कोविड-19: हवाई यात्राओं में भारी गिरावट, 370 अरब डॉलर का घाटा
संयुक्त राष्ट्र की वायु परिवहन एजेंसी की एक नई रिपोर्ट में, कोविड-19 के कारण अन्तरराष्ट्रीय वायु यात्राओं में आई भीषण गिरावट की पुष्टि करती है. रिपोर्ट दर्शाती है कि वर्ष 2020 में लगभग 60 प्रतिशत कमी आई है और इस तरह की गिरावट, अन्तिम बार वर्ष 2003 में दर्ज की गई थी.
अन्तरराष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन (ICAO) ने शुक्रवार को बताया कि सीटों की क्षमता में वर्ष 2020 में 50 प्रतिशत की गिरावट आई, और उस वर्ष यानि 2020 में केवल एक अरब 80 करोड़ यात्रियों ने विमान यात्राएँ कीं.
वर्ष 2019 में यह संख्या चार अरब 50 करोड़ थी.
NEWS RELEASE: 2020 passenger totals drop 60 percent as #COVID19 assault on international mobility continues https://t.co/TNRmfxXsXT#aviation @UN_News_Centre pic.twitter.com/UdXLrjeudU
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विमान यात्राओं में आई भारी गिरावट से उद्योग को 370 अरब डॉलर का नुक़सान हुआ है.
इसके अतिरिक्त हवाई अड्डों को 115 अरब डॉलर और और विमान संचालन सेवा प्रदाताओं को 13 अरब डॉलर का घाटा हुआ है.
कोरोनावायरस के दुनिया भर में फैलने से उभरी आशंकाओं और चिन्ताओं के कारण मार्च 2020 के अन्त तक वायु परिवहन उद्योग लगभग पूरी तरह से ठप हो गया था.
राष्ट्रव्यापी तालाबन्दियों के लागू होने के बाद अप्रैल 2020 तक वर्ष 2019 के स्तर की तुलना में यात्रियों की कुल संख्या मे 92 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
यूएन एजेंसी के मुताबिक, “वर्ष 2020 के आख़िरी चार महीनों के दौरान, इस सैक्टर की पुनर्बहाली के प्रयास और भी ज़्यादा नाज़ुक होने के साथ-साथ झटकों से भी भर गए, जोकि पहली मन्दी से पूरी तरह उबरने से पहले ही दूसरी मन्दी का संकेत है.”
भिन्नताएँ
अन्तरराष्ट्रीय आवागमन में 98 प्रतिशत की कमी आई जबकि घरेलू उड़ानों में 87 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई. गर्मियों के दौरान हालात में मामूली सुधार देखने को मिला लेकिन यह थोड़े समय के लिये ही जारी रहा.
रिपोर्ट दर्शाती है कि घरेलू और अन्तरराष्ट्रीय वायु यात्राओं में विसंगति लगातार देखने को मिल रही है, जोकि अन्तराराष्ट्रीय स्तर पर लागू सख़्त उपायों का परिणाम है.
घरेलू यात्राओं में ज़्यादा सृदृढ़ता देखने को मिली है और वायु परिवहन उद्योग के लिये पुनर्बहाली की उम्मीदें इसी से बंधी हैं, विशेष रूप से चीन और रूस में. इन देशों में घरेलू यात्रियों की संख्या महामारी से पहले के स्तर पर पहुँच गई है.
वैश्विक स्तर पर घरेलू यात्रियों में 50 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है जबकि अन्तरराष्ट्रीय यातायात में 74 प्रतिशत (एक अरब 40 करोड़) की कमी आई है.
यातायात में गिरावट से वायु परिवहन उद्योग की वित्तीय देनदारियों पर सवाल खड़े हो गए हैं जिससे दुनिया भर में लाखों रोज़गारों पर भी ख़तरा मँडरा रहा है.
पर्यटन पर संकट
कोविड-19 के प्रभावों से वैश्विक पर्यटन पर भी गम्भीर असर हुआ है – 50 प्रतिशत अन्तरराष्ट्रीय यात्री विमान से अपने गंतव्य स्थानों पर पहुँचते थे.
यूएन एजेंसी के मुताबिक एशिया-प्रशान्त क्षेत्र में 120 अरब डॉलर, योरोप में 100 अरब डॉलर और उत्तर अमेरिका में 88 अरब डॉलर का नुक़सान हुआ है.
यह नुक़सान लातिन अमेरिका में 26 अरब डॉलर, कैरिबियाई क्षेत्र में 22 अरब डॉलर और मध्य पूर्व व अफ़्रीका में 14 अरब डॉलर आँका गया है.
नागरिक विमानन संगठन के मुताबिक लघु-अवधि में माँग में मन्दी लम्बे समय तक जारी रह सकती है और वर्ष 2021 की पहली तिमाही में वायु परिवहन पुनर्बहाली पर जोखिम बना रहेगा.
बताया गया है कि 2021 की दूसरी तिमाही तक सुधार की ज़्यादा उम्मीद नहीं है, हालांकि इस प्रक्रिया पर महामारी के प्रबन्धन की प्रभावशीलता और टीकाकरण मुहिम की तेज़ी का भी असर होगा.
यूएन एजेंसी के मुताबिक सबसे आशावादी परिदृश्यों में भी जून 2021 तक यात्रियों की संख्या में सुधार, वर्ष 2019 के स्तर की तुलना में, केवल 71 प्रतिशत के आसपास ही आ पाएगा.
यह आँकड़ा, अन्तरराष्ट्रीय उड़ानों के लिये 53 प्रतिशत और घरेलू उड़ानों के लिये 84 प्रतिशत रहने की उम्मीद है.
लेकिन अगर हालात यूँ ही जारी रहे तो केवल 49 फ़ीसदी सुधार ही अपेक्षित है, अन्तरराष्ट्रीय उड़ानों के लिये 26 प्रतिशत और घरेलू उड़ानों के लिये 66 प्रतिशत.