दारफ़ूर में हिंसा भड़कने पर गहरी चिन्ता, सरकार से सुरक्षा पक्की करने का आहवान

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने सूडान के पश्चिमी दारफ़ूर इलाक़े में बढ़ती हिंसा पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए, देश की सरकार से लड़ाई ख़त्म कराने और आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आहवान किया है.
मीडिया ख़बरों के अनुसार, बीते सप्ताहान्त के दौरान साम्प्रदायिक लड़ाई में, कम से कम 83 लोगों की मौत हो गई और 160 से अधिक घायल हो गए. हताहतों में, महिलाएँ और बच्चे भी हैं.
Secretary-General @antonioguterres voices deep concern over deadly clashes in West Darfur, calling on Sudanese authorities to expend all efforts to bring an end to the fighting. https://t.co/DQ2H2WLbMg
UN_Spokesperson
इस हिंसा में अनेक घरों के तबाह होने की भी ख़बरें हैं और लगभग 50 हज़ार लोग विस्थापित हुए हैं.
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के प्रवक्ता द्वारा रविवार को जारी वक्तव्य में सूडान सरकार से तनाव कम करने और स्थिति को बेहतर बनाने के लिये तमाम सम्भव प्रयास करने का आहवान किया गया है.
यूएन प्रमुख ने वक्तव्य में, सूडानी अधिकारियों से, सरकार के, नागरिक सुरक्षा के लिये राष्ट्रीय योजना के अनुरूप, लड़ाई ख़त्म कराने, क़ानून और व्यवस्था बहाल करने और आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी आहवान किया है.
एंतोनियो गुटेरेश ने पीड़ित परिवारों के प्रति सम्वेदना व्यक्त करते हुए, घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है.
ध्यान दिला दें कि दारफ़ूर में अफ्रीकी संघ और संयुक्त राष्ट्र का संयुक्त स्थिरता मिशन (UNAMID), दिसम्बर 2020 में समाप्त हो जाने के लगभग एक पखवाड़े के बाद ये हिंसा हुई है.
ये मिशन अब दारफ़ूर इलाक़े से अपना कामकाज पूरी तरह समेटने की प्रक्रिया में है और जून 2021 तक इस मिशन के वहाँ से पूरी तरह से हट जाने की योजना पर काम किया जा रहा है.
विशाल दारफ़ूर क्षेत्र लगभग स्पेन के आकार के बराबर है और वहाँ वर्षों से लड़ाई और साम्प्रदायिक तनाव रहे हैं.
हिंसा के कारण लाखों लोग विस्थापित हुए हैं जिनमें, बहुत से लोग तो भागकर पड़ोसी देश चाड पहुँचे हैं.
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कार्यों के संयोजन कार्यालय (OCHA) के अनुसार, दारफ़ूर क्षेत्र में लगभग 50 लाख लोगों को जनवरी से सितम्बर 2020 तक मानवीय सहायता उपलब्ध कराई गई.
दारफ़ूर, सूडान के बहुत निर्धन क्षेत्रों में से एक है, और केन्द्रीय दारफ़ूर इलाक़े में, निर्धनता की दर 67 प्रतिशत तक है. धन और कर्मचारियों के अभाव में, अनेक स्वास्थ्य सेवा केन्द्र भी बन्द हो गए हैं.