन से हट जाने का निर्णय किया था.
अगर डॉनल्ड ट्रम्प का आदेश प्रभाव में आता तो, ये फ़ैसला जुलाई 2021 में लागू होना था, यानि उस समय, अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन से बाहर हो जाता. विश्व स्वास्थ्य संगठन से, किसी देश की औपचारिक वापसी के लिये, नोटिस अवधि एक वर्ष है.
डॉनल्ड ट्रम्प ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के लिये, अप्रैल 2020 में, देश का वित्तीय योगदान भी बन्द कर दिया था. इस घटनाक्रम के बाद, वैश्विक स्तर पर ये चिन्ता फैली थी कि कोरोनावायरस महामारी के प्रकोप के बीच में है, इस तरह के फ़ैसले से, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के कामकाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा.
अमेरिका, विश्व स्वास्थ्य संगठन को सबसे अधिक वित्तीय सहायता देने वाला देश है और वर्ष 2018-2019 के दौरान, एजेंसी के कार्यक्रमों के लिये, अमेरिका का वित्तीय योगदान लगभग 89 करोड़ 30 लाख डॉलर था.
'कोवैक्स' सुविधा में शामिल
इसके साथ ही, नई अमेरिकी सरकार ने संयुक्त राष्ट्र की कोवैक्स सुविधा में भी शामिल होने का ऐलान किया है. कोवैक्स सुविधा, विश्व स्वास्थ्य संगठन की अगुवाई में एक ऐसा वैश्विक प्रयास है जिसका उद्देश्य कम आय वाले देशों को कोविड-19 वैक्सीन उपलब्ध कराना है.
यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के इस क़दम की सराहना करते हुए ज़ोर दिया है कि “निसन्देह वैक्सीन, कोविड-19 के ख़िलाफ़ युद्ध में एक अहम उपकरण है. ऐसे में, कोवैक्स सुविधा में, अमेरिका के शामिल होने से, सभी देशों के लिये वैक्सीन की समान उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रयासों को गति मिलेगी.”
एसीटी-एक्सेलेरेटर का वैक्सीन स्तम्भ – ‘कोवैक्स’ एक ऐसी वैश्विक व्यवस्था है जिसका मक़सद दुनिया के हर कोने में, सभी जन को, उनकी आर्थिक हैसियत या स्थिति को रुकावट बनने की अनुमति दिये बिना, कोविड-19 वैक्सीन उपलब्ध कराना है.
WHO में अमेरिकी दल
अमेरिकी राष्ट्रपति के एक प्रवक्ता ने, बुधवार को ही, ये घोषणा भी की कि संक्रामक बीमारी विशेषज्ञ डॉक्टर एंथनी फ़ाउची, विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी बोर्ड की, इस समय जारी बैठक में, अमेरिकी दल का नेतृत्व करेंगे. ये शिरकत डिजिटल माध्यम से होगी.
जो बाइडन सरकार ने कोरोनावायरस महामारी का मुक़ाबला करने के लिये, अनेक उपायों की भी घोषणा की है, जिनमें, तमाम संघीय इमारतों, अन्य स्थानों, और सार्वजनिक परिवहन के कुछ ख़ास प्रकार के वाहनों में ‘फ़ेस मास्क’ पहनने को अनिवार्य बनाया जाना भी शामिल है.