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दशकों की हिंसा से पीड़ित सीरिया संकटों की 'धीमी सूनामी' की जकड़ में

सीरिया के होम्स में एक शिविर में बच्चे अपने टैण्ट के बाहर खड़े हैं.
© UNICEF/Abdulaziz Aldroubi
सीरिया के होम्स में एक शिविर में बच्चे अपने टैण्ट के बाहर खड़े हैं.

दशकों की हिंसा से पीड़ित सीरिया संकटों की 'धीमी सूनामी' की जकड़ में

मानवीय सहायता

सीरिया के लिये संयुक्त राष्ट्र के विशेष यूएन दूत गेयर पैडरसन ने कहा है कि एक दशक से चले आ रहे हिंसक संघर्ष और कोविड-19, भ्रष्टाचार व कुप्रबन्धन के कारण देश आर्थिक बदहाली का शिकार है. उन्होंने बुधवार को सुरक्षा परिषद को हालात से अवगत कराते हुए कहा कि एक धीमी सूनामी पूरे देश को अपनी चपेट में ले रही है. 

गेयर पैडरसन ने वीडियो लिंक के ज़रिये सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश के भीतर और बाहर लाखों सीरियाई नागरिक और शरणार्थी गहरे सदमे, पीस कर रखने देने वाली ग़रीबी, निजी असुरक्षा और भविष्य के लिये नाउम्मीदी का सामना कर रहे हैं. 

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दस वर्षों से मौतों, विस्थापन, विनाश और अभावग्रस्तता का सिलसिला व्यापक पैमाने पर इन चुनौतियों की वजह बना हुआ है. 

यूएन दूत ने वर्ष 2021 के लिये एक निराशाजनक तस्वीर पेश की है. 

मानवीय राहत मामलों में संयोजन के लिये यूएन कार्यालय (UN-OCHA) के अनुसार हर 10 में से आठ व्यक्ति निर्धनता में गुज़ारा कर रहे हैं. 

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) का अनुमान है कि लगभग 93 लाख लोग खाद्य असुरक्षा का शिकार हैं. 

आशंका जताई गई है कि बढ़ती महंगाई और ईंधन की कमी की वजह से स्थानीय प्रशासन बुनियादी सामान की आपूर्ति व सेवाएँ सुनिश्चित नहीं कर पाएगा. 

वैश्विक महामारी कोविड-19 के फैलाव के कारण हालात और भी ज़्यादा ख़राब हो गए हैं.

यूएन दूत ने कहा कि सीरियाई जनता पीड़ा में है और आर्थिक प्रतिबन्ध उनकी व्यथा को और भी ज़्यादा त्रासदीपूर्ण बना रहे हैं, जिसके कारण भविष्य में इससे भी ज़्यादा अस्थिरता की नींव तैयार हो रही है. 

“राजनैतिक प्रक्रिया के वास्तविक परिणाम अब भी सामने नहीं आए हैं और ना ही भविष्य के लिये वास्तविक दूरदृष्टि है.”

इसके मद्देनज़र उन्होंने भरोसा बहाल करने वाले क़दम उठाए जाने का आहवान किया है. इसके तहत निर्बाध रूप से मानवीय राहत पहुँचाया जाना, बन्दियों के बारे में जानकारी और उन तक पहुँच सुनिश्चित करना और राष्ट्रव्यापी युद्धविराम लागू किया जाना अहम होगा. 

विशेष दूत ने ज़्यादा गम्भीर और सहयोगपूर्ण अन्तरराष्ट्रीय कूटनीति की पुकार लगाई है और देशों से आग्रह किया है कि स्थिरता, आतंकवाद-निरोधक सहित अन्य साझा हितों के लिये हिंसक संघर्ष की रोकथाम करनी होगी. 

गेयर पैडरसन के मुताबिक जिनीवा में यूएन के तत्वाधान में संवैधानिक समिति की बैठक का आयोजन कोविड-19 के हालात पर निर्भर करेगा. 

उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सुनिश्चित किये जाने का प्रयास किया जाना होगा कि समिति संवैधानिक सुधारों की तैयारी से अब मसौदे को रूप देने की दिशा में आगे बढ़े.

संकटों में घिरा देश

आपात मामलों के समन्वयक मार्क लोकॉक ने सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश में खाद्य वस्तुओं की क़ीमतें अभूतपूर्व रूप से महंगी हो गई है और देश की मुद्रा के स्तर में तेज़ी से गिरावट आई है. 

आर्थिक संकट के जारी रहने से ईंधन की क़िल्लत पैदा हो गई है और बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है, जिससे सर्दी के मौसम मे हालात चुनौतीपूर्ण हो गए हैं. इसके अलावा बाल श्रम पर निर्भरता बढ़ रही है.

ख़राब मौसम के कारण व्यापक इलाक़े बाढ़ से प्रभावित हुए हैं जिससे सीरियाई नागरिकों को रातें टैण्ट में खड़े होकर गुज़ारनी पड़ रही हैं, चूँकि बाढ़ के पानी का स्तर बढ़ रहा है.

कोविड-19 से उपजी चुनौतियों की वजह से आर्थिक संकट और गहरा गया है, और टैस्टिंग की सीमित क्षमता है. इन हालात में चिन्ता जताई गई है कि सीरिया में फिर से संक्रमण की नई लहर आने की आशंका प्रबल है.

मार्क लोकॉक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र जीवनदायी सहायता प्रदान करने के लिये संकल्पबद्ध है लेकिन राहत अभियान चलाने के लिये पर्याप्त धनराशि की उपलब्धता, मानवीय राहत पहुँचाने के लिये सुरक्षित हालात उत्पन्न करने और हिंसा पर लगाम लगाए जाने की आवश्यकता है.